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Special : चुनाव से पहले ज्योतिष नगरी 'कारोई' पहुंच रहे नेता, पंडितों से पूछ रहे राजनीतिक भविष्य

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 18, 2023, 9:08 PM IST

विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान होने के बाद नेता भीलवाड़ा के कारोई गांव पहुंच रहे हैं. करोई गांव ज्योतिष नगरी के नाम से भी जाना जाता है. यहां पहुंच रहे नेता ज्योतिषियों से अपनी कुंडली दिखवा रहे हैं. पढ़िए ये रिपोर्ट...

Astrologer Village of Rajasthan
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ज्योतिष नगरी कारोई

भीलवाड़ा.देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. कई राजनीतिक दलों ने चुनाव मैदान में प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. इसी बीच भीलवाड़ा जिले के कारोई गांव में नेताओं की आवाजाही बढ़ गई है. यहां वो अपने राजनीतिक भविष्य जानने के लिए पहुंच रहे हैं. कारोई गांव में इससे पूर्व भी कई राजनेता आ चुके हैं.

चुनाव में जीत होगी या हार ? : भीलवाड़ा-राजसमंद राष्ट्रीय राजमार्ग पर भीलवाड़ा जिले से लगभग 18 किलोमीटर दूर कारोई गांव स्थित है, जहां कई वर्षों से ज्योतिष जन्म कुंडली, प्रश्न कुंडली और भृगु संहिता के आधार पर व्यक्ति का भविष्य बताते हैं. देश के पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा होने के बाद प्रत्याशी भी अपना भविष्य जानने यहां पहुंचे रहे हैं. इस दौरान नेताओं का प्रमुख रूप से पश्न होता है कि चुनाव में जीत होगी या हार ? अगर जीत होगी तो कोई बड़ा पद मिलेगा या नहीं ?

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विचार-विमर्श और सलाह लेने आते हैं नेता :कारोई गांव के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित ओमप्रकाश व्यास ने बताया कि देश में जिन-जिन राज्यों में चुनाव हैं, वहां के नेता जो ज्योतिष पर विश्वास करते हैं वह अपना भविष्य जानने पहुंचे रहे हैं. वह यहां विचार-विमर्श और सलाह लेते हैं. मुख्यतः राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के नेता यहां आ रहे हैं. उन्हें टिकट मिलेगा या नहीं, टिकट मिला तो जीतेंगे या नहीं, ये प्रश्न पूछते हैं. हम जन्मपत्री, हस्तरेखा और भृगु संहिता के आधार पर भविष्य बताते हैं.

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कई नेता आ चुके हैं भविष्य जानने के लिए :ज्योतिष नगरीकारोई गांव में पूर्व में कई नामचीन नेता अपना भविष्य जानने आ चुके हैं. इसमें पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई सोम भाई मोदी, कांग्रेस के नेता रघु शर्मा, धर्मेंद्र राठौर सहित कई राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं.

सीएम का चेहरा घोषित नहीं, इसलिए आकलन नहीं :ज्योतिषाचार्य व्यास ने कहा कि राजस्थान में सरकार के बारे में आकलन नहीं हुआ है, क्योंकि जब तक मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं होता है तब तक आकलन नहीं किया जा सकता. मुख्यमंत्री के चेहरे की चाल, दशा और उनकी कुंडली का अध्ययन कर ही भविष्यवाणी की जाती है, लेकिन इस बार राजनीतिक दलों ने मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा नहीं की है. ऐसे में सरकार किसकी बनेगी, इसके बारे में आकलन नहीं किया है. वहीं, पंडित गोपाल व्यास ने बताया कि भृगु संहिता के आधार पर भविष्य देखते हैं. उन्होंने यह भी दावा किया है कि पूर्व में कई तरह की भविष्यवाणी सच साबित हुई है. ज्योतिष नगरी कारोई गांव में वर्तमान में 50 से ज्यादा ज्योतिष केंद्र हैं.

ज्योतिष विज्ञान से ही विज्ञान के उत्पत्ति हुई :ज्योतिष डॉक्टर गोपाल उपाध्याय ने कहा कि ज्योतिष में विश्वास रखने वाले नेता स्वेच्छा से यहां आते हैं. विज्ञान ओर ज्योतिष एक है के सवाल पर पंडित गोपाल उपाध्याय ने कहा कि विज्ञान शिशुत्व काल में हैं, जबकि ज्योतिष विज्ञान हजारों-हजार साल पुराना है. ज्योतिष विज्ञान से ही विज्ञान की उत्पत्ति हुई है. आज भी ज्योतिष विज्ञान से ही विज्ञान बार-बार परीक्षण करके आगे बढ़ रहा है.

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