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जाट आरक्षण आंदोलन ने पकड़ा जोर, हाथों में लाठी-डंडे लिए बच्चों के साथ आंदोलन में शामिल हुई महिलाएं

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 19, 2024, 4:48 PM IST

Updated : Jan 19, 2024, 5:57 PM IST

केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे भरतपुर-धौलपुर के जाटों के आंदोलन के तीसरे दिन बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं. महिलाओं ने कहा कि वे किसी भी कीमत पर अपना हक लेकर रहेंगे.

women join reservation agitation
आंदोलन में शामिल हुई महिलाएं

जाट आरक्षण आंदोलन में कूदी महिलाएं

भरतपुर. केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे भरतपुर-धौलपुर के जाटों के आंदोलन ने शुक्रवार को उस समय जोर पकड़ लिया, जब सैकड़ों की संख्या में महिलाएं हाथों में लाठी-डंडे लिए आंदोलन स्थल पर पहुंच गईं. कड़ाके की सर्दी में महिलाओं के साथ छोटे-छोटे बच्चे भी आंदोलन में शामिल हो गए. जाट एकता के नारे लगाती हुई महिलाओं की जुबान पर हर हाल में केंद्र में आरक्षण लेने की मांग रही. महिला आंदोलनकारियों का कहना है कि चाहे रेल की पटरी उखाड़नी पड़े या फिर जान देनी पड़े, लेकिन इस बार केंद्र में ओबीसी आरक्षण लेकर रहेंगे.

आंदोलन स्थल जयचोली पहुंची महिला कृष्णा ने कहा कि हम आरक्षण लेने आए हैं. चाहे हमें दिल्ली तक जाना पड़े. मर जाएंगे, लेकिन हटेंगे नहीं. हम केंद्र में ओबीसी आरक्षण लेकर रहेंगे. महिला ने कहा कि हम भीख नहीं मांग रहे बल्कि अपना अधिकार मांग रहे हैं. जब प्रदेश के अन्य जिलों के जाटों को केंद्र में आरक्षण दे दिया गया है, तो भरतपुर-धौलपुर के जाटों को क्यों छोड़ दिया गया. इनको भी आरक्षण मिलना चाहिए. इन दोनों जिलों के जाट ही सरकार के दुश्मन हैं क्या? महिला ने कहा कि हम अपने बच्चों के भविष्य के लिए कुछ भी कर जाएंगे.

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संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि आंदोलन के तीसरे दिन की शुरुआत सुबह यज्ञ कर की गई. नेम सिंह ने कहा कि हम 22 जनवरी तक शांति से आंदोलन करेंगे. आज आसपास की महिलाएं और युवा आंदोलन में शामिल हुए हैं. कल से पूरे जिले की महिला और युवा आंदोलन में पहुंचना शुरू कर देंगे.

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नेम सिंह ने कहा कि 22 जनवरी शाम 5 बजे बाद पूरे जिले के जाटों के गांव के रास्ते, सड़क, हाइवे और रेलमार्ग बंद कर दिए जाएंगे. जिस तरह वर्ष 2017 में पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी मोटरसाइकिल पर सवार होकर बात करने आए थे, उसी तरह इस बार भी आंदोलन की पुनरावृत्ति होने जा रही है. हम बार-बार सरकार को समय दे रहे हैं ताकि कोई जाटों पर आरोप ना लगाए कि सीधे ही उग्र आंदोलन कर दिया.

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नेम सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार समय रहते समझदारी का परिचय दे ताकि हमें आंदोलन बड़ा ना करना पड़े. यदि आंदोलन उग्र होता है, तो उसकी जिम्मेदार सरकार की होगी. गौरतलब है कि भरतपुर-धौलपुर का जाट समाज केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर 17 जनवरी से जिले के जयचोली गांव में आंदोलनरत है. जाट समाज की ओर से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन किया जा रहा है. समाज ने चेतावनी दी है कि 22 जनवरी तक मांग नहीं मानी गई, तो आंदोलन उग्र होगा.

Last Updated : Jan 19, 2024, 5:57 PM IST

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