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क्लिंकर की चपेट में भरतपुर के हजारों लोग, चर्म, नेत्र और श्वसन रोग से हो रहे पीड़ित...NGT ने मांगी रिपोर्ट

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Published : Jul 5, 2021, 6:30 PM IST

Updated : Jul 5, 2021, 10:57 PM IST

भरतपुर में क्लिंकर (Clinker) लोगों के लिए खतरा बन रहा है. हजारों स्थानीय लोग क्लिंकर के कारण बीमार हो रहे हैं. इस पूरे मामले में NGT ने स्थानीय प्रशासन को रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

क्लिंकर के कारण भरतपुर में हो रही बीमारी

भरतपुर.शहर के रेल यार्ड में बीते कई साल से एनओसी कर खाली किया जा रहा क्लिंकर अब लोगों की जिंदगी के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है. अब तक पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा क्लिंकर अब लोगों को भी बीमारियों की ओर धकेलने लगा है. चिकित्सकों की मानें तो रेलवे यार्ड के आसपास की करीब आधा दर्जन कॉलोनियों के हजारों लोग चर्म रोग, नेत्र रोग और श्वसन रोग जैसी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं.

अब जांच रहे प्रदूषण का स्तर

इसको लेकर स्थानीय लोगों ने बार-बार जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया और प्रदर्शन भी किया है. अब एनजीटी ने क्लिंकर से फैल रहे प्रदूषण के स्तर की जांच के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और चिकित्सा विभाग के एक चिकित्सक की टीम गठित की गई है. यह टीम क्लिंकर से पहले, क्लिंकर खाली होने के दौरान और क्लिंकर खाली होने के बाद फैल रहे प्रदूषण के स्तर की जांच कर रही है.

चर्म रोग से हो रहे पीड़ित

90 फीसदी लोग बीमार

एनजीटी के आदेश के बाद सोमवार को डॉ. उदित चौधरी ने क्षेत्र के कॉलोनी वासियों की स्वास्थ्य जांच की. डॉ. चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य जांच के दौरान सामने आया कि क्षेत्र के करीब 90% लोग क्लिंकर की वजह से तमाम बीमारियों की चपेट में है. क्षेत्र के करीब 80 फीसदी लोग नेत्र रोग, 70 फीसदी लोग चर्म रोग 60 फीसदी लोग श्वसन संबंधी और अस्थमा की चपेट में हैं.

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वनस्पतियों को भी जला रहा क्लिंकर

डॉ. चौधरी ने बताया कि क्लिंकर लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो रहा है. क्लिंकर सूखा और गीला दोनों तरीके से लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान कर रहा है. डॉ उदित चौधरी ने बताया कि यदि सूखा क्लिंकर फेफड़ों में पहुंच जाता है तो वह फेफड़ों में जमा हो जाता है. इससे अस्थमा और श्वसन संबंधी बीमारियां हो जाती हैं. यदि क्लिंकर शरीर पर जमा हो जाता है और उसे पानी से धोते हैं तो इससे वह क्षारीय होकर चमड़ी को जला देता है. इतना ही नहीं क्लिंकर की वजह से वनस्पतियों पर भी नकारात्मक असर देखने को मिल रहा है.

7 को एनजीटी में सुनवाई

अतिरिक्त जिला कलेक्टर केके गोयल ने बताया कि फिलहाल एनजीटी के आदेश पर क्लिंकर लोडिंग-अनलोडिंग वाले स्थान का प्रदूषण स्तर जांचा जा रहा है. इसकी रिपोर्ट एनजीटी में प्रस्तुत की जाएगी. 7 जुलाई को एनजीटी में सुनवाई है.

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गौरतलब है कि शहर के रेलवे यार्ड में लंबे समय से खाली किए जा रहे क्लिंकर की वजह से करीब आधा दर्जन कॉलोनियों के हजारों लोग प्रभावित हैं. इनमें शास्त्री नगर, रूंधिया नगर, अग्रसेन नगर, श्याम नगर, अनुराग नगर और रणजीत नगर कॉलोनी के लोग चपेट में है. लोगों ने क्लिंकर के प्रदूषण से परेशान होकर कई बार जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया. जिसके बाद जिला कलेक्टर ने क्लिंकर के लोडिंग अनलोडिंग कार्य पर कुछ दिन पूर्व रोक लगा दी. इसके बाद अब एनजीटी के आदेश पर यहां के प्रदूषण स्तर की जांच कराई जा रही है.

Last Updated :Jul 5, 2021, 10:57 PM IST

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