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जाटों का महापड़ाव दूसरे दिन भी जारी, संयोजक नेम सिंह बोले-22 के बाद उग्र होगा आन्दोलन

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 18, 2024, 9:07 PM IST

ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर जाट समाज का धरना गुरुवार को भी जारी रहा. आंदोलन संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि 22 जनवरी के बाद भी मांग नहीं मानी गई, तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा.

demand of OBC reservation for Jats
जाटों का महापड़ाव दूसरे दिन भी जारी

22 जनवरी के बाद उग्र होगा आरक्षण का आंदोलन

भरतपुर. केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर और धौलपुर के जाटों का महापड़ाव दूसरे दिन गुरुवार को भी जारी रहा. कड़ाके की सर्दी में जाट समाज के लोग जयचोली गांव में आंदोलनरत हैं. गुरुवार को जाट समाज ने 22 जनवरी के बाद आन्दोलन उग्र करने की चेतावनी दी है. साथ ही बयाना विधायक डॉ रितु बनावत भी आंदोलन स्थल पर पहुंची और जाट समाज की मांग को जायज बताते हुए समर्थन दिया.

संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि केंद्र में भरतपुर और धौलपुर के जाट समाज को ओबीसी के आरक्षण का लाभ देना होगा. इस मांग को लेकर 17 जनवरी से महापड़ाव शुरू किया है. संघर्ष समिति ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को देखते हुए 22 जनवरी तक गांधीवादी तरीके से आंदोलन करने का निर्णय लिया है. अभी तक सरकार द्वारा कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की गई है. नेम सिंह ने कहा कि 22 जनवरी तक यदि सरकार की ओर से सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, तो आन्दोलन उग्र होगा और उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.

पढ़ें:जाटों का महापड़ाव: संयोजक नेम सिंह बोले-सरकार ने मांग नहीं मानी, तो वर्ष 2017 के आंदोलन की होगी पुनरावृत्ति

नेम सिंह ने कहा कि हम अपनी जायज मांग के लिए साल 1998 से लड़ रहे हैं. हमारे युवाओं क साथ खिलवाड़ हो रहा है. जाट समाज किसी भी कीमत पर अब बर्दास्त नहीं करेगा. सरकार रेल रोकने और सड़क जाम करने को ही आंदोलन मानती है, तो जाट समाज द्वारा रेल रोकने और सड़क को जाम करने की भी तैयारी कर ली है. सरकार वर्ष 2017 में भी हमारा आंदोलन देख चुकी है. उससे भी बड़ा आंदोलन इस बार होगा. एक-एक गली एक-एक सड़क पर जाम होगा. जाट समाज का बच्चा-बच्चा सड़क पर होगा.

विधायक ने दिया समर्थन:बयाना विधायक डॉ ऋतु बनावत और उनके पति भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ऋषि बंसल आंदोलन स्थल पर पहुंचे. जहां उन्होंने भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट आरक्षण की मांग को वाजिब ठहराया और कहा कि सरकार को दोनों जिले के जाटों को केंद्र में आरक्षण देना ही होगा. इस आंदोलन में समाज के साथ है.

पढ़ें:केंद्र में आरक्षण की मांग को लेकर कल से भरतपुर-धौलपुर के जाटों का आंदोलन, जयचौली पर महापड़ाव का ऐलान

आंदोलन में महिलाएं भी उतरीं: गुरुवार को जाट समाज के आंदोलन में महिलाएं भी कूद पड़ीं. आंदोलन स्थल पर महिलाओं ने भी धरना शुरू कर दिया है. महिलाओं ने कहा कि अपने बालकों के हक की लड़ाई के लिए वो भी समाज के आंदोलन में साथ हैं. सरकार को हमारी मांग माननी होगी और हक देना होगा. वहीं आंदोलन को देखते हुए धरनास्थल पर पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है. जयचोली रेलवे स्टेशन पर भी सुरक्षा बलों द्वारा पहरा दिया जा रहा है. धरनास्थल पर ही हलवाई लगाए गए हैं, जो आंदोलनकारियों के लिए खाने की व्यवस्था कर रहें हैं. इस भीषण सर्दी से बचने के लिए चारों ओर टेंट लगाया गया है.

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गौरतलब है कि भरतपुर और धौलपुर की जाटों की आरक्षण की मांग वर्ष 1998 से चली आ रही है. वर्ष 2013 में केंद्र में मनमोहन की सरकार ने भरतपुर और धौलपुर के जाटों सहित अन्य 9 राज्यों के जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण दिया था. लेकिन वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेते हुए 10 अगस्त, 2015 को भरतपुर और धौलपुर के जाटों का केंद्र व राज्य में ओबीसी का आरक्षण खत्म कर दिया था. उस समय तर्क था कि भरतपुर और धौलपुर के जाट पूर्व राजपरिवार से जुड़े हुए हैं. बाद में 23 अगस्त, 2017 को राज्य में दोनों जिलों की जाटों को ओबीसी में आरक्षण दे दिया गया.

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