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Bharatpur Big News : वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारी ने चहेतों का वाहन ठेके पर लगाने के लिए ताक पर रख दिए कायदे

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Published : May 24, 2023, 6:18 PM IST

राजस्थान के भरतपुर से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है, जहां वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारी ने चहेतों का वाहन ठेके पर लगाने के लिए सारे नियम-कानून ताक पर रख दिए. न्यूनतम दर वाले के बजाय दोगुना अधिक कीमत वाले को ठेका दे दिया. यहां जानिए पूरा ममला...

Bharatpur Sales Tax Department
वाणिज्यिक कर विभाग

किसने क्या कहा, सुनिए...

भरतपुर. वाणिज्यिक कर विभाग में एक सीटीओ अधिकारी द्वारा टेंडर प्रक्रिया में नियमों को दरकिनार कर चहेते को वाहन ठेका देने का मामला प्रकाश में आया है. नियमविरुद्ध किए गए इस टेंडर में एक नहीं बल्कि कई नियमों को दरकिनार कर दिया गया. इतना ही नहीं, टेंडर प्रक्रिया में सबसे कम दर के आवेदनकर्ता को वाहन ठेका देने के बजाय दोगुना अधिक दर वाले चहेते आवेदक को ठेका दे दिया गया, जिससे विभाग को भी राजस्व नुकसान उठाना पड़ेगा. इस पूरे मामले की पीड़ित आवेदक ने वाणिज्यिक कर विभाग के आयुक्त को ऑनलाइन शिकायत की है, जिसकी जांच भरतपुर कार्यालय के अतिरिक्त आयुक्त (एसी) को सौंपी गई है.

पहले आवेदन ही नहीं लिया : असल में वाणिज्यिक कर विभाग भरतपुर कार्यालय के वृत बिजनेस ऑडिट में वाहन लगाने के लिए टेंडर जारी किए गए. इसकी अंतिम तिथि 18 मई को दोपहर 12 बजे तक रखी गई. पीड़ित आवेदक बनवारी लाल ने बताया कि पहले तो सेल टैक्स ऑफिसर (सीटीओ) अमर सिंह ने 18 मई को टेंडर प्रक्रिया में पीड़ित का आवेदन ही जमा नहीं किया. लेकिन जब इसकी शिकायत अतिरिक्त आयुक्त को की गई तो आवेदन जमा किया.

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ऐसे टूटे नियम : पीड़ित आवेदक बनवारी लाल ने बताया कि वाहन लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया में कुल 5 आवेदन आए, जिनमें से तीन आवेदकों ने कोई दर नहीं भरी. इसलिए तीनों आवेदकों को टेंडर प्रक्रिया के अयोग्य मानते हुए रद्द कर दिया. अन्य दो आवेदकों में से एक आवेदक ने 27,500 रुपए मासिक दर भरी, जबकि बनवारी लाल ने 13,490 रुपए दर डाली. ऐसे में सबसे कम दर बनवारी लाल की थी और नियमानुसार सबसे कम दर वाले को टेंडर मिलना चाहिए, लेकिन सीटीओ अमर सिंह ने टेंडर 27,500 रुपए दर वाले आवेदक को दे दिया. यानी विभाग को हर माह करीब 14 हजार रुपए की राजस्व हानि होगी.

आयुक्त ने अतिरिक्त आयुक्त को सौंपी जांच : इस पूरे मामले की पीड़िता आवेदक बनवारी लाल ने वाणिज्यिक कर विभाग के आयुक्त को संपर्क पोर्टल पर शिकायत की, जिसके बाद आयुक्त ने मामले की जांच भरतपुर के अतिरिक्त आयुक्त (प्रशासन) राघवेंद्र सिंह को जांच सौंपी है.

नियमानुसार तीन आवेदन जरूरी : अतिरिक्त आयुक्त राघवेंद्र सिंह ने बताया कि विभाग का वाहन टेंडर प्रक्रिया का एक मामला संज्ञान में आया है. इसकी जांच की जा रही है. प्रारंभिक स्तर पर सामने आया है कि टेंडर विधि सम्मत नहीं हुआ है. नियमानुसार टेंडर प्रक्रिया में कम से कम तीन आवेदक होने चाहिए, लेकिन वृत बिजनेस ऑडिट के वाहन टेंडर प्रक्रिया में सिर्फ दो वैध आवेदन आने की जानकारी मिली है. मामले में अन्य भी त्रुटि की शिकायत हैं. फिलहाल, मामले की जांच की जा रही है. यदि जांच में टेंडर प्रक्रिया विधि सम्मत नहीं पाई गई, तो टेंडर प्रक्रिया को रद्द कर दिया जाएगा. इस संबंध में जब सीटीओ अमर सिंह से बात की तो उन्होंने पूरी टेंडर प्रक्रिया को सही ठहराते हुए कहा कि हमने नियमानुसार टेंडर किया है.

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