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SPECIAL: जिन पंडालों में कदम रखने की जगह नहीं होती थी, वो आज सूने पड़े हैं...डांडिया और गरबा की धूम भी गायब

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Published : Oct 26, 2020, 2:28 PM IST

झालावाड़ में कोरोना वायरस की वजह से इस बार शारदीय नवरात्री का पर्व भी ज्यादा बड़े स्तर पर नहीं मनाया जा रहा है. नवरात्री के पर्व पर डांडिया और गरबा का भी खास महत्त्व होता है, लेकिन इस बार जिले में ना डांडिया की धूम दिखाई दे रही है और ना ही गरबा का धमाल देखने को मिल रहा है. जिन जगहों पर नवरात्रो में रौनक छाई हुई रहती थी वह आज पूरी तरह से सुनसान पड़ी हुई है.

झालावाड़ नवरात्री की खबर, jhalawar navratri news
डांडिया और गरबा की धूम हुई गायब

झालावाड़.भारत में त्योहारों का विशेष महत्व है. वर्तमान में शारदीय नवरात्री चल रहे हैं और इन दिनों पूरे देश भर में धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहती है. देश के गांव कस्बों से लेकर शहर की गलियों में दुर्गा पूजा और डांडिया और गरबा के कार्यक्रम के धूमधाम से आयोजित होते हैं, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के प्रकोप से ना डांडिया की धूम दिखाई दे रही है और ना ही गरबा का धमाल देखने को मिल रहा है. ऐसे में लोग भी उत्साह के साथ मनाये जाने वाले इन त्योहारों को लेकर मायूस नजर आ रहे हैं.

डांडिया और गरबा की धूम हुई गायब

शारदीय नवरात्रों में झालावाड़ शहर में डांडिया और गरबा के साथ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते थे. जिनमें मुख्य रूप से अग्रवाल समाज और बस स्टैंड व्यापार समिति की तरफ से आयोजित करवाए जाने वाले कार्यक्रम विशेष आकर्षण के केंद्र हुआ करते थे.

नवरात्री में डांडिया और गरबा की रहती है धूम

इन कार्यक्रमों में हजारों की संख्या में लोग भाग लेने और देखने के लिए आते थे. ऐसे में जिन पंडालों में इन दिनों कदम रखने की जगह नहीं हुआ करती थी वह आज पूरी तरह से खाली पड़े हुए हैं. जिन जगहों पर नवरात्रो में रौनक छाई हुई रहती थी वह आज पूरी तरह से सुनसान पड़ी हुई है.

कोरोना की वजह से सूने पड़े है मंदिर

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अग्रवाल समाज के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि शारदीय नवरात्रों में सभी 9 दिनों तक समिति की ओर से विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते थे. जिनमें डांडिया, गरबा, कवि सम्मेलन, भजन संध्या, नृत्य प्रतियोगिता, गायन प्रतियोगिता और प्रतिभा सम्मान समारोह जैसे कार्यक्रम आयोजित होते थे. इनमें मुख्य रुप से गरबा का कार्यक्रम मुख्य आकर्षण का केंद्र हुआ करता था. जिसमें जिले भर से विभिन्न समाजों के लोग बड़ी संख्या में आते थे, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते इन कार्यक्रमों को निरस्त कर दिया गया है ताकि कोरोना का संक्रमण लोगों में न फैले.

झालावाड़ का माता मंदिर

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वहीं, बस स्टैंड व्यापार समिति के अध्यक्ष महावीर दाधीच ने बताया कि बीते दो दशकों से बस स्टैंड पर नवरात्रों में विशेष पूजा अर्चना और सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है लेकिन इस बार सरकार की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए सभी आयोजनों को निरस्त कर दिया गया है. इस साल महज माताजी के मंदिर में पूजा अर्चना की जा रही है और आशीर्वाद मांगा जा रहा है कि अगले साल पूरे हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ नवरात्रि का पर्व मना सकें.

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