ETV Bharat / state

Special: इस दिवाली गोबर से बने इकोफ्रेंडली दीये करेंगे घरों को रोशन, जानें 'आस लैंप' की खूबियां

author img

By

Published : Oct 24, 2020, 1:42 PM IST

जयपुर में इस साल दिवाली के अवसर पर गोबर के दीये बनाए जा रहे हें. ये दीये पर्यावरण को शुद्ध और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए काफी उपयोगी साबित होंगे. प्रदेश की कुछ महिलाओं ने मिलकर 'आस लैंप' नाम से गोबर के दीपक बनाना शुरू किया है, जिसकी सोशल मीडिया पर खूब डिमांड देखने को मिल रही है. पढ़ें पूरी खबर विस्तार से...

जयपुर की खबर, jaipur news
जयपुर में महिलाएं बना रही है गोबर से दीये

जयपुर. गाय के गोबर से खाद और बायोगैस बनाने के बारे में तो सभी ने सुना होगा, लेकिन इस दिवाली गोबर के बने दीपक और हवन के लिए समिधा भी मिलेगी. जिसे जयपुर की महिलाएं बना रही है. जहां पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भर भारत का एक बड़ा उदाहरण देखने को मिल रहा है. दीपावली पर गौ माता के गोबर से बनाए दीयों से इस बार दिवाली रोशन होगी. जयपुर में सांगानेर की कुछ महिलाओं ने मिलकर 'आस लैंप' नाम से गोबर के दीपक बनाना शुरू किया है, जिसकी सोशल मीडिया पर खूब डिमांड देखने को मिल रही है.

जयपुर में महिलाएं बना रही है गोबर से दीये

इस बेहतरीन पहल की शुरुआत करने वाली आशा सैनी पशुपालन तो करती ही है, साथ ही जो गाय का गोबर एकत्रित होता है उसके साथ जड़ी बूटियां मिलाकर गोबर दीपक और अन्य सामान भी बना रही है. बचपन से गाय पालने वाली आशा सैनी का कहना है कि, सड़क पर बेसहारा और बूढ़ी गायों को देखकर उन्होंने इस तरह के दीपक बनाने का सोचा और ये काम शुरू किया. आशा सैनी का मानना है कि, जैसे गाय के घी से किए हुए हवन से देवता अधिक प्रसन्न होते हैं.

जयपुर की खबर, jaipur news
इकोफ्रेंडली दीये करेंगे घर-आंगन को रोशन

पढ़ेंः Special: ट्रैफिक कंट्रोल या अपराधियों पर कसना हो शिकंजा...'तीसरी आंख' पर पुलिस को भरोसा

गोबर से लिपे हुए मकान में निवास करने पर चित्त अधिक शांत रहता है. पंचामृत या पंचगव्य पीने से बुरेकर्मों के प्रति स्वयं की घृणा भावना उत्पन्न होने लगती है. यह सभी बातें आध्यात्मिक उन्नति में भारी सहायक होती हैं. इनकी इस पहल को लेकर लोगों में अच्छा खासा रुझान है और केमिकल फ्री गोबर दीपक लेने के लिए उन्हें ऑनलाइन ऑर्डर मिलने भी शुरू हो गए हैं.

जयपुर की खबर, jaipur news
महिलाएं मिलकर बना रही है गोबर के दीये

महिलाओं का कहना है कि, मुंबई, दिल्ली, लखनऊ और मध्य प्रदेश से भी ऑर्डर मिले हैं और दिवाली पर गोबर से बने दीपक जलाने को लेकर लोगों में खासा उत्साह है. यह देखने में काफी आकर्षण भी लगते हैं और इनकी मजबूती भी काफी अच्छी होती है. इन्हें हम अपने घर में या कमरे में भी रख सकते हैं. साथ ही आने वाले गेस्ट को उसे उपहार के तौर पर भी भेंट किया जा सकता है. वहीं, लोगों की इस डिमांड को देखते हुए इन महिलाओं ने छोटे-छोटे गिफ्ट हैंपर्स के तौर पर भी गोबर से बने दीपक बनाने शुरू कर दिए हैं.

जयपुर की खबर, jaipur news
बाजार में बिकने के लिए दीये की पैकिंग

इन गोबर से बने दीपक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि, दीपावली पर इनको रोशन करने के बाद ये घर के वातावरण को शुद्ध और सुगंधित करेंगे. साथ ही जलने के बाद शेष दीपक पेड़ पौधों में खाद के रूप में भी काम आ सकेंगे. इन दीपक को जलाने से आपके घर में हवन हो जाएगा और आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में इससे बेहतर और क्या हो सकता है. इन महिलाओं का कहना है कि, बढ़ती मांग और जरूरत के हिसाब से उन्होंने दीपक को भी चार हिस्सो में बांट रखा है. जैसे कि कुछ को नीम और गोबर से बने दीपक पसंद आते हैं, तो कुछ लोगों को हवन सामग्री से बना दीपक ज्यादा अच्छे लगते हैं.

जयपुर की खबर, jaipur news
गोबर से बने खूबसूरत दीये

पढ़ेंः SPECIAL: 8 महीने में ही उखड़ गया बांसवाड़ा का राष्ट्रीय राजमार्ग 927A, अब चढ़ाई जा रही है डामर की कारियां

साथ ही कॉरपोरेट वर्ल्ड में भी लोग इनके प्रोडक्ट को अपना रहे हैं, ताकि पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त किया जा सकते हैं. ये दिवाली हमारी आर्थिक समस्याओं को सुलझाने का शुभ अवसर है या यूं कह कि दीपावली राष्ट्र की आर्थिक व्यवस्था को दिग्दर्शन करने और उसकी प्रगति के लिए नवीन योजना बनाने का समय है. क्योंकि गाय के गोबर से बने दीपकों से ग्रामीण अंचल की महिलाओं को रोजगार भी मिला और इको फ्रेंडली दीपावली मनाने से स्वदेशी अभियान को बल भी मिलेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.