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सरिस्का: बाला किला बफर जोन में शुरू होगा सफारी का नया रुट, कोरोना गाइडलाइन के साथ पर्यटक उठा सकेंगे लुत्फ

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Published : Apr 8, 2021, 7:47 PM IST

Updated : Apr 9, 2021, 9:52 PM IST

सरिस्का में बाघों की दहाड़ अब और अधिक सुनने को मिल रही है. यहां बाघों का कुनबा बढ़ने के साथ आने वाले पर्यटकों की संख्या भी बढ़ी है. पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए सरिस्का प्रशासन ने बाला किला बफर जोन में नया रूट बनाया है. जल्द ही पर्यटक इस रूट पर सफारी का आनंद ले सकेंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें सरिस्का प्रशासन की विशेष गाइडलाइन का पालन भी करना होगा.

नए रूट पर सफारी कर सकेंगे पर्यटक, अलवर सरिस्का की ताजा खबर, Safari news in Sariska,  New Route in Bala Fort Buffer Zone
सरिस्का के बाला किला बफर जोन में नया रूट

अलवर.सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ रहा है. यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी बीते सालों की तुलना में इजाफा हुआ है. ऐसे में सरिस्का प्रशासन ने बाला किला बफर जोन में नया रूट बनाया है. जल्द ही लोग इस रूट पर सफारी का आनंद ले सकेंगे. इसके अलावा सरिस्का क्षेत्र में भी नए रूट बनाने की प्रक्रिया चल रही है. इसका प्रस्ताव भी मुख्यालय भेजा गया है. हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरिस्का प्रशासन ने पर्यटकों के लिए कोराना गाइलाइन की विशेष पालना के निर्देश जारी किए हैं. ऐसे पर्यटकों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सफारी का सफर करना होगा.

सरिस्का के बाला किला बफर जोन में नया रूट

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886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला अलवर का सरिस्का जंगल देश का प्रसिद्ध टाइगर रिजर्व है. साल 2005 में सरिस्का बाघ विहीन हो गया था. उसके बाद रणथंभौर से बाघों को ट्रेंकुलाइज कर एयरलिफ्ट किया गया और सरिस्का लाया गया. साथ ही यहां फिर से बाघों का कुनबा बसाया गया. उसके बाद कई ऐसे मोड़ आए जब संभागों पर संकट के बादल मंडराते रहे. साल 2019 में सरिस्का में चार बाघ व बाघिन की मौत हुई, लेकिन उसके बाद फिर से यहां बाघों का कुनबा बढ़ा. इस समय सरिस्का क्षेत्र में 10 बाघिन, 6 बाघ व 7 शावक हैं. इसके अलावा सरिस्का क्षेत्र में 500 से अधिक पैंथर हैं.

नए रूट पर सफारी कर सकेंगे पर्यटक

बाला किला बफर जोन में शुरू हुई थी सफारी

4 साल पहले सरिस्का क्षेत्र में बाला किला बफर जोन में सफारी शुरू की गई थी. इस दौरान एक रूट बनाया गया था. इस रूट के तहत घूमने वाले पर्यटकों को बाला किला के साथ आसपास जंगल क्षेत्र का भ्रमण कराया जाता है. पर्यटक अंधेरी जंगल क्षेत्र में भी घूमना चाहते हैं. ऐसे में वे अतिरिक्त चार्ज देकर वहां घूम सकते हैं. अंधेरी जंगल घना जंगल है. वहां बाघ व पैंथर की मूवमेंट रहती है. इसलिए इस जंगल को बंद किया गया है. बीच में सरिस्का प्रशासन की तरफ से अंधेरी रूट को अलग से डिवेलप करने की योजना बनाई गई व इस पर सफारी शुरू की गई, लेकिन यह रूट लंबा रहता है. बारिश के समय में इस रूट पर खासी दिक्कतें आती हैं. इसके अलावा सिलीसेढ़ उसके आसपास क्षेत्र में भी सरिस्का प्रशासन की तरफ से बफर जोन का नया रोड बनाते हुए सफारी शुरू की गई, लेकिन लोगों ने उसे पसंद नहीं किया.

नए रूट पर सफारी का सफर

बफर जोन में नया रूट

पर्यटकों के लिए एक बार फिर से सरिस्का प्रशासन की तरफ से बफर जोन में नया रूट बनाया गया है. इस रूट के लिए प्रताप बंद चौकी के अलावा सीसीएफ ऑफिस व एक अन्य जगह से पर्यटक जिप्सी बुक कर सकेंगे. हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हो पाई है. लेकिन सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि नया रूट बनकर पूरी तरह से तैयार है. रूट को शुरू करने के लिए वन विभाग के अधिकारियों के पास आदेश आ चुके हैं. केवल उद्घाटन न होने के चलते इस रूट पर सफारी शुरू नहीं हुई है. यह रूट जयंती फार्म हाउस के पास लिवारी से शुरू होगा. उसके बाद जम्मू साना होता हुआ वापस उसी जगह पर समाप्त होगा.

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सरिस्का प्रशासन ने बताया कि पर्यटक जंगल में घूमने का आनंद ले सकें, इसके लिए सरिस्का क्षेत्र में भी दो नए रूटों पर काम चल रहा है. मुख्यालय से अनुमति के बाद इन रूटों को भी खोल दिया जाएगा. सरिस्का के बीच से अलवर-जयपुर सड़क मार्ग गुजरता है. इसके एक तरफ पांडुपोल हनुमान मंदिर और दूसरी तरफ सरिस्का का जंगल है. इस क्षेत्र में 3 रूट बने हुए हैं जिन पर पर्यटक सफारी का आनंद लेते हैं. दूसरे हिस्से में सफारी का एक भी रूट नहीं है जबकि इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में बाघ व बाघिन का मूवमेंट रहता है. पैंथर की हलचल भी लगातार बनी रहती है. सरिस्का प्रशासन की तरफ से इस क्षेत्र में सफारी शुरू करने की योजना बनाई जा रही है. सब ठीक रहा तो जल्द ही पर्यटक इस क्षेत्र में भी घूम सकेंगे.

24 घंटे रहती है सुरक्षा

सरिस्का क्षेत्र में 180 बॉर्डर होमगार्ड और होमगार्ड वनरक्षक 24 घंटे बाघ की सुरक्षा में रहते हैं. पगमार्क और रेडियो कॉलर के माध्यम से बाघों की सुरक्षा की जाती है. साथ ही सिरस्का क्षेत्र में 6 टावर लगे हुए हैं. इन पर हाई रेजुल्यूशन थर्मल कैमरे लगे हुए हैं जो 5 किलोमीटर दूरी से गुजरने वाले वाहन से जानवर की तस्वीर भी कैद कर सकते हैं. लगातार एक कंट्रोल रूम से इन कैमरों की मदद के जरिए जानवरों पर नजर रखी जाती है. सरिस्का प्रशासन की तरफ से कुछ नई जगहों को आईडेंटिफाई किया गया है जहां कैमरे और टावर लगाने का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है.

सफारी में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ख्याल

कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए लगातार नई गाइडलाइन जारी की जा रही है. सफारी के दौरान वैसे तो आमतौर पर एक जिप्सी में 6 लोग जाते हैं लेकिन कोरोना के चलते इन दिनों एक गाड़ी में 4 लोगों को सफारी के लिए भेजा जाता है. मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोगों को सफारी कराई जाती है. इस दौरान आने वाले पर्यटकों को सिलेक्टाइज करना सहित अन्य तरह की सावधानी भी लगातार रखी जा रही है. दूसरी तरफ वन विभाग लगातार पर्यटन को बढ़ाने के लिए नई योजनाएं शुरू कर रहा है. नए रूट बनाए जा रहे है. साथ ही पर्यटकों के बैठने और ठहरने के लिए भी कई व्यवस्थाएं की जा रही हैं.

सतर्कता के साथ हो सफारी

सतर्कता के साथ कराई जाए सफारी

इस बारे में लोकल एडवाइजरी कमेटी, टाइगर प्रोजेक्ट सरिस्का के सदस्य संजीव कारकवाल का कहना है कि कोरोना के दूसरे स्ट्रेन को देखते हुए सरिस्का में पर्यटकों को विशेष गाइडलाइन की पालना के साथ सफारी करानी चाहिए. जैसे जिप्सी या कंटेनर में लिमिटेड लोग बैठे, मास्क व सैनेटाइजर का प्रयोग करें ताकि पर्यटन का विस्तार भी हो, जंगल की भी सुरक्षा हो और जो लोकल गाइड या पर्यटन व्यवसाय से जुड़े अन्य लोग हैं उनका रोजगार भी प्रभावित न हो.

किया जाएगा डीकंजस्टेड

भीड़ बढ़ने पर किया जाएगा डीकंजस्टेड

डीकंजस्टेड पर एक नया प्रोजेक्ट हमारे पास आया है जिसमें हम लगातार निरीक्षण कर रहे हैं. इसमें चाहे बाजारों में भीड़ बढ़े या पर्यटन क्षेत्र में भीड़ बढ़ती दिखेगी तो उसे डीकंजस्टेड किया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी.

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सरिस्का में बढ़ रही फिल्मी सितारों की हलचल

कुछ दिन पहले सचिन तेंदुलकर की पत्नी और उनकी बेटी भी सरिस्का घूमने आईं थीं. उसके बाद सलमान खान की बहन और मां, एक्टर रितेश देशमुख भी पत्नी सहित कई फिल्मी सितारे सरिस्का घूमने के लिए आए. इस दौरान उन्होंने बाग में पैंथर की सेटिंग की.

फिर नजर आने लगा कोरोना का प्रभाव

बफर जोन में एक बार फिर से कोरोना का प्रभाव नजर आने लगा है. फरवरी में यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या हजारों में थी, लेकिन मार्च माह से लगातार पर्यटकों की संख्या कम हो रही है. एक दिन में बफर जोन में 15 से 20 पर्यटक घूमने के लिए आ रहे हैं. ऐसे में आने वाले समय में लगातार कोरोना का प्रभाव सरिस्का पर भी पड़ना तय है. बीते साल भी सरिस्का 2 माह के लिए कोरोना संक्रमण के चलते बंद रखा गया था.

सरिस्का में घूमने का खर्च

सरिस्का रिजर्व घूमने के लिए भारतीय व्यक्ति को 1050 रुपए प्रति और विदेशी के लिए 1800 रुपए खर्च करने पड़ते हैं. जिप्सी 4300 रुपए में बुक होती है. इसी तरह से बफर जोन में 1360 रुपए में जिप्सी बुक होती है. इस पर 6 लोग जा सकते हैं. इसमें 200 रुपए गाइड, 1000 जिप्सी व 160 रुपए सरकारी फीस शामिल है.

Last Updated :Apr 9, 2021, 9:52 PM IST

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