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अलवर में आरोग्य मेला: एक छत के नीचे मिलेंगी आयुर्वेद से जुड़ी सभी सेवाएं, मंत्री टीकाराम जूली ने किया उद्घाटन

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Published : Mar 23, 2023, 11:03 PM IST

अलवर में मंत्री टीकाराम जूली ने चार दिवसीय आरोग्य मेले का शुभारंभ किया. मेले में लोगों को एक छत के नीचे आयुर्वेद से जुड़ी सभी सेवाएं मिलेंगी.

अलवर में आरोग्य मेला
अलवर में आरोग्य मेला

अलवर. अलवर में एक ही छत के नीचे अब लोगों को आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी और पंचकर्म सहित सभी सुविधाएं मिलेंगी. अलवर में आरोग्य मेला शुरू हुआ है. यह मेला 4 दिनों तक चलेगा. लोगों को निशुल्क ओपीडी के साथ निशुल्क दवाएं भी दी जा रही हैं. इसके अलावा एक्यूपंचर सहित कई ऐसी तकनीक के बारे में भी लोगों को बताया जा रहा है जिससे लोगों को कई बीमारियों से राहत मिल सकती है.

मंत्री टीकाराम जूली ने आरोग्य मेले का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की योजनाएं आमजन के लिए हैं. निशुल्क दवा योजना से प्रत्येक व्यक्ति को फायदा मिला तो अब आयुर्वेद विभाग की भी कई योजनाएं गहलोत सरकार की ओर से शुरू की गई है. निरोगी राजस्थान के तहत सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. पहली बार आयुर्वेद के अस्पतालों को बेहतर करने का काम सरकार कर रही है. ब्लॉक गांव स्तर पर सेंटर शुरू किए जा रहे हैं.

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योग, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक जैसी सभी चिकित्सा पद्धतियों को आमजन तक पहुंचाने के लिए सरकार की तरफ से कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अलवर में 23 से 26 मार्च तक आरोग्य मेला चलेगा. इसमें लोगों को निशुल्क ओपीडी के साथ दवा मिलेगी. हालांकि मेले में पहले दिन दवाओं की कमी महसूस की गई. इस पर आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों ने कहा सभी तरह की दवाएं मेले में उपलब्ध रहेंगी. लोगों को स्वास्थ संबंधी किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी. मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि कोरोना काल मे सरकार ने पौधे बांटे थे.

कार्यक्रम के दौरान जिला प्रमुख बालवीर छिल्लर सहित तमाम नेता अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने कहा कि आयुर्वेद विभाग अप फिर से समृद्ध होने लगा है. सभी खाली पदों पर सरकार ने भर्तियां की हैं. सभी सेंटर पर योग कराया जा रहा है. लोग बीमार ना पड़े व स्वास्थ्य रहे आयुर्वेद ऐसा काम करता है. सबसे अहम बात की आयुर्वेद की दवाएं व्यक्ति के शरीर में साइड इफेक्ट नहीं करती है.

बीते कुछ सालों में आयुर्वेद गुम होने लगा था, लेकिन अब फिर से आयुर्वेद होम्योपैथी पंचकर्म एक्यूपंचर सहित सभी विधाओं को नई पहचान मिली है. देश विदेश में लोग इसको मानने लगे हैं. यह पद्धति हमारे देश की सालों पुरानी है. हमारे देश के ऋषि मुनि इन्हीं पद्धतियों पर व्यक्ति को जिंदा करते थे. जड़ी बूटियों का देश में भंडार है और इन जड़ी बूटियों के बलबूते देश को विशेष पहचान मिली है. इसीलिए देश-विदेश से लोग यहां घूमने आते हैं व रिसर्च करते हैं.

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