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फतेहसागर झील में पेट्रोल और डीजल संचालित नावों पर रोक, पर्यटक नहीं कर सकेंगे मोटरबोट से सैर

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Published : Oct 1, 2022, 7:55 PM IST

पेट्रोल और डीजल संचालित नावों पर रोक

उदयपुर के फतेहसागर झील में पेट्रोल और डीजल संचालित नावों पर रोक लगा दी (petrol diesel boat ban in fatehsagar lake) गई है. हाईकोर्ट ने पानी के दूषित होने की संभावना को लेकर की गई शिकायत पर यह फैसला सुनाया था. 30 सितंबर तक की मोहलत दी गई थी जिसके बाद आज बोटिंग पर प्रतिबंध लागू कर दिया गया. इससे यहां आने वाले पर्यटक बोटिंग न कर पाने पर निराश हुए.

उदयपुर.झीलों के शहर उदयपुर के ऐतिहासिक फतेहसागर झील में पेट्रोल और डीजल से चलने वाली बोट के संचालन पर रोक (petrol diesel boat ban in fatehsagar lake) लगा दी गई है. दरअसल हाईकोर्ट के आदेशों की पालना में (Udaipur UIT banned petrol diesel boat) उदयपुर यूआईटी ने नावों के संचालन पर रोक लगा दी है. इससे फतेहसागर झील में दौड़ने वाली पेट्रोल-डीजल की 28 नावों पर रोक लगा दी गई है. शनिवार से इन नावों के संचालन पर रोक लगाए जाने के कारण यहां आने वाले पर्यटक मोटर बोट पर झील की सैर करने का लुफ्त नहीं उठा पा रहे हैं. इससे पर्यटकों में निराशा है.

इस संबंध में दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने मार्च में बोट हटाने का आदेश देते हुए और 6 माह की मोहलत दी थी. 30 सितंबर को यानी कल यह छूट समाप्त हो गई थी. इसलिए झील में बोटिंग कराने वाले ठेका संचालकों को नगर विकास प्रन्यास के सचिव बाल मुकुंद असावा ने आदेश जारी कर बोट हटाने के लिए कहा है.

उदयपुर यूआईटी ने नावों के संचालन पर रोक लगाई

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बोटिंग करने आए पर्यटक मुकेश ने बताया कि उदयपुर की फतेहसागर झील में वह बोटिंग करने के लिए आए थे लेकिन पता चला कि प्रशासन की ओर से पेट्रोल औऱ डीजल संचिलित नावों पर रोक लगा दी है. ऐसे में निराश होकर वापस जाना पड़ रहा है. वहीं मेवाड़ वोटिंग के सदस्य अशोक कुमार मेवाड़ा ने बताया कि उदयपुर की ऐतिहासिक फतेहसागर झील में पेट्रोल और डीजल की नावों को बंद कर दिया गया है. हाईकोर्ट ने 6 महीने पहले आदेश दिया था कि झील में सिर्फ सोलर सिस्टम व बैटरी से चलने वाले नाव का संचालन होगा. ऐसे में फतेहसागर झील पर चलने वाली बोटिंग यूआईटी से अधिकृत है.

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नावों का संचालन करने वाले कंपनी के एक अन्य कर्मचारी ने बताया कि फिलहाल हमारे पास कोई काम नहीं है. कोर्ट के आदेश के आने के बाद तय होगा कि नाव का संचालन होना है, या नहीं. उन्होंने बताया कि सोलर बैटरी से चलने वाले इंजन काफी महंगे आते हैं. दरअसल कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें झीलों से पेट्रोल-डीजल चलित नावों को हटाने का अनुरोध किया था.

तर्क दिया था कि पेट्रोल-डीजल चलित बोट से पक्षियों सहित जलीय जीवों पर संकट हो सकता है. इसके साथ ही झीलों का पानी शहरवासियों के पीने के उपयोग में आता है. ऐसे में डीजल संचालित नावों से झील का पानी भी दूषित होता है. इस पर हाईकोर्ट ने रोक लगाने के सात डीजल और पेट्रोल संचिलित नावें हटाने का आदेश दिया. अब यहां सोलर और बैटरी चलित नावें ही चला सकते हैं.

इस पूरे मामले में हाईकोर्ट ने 6 माह पहले आदेश देकर पिछोला और फतेहसागर झील में डीजल और पेट्रोल से चलने वाली नाव को 6 माह में बाहर करने के आदेश दिए थे. ऐसे में इस आदेश को आज से लागू कर दिया गया है. कोर्ट के इसी आदेश की पालना में यूआईटी ने फतेहसागर में नाव का संचालन बंद करने को कहा है. इस मामले में अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी.

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