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JEE Advanced 2022 : NEET UG व JEE MAIN से अलग टाई ब्रेकिंग नियम, उम्र और रजिस्ट्रेशन नंबर का क्राइटेरिया नहीं

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Published : Apr 16, 2022, 4:11 PM IST

ऑल इंडिया रैंक निकालने के लिए जेईई एडवांस के लिए टाई ब्रेकिंग रूल्स भी आईआईटी काउंसिल ने जारी किए (JEE Advanced exam rules released) हैं. यह नियम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की आयोजित जेईई मेन और नीट यूजी 2022 से बिल्कुल अलग हैं. इन दोनों परीक्षाओं में उम्र और रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर भी ऑल इंडिया रैंक जारी की जाएगी, लेकिन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजीज के लिए आयोजित होने वाली जेईई एडवांस में ऐसा नहीं होगा.

Tie breaking rules in JEE Advanced 2022
NEET UG व JEE MAIN से अलग टाई ब्रेकिंग नियम, उम्र और रजिस्ट्रेशन नंबर का क्राइटेरिया नहीं

कोटा. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मुंबई, जेईई एडवांस 2022 परीक्षा (JEE Advanced 2022) आयोजित करेगा. इसके लिए आईआईटी मुंबई ने हाल ही में अपडेटेड इनफॉरमेशन ब्रोशर जारी किया था. जिसमें जेईई एडवांस 2022 की नई तारीख और परीक्षा आयोजन संबंधित नियम भी जारी किए (Tie breaking rules in JEE Advanced) हैं. ऐसे में ऑल इंडिया रैंक निकालने के लिए टाई ब्रेकिंग रूल्स भी आईआईटी काउंसिल ने जारी किए हैं.

यह नियम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की आयोजित जेईई मेन और नीट यूजी 2022 से बिल्कुल अलग है. इन दोनों परीक्षाओं में उम्र और रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर भी ऑल इंडिया रैंक जारी की जाएगी, लेकिन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजीज के लिए आयोजित होने वाली जेईई एडवांस में ऐसा नहीं होगा. जेईई एडवांस के लिए उम्र और रजिस्ट्रेशन नंबर का क्राइटेरिया ट्राई ब्रेकिंग रूल्स में शामिल नहीं किया गया है. एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) की गिनती सिर्फ देश के ही नहीं विश्व के श्रेष्ठ इंजीनियरिंग व तकनीकी संस्थानों में की जाती है. इन संस्थानों को विश्वस्तर पर श्रेष्ठ बनाने में यहां के शिक्षकों, शिक्षा प्रणाली के अतिरिक्त प्रवेशित विद्यार्थियों के चयन के लिए उपयोग की जाने वाली प्रक्रिया भी तार्किक रहती है. यह प्रवेश की प्रक्रिया द्विस्तरीय है.

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प्रथम स्तर पर जेईईमेन के टॉपर ढाई लाख एडवांस्ड प्रवेश परीक्षा में शामिल होते हैं. बाद में द्वितीय स्तर जेईई एडवांस्ड परीक्षा का आयोजन कर मेरिट सूची के आधार पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटीज) के अंडर-ग्रेजुएट, डुएल-डिग्री व इंटीग्रेटेड कोर्सेज की सीटों पर प्रवेश दिए जाते हैं. चयन प्रक्रिया उच्च स्तरीय होती है. ऐसे में जेईई एडवांस की ऑल इंडिया रैंक में दो या दो से अधिक विद्यार्थियों के मध्य 'टाई' भी होता है, तब आईआईटी काउंसिल की 'टाई-ब्रेकिंग' के लिए अत्यंत तार्किक व औचित्यपूर्ण नियम बनाए गए हैं, जिसके जरिए सिर्फ श्रेष्ठ-विद्यार्थियों का ही चयन हो सके. जेईई-मेन व नीट-यूजी में 'रजिस्ट्रेशन-संख्या' के आधार पर भी टाई-ब्रेकिंग का तर्कहीन नियम शामिल है.

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इस तरह से समझिए जेईई एडवांस के टाई ब्रेकिंग नियम को: देव शर्मा ने बताया कि जेईई एडवांस के टाई ब्रेकिंग नियमों के अनुसार 'टाई' होने पर 'अधिक धनात्मक-अंक' प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को बेहतर रैंक प्रदान की जाती है. यदि फिर भी 'टाई' होता है, तब विद्यार्थी के 'गणित' विषय में अर्जित किए गए अंकों के आधार पर टाई रिजॉल्व की जाती है, यानि गणित विषय में अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को बेहतर रैंक दी जाती है. फिर भी टाई होता है, तब फिजिक्स विषय में अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को बेहतर रैंक मिलती है. इसके बाद भी 'टाई' होने पर समान-रैंक आवंटित की जाती है. जेईई एडवांस के टाई-ब्रेकिंग नियमों में केमिस्ट्री विषय के अंको की कोई भूमिका नहीं है.

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