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राधेश्याम मीणा का शव कोटा पहुंचा, परिवार संग प्रशासन की सहमति बनने के बाद हुआ अंतिम संस्कार

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Published : Sep 21, 2022, 10:31 AM IST

Updated : Sep 21, 2022, 4:28 PM IST

Kota Administration on Alert

थाने में आकर आत्मदाह का प्रयास करने वाले राधेश्याम के मामले में प्रशासन और परिजनों के बीच सहमति बन गई है. उसकी पत्नी अंतिमा, जिला कलेक्टर ओपी बुनकर और एसपी केसर सिंह शेखावत बीच हुई वार्ता सफल बताई जा रही है. दिल्ली एम्स में निधन के बाद राधेश्याम मीणा का शव आज कोटा पहुंचा. राधेश्याम का अंतिम संस्कार पुलिस जाप्ते की मौजूदगी में किया गया.

कोटा.परिवार और जिला प्रशासन के बीच वार्ता सफल रही. परिवार की डिमांड थी कि उन्हें मौत के बदले60 लाख रुपए का मुआवजा, सरकारी नौकरी और आवास मुहैया कराया जाए. हालांकि जिला कलेक्टर ओपी बुनकर का कहना है कि सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती और इतनी बड़ी राशि भी संभव नहीं होगी, क्योंकि यह मामला आत्महत्या से जुड़ा है. इस मामले में अब 306 धारा जोड़कर आगे की कार्रवाई होगी. जिसमें राधेश्याम मीणा की पत्नी अंतिमा के बयान लिए जाएंगे और उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी.

जिला परिषद प्रशासन ने भी नहीं बताया कि कितना मुआवजा दिया जाएगा. अंतिमा ने भी मीडिया से बातचीत नहीं की. पुलिस घेरे में उसे रखा गया. मीडिया ने जब बातचीत की कोशिश की तब भी राधेश्याम की पत्नी कुछ नहीं बोली और फिर मीडिया कर्मियों को हटाते हुए पुलिसकर्मी उसे जीप में बैठाकर ले गए. घर जाकर परिवार के साथ अंतिमा ने परिजनों के साथ अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की. थोड़ी देर बाद राधेश्याम मीणा का अंतिम संस्कार खंड गावडी स्थित मुक्तिधाम पर किया गया. इस दौरान भारी मात्रा में पुलिस जाप्ता तैनात रहा. किसी भी बाहरी व्यक्ति को वहां पर जाने नहीं दिया गया. जिला प्रशासन के सूत्रों से पता चला है कि 6 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी. जिसमें 1 लाख रुपए निजी स्कूल, जहां राधेश्याम की पत्नी पढ़ाती थी, 2 लाख रुपए शहर एसपी, 3 लाख एसटीएससी विधवा कोटा से मिलेंगे. राधेश्याम की पत्नी ने एमए बीएड है.

कोटा पहुंचा राधेश्याम मीणा का शव

ऐसे में उसने सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया हुआ. जिला प्रशासन से सहमति बनी है कि उसकी कैटेगरी में बदलाव कर दिया जाएगा. अब उसे एसटी विधवा कोटे में जोड़ा जाएगा. जिसके बाद उसको परीक्षा देने के बाद नौकरी मिल जाएगी. राधेश्याम मीणा के दोनों बच्चों अलीशा और शिवम को पालनहार योजना से जोड़ा जाएगा. साथ ही 2000 महीना समाज कल्याण विभाग की ओर से मिलेगा और पूरी पढ़ाई भी फ्री होगी.

एम्स में मौत:नयापुरा थाने में पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज होकर आत्मदाह करने वाले राधेश्याम मीणा की दिल्ली एम्स में उपचार के दौरान मौत हो गई. मंगलवार को ही दिल्ली में पोस्टमार्टम हुआ और शव को कोटा के लिए रवाना कर दिया गया. बुधवार (21 सितंबर) तड़के कोटा पहुंच गया. शव को मीणा के खंड गावडी स्थित घर ले जाया गया. राधेश्याम की पत्नी अंतिमा और मामा का लड़का भी साथ में पहुंचे हैं.

राधेश्याम के दोनों बच्चे अलीशा और शिवम घर पर ही थे. अन्य परिजन भी घर पर पहुंच रहे हैं. पुलिस ने मृतक के घर को पूरी तरह से घेर लिया था. कानून व्यवस्था के मद्देनजर आईजी रेंज खमेसरा ने आसपास के इलाकों से भी पुलिस जाब्ता बुलाया. बूंदी से भी पुलिस बल कोटा बुलाया गया (Kota Administration on Alert).

नहीं पहुंचे भाजपा नेता: आशंका थी कि किरोड़ी लाल मीणा अपना विरोध दर्शाने वहां पहुंच सकते हैं. इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी पहले से ही उग्र थी, लेकिन आज पुलिस की चाकचौबंद व्यवस्था के चलते भारतीय जनता पार्टी का कोई भी नेता नजर नहीं आया. यहां तक कि विधायक संदीप शर्मा, मदन दिलावर, पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल और शहर जिला अध्यक्ष कृष्ण कुमार सोनी रामबाबू भी नदारद रहे. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष अनिल शर्मा ने इसके लिए सूचना भी सोशल मीडिया ग्रुप में जारी कर दी थी. वो कुछ लोगों को लेकर धरने पर भी देर रात को बैठ गए थे. पुलिस ने उन्हें हटा दिया और उसके बाद वो नजर नहीं आए.

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नयापुरा थाना, धारीवाल के घर के बाहर पुलिस तैनात:भारी मात्रा में पुलिस जाब्ता नयापुरा थाने के बाहर तैनात है. जेके लोन अस्पताल तिराहे से लेकर महर्षि नवल सर्किल तक पुलिसकर्मियों को देखा जा सकता है. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के घर के बाहर भी भारी पुलिस जाब्ता मौजूद है. कलेक्ट्रेट और आईजी ऑफिस के बाहर भी वर्दीधारी नजर आ रहे हैं.

मृतक राधेश्याम मीणा के घर के बाहर भी पुलिस है. मामले की गंभीरता को देखते हुए मृतक की गली में किसी भी व्यक्ति को जाने नहीं दिया जा रहा है. पुलिस ने बैरिकेडिंग की हुई है. इन सभी जगह पर करीब 500 से ज्यादा पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं. जिसमें कमांडो, आरएसी, क्विक रिस्पांस टीम और पुलिस के जवान शामिल हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में सादा वर्दी में भी पुलिस कर्मी मौजूद हैं.

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क्या है मामला?:राधेश्याम ने क्षेत्रीय पार्षद हरिओम सुमन और उसके दो अन्य साथियों पर मारपीट का आरोप लगाया था. जिसमें पुलिस को शिकायत दी थी कि वह घर पर मौजूद था इस दौरान क्षेत्रीय पार्षद हरिओम सुमन सोशल मीडिया पोस्ट से नाराज होकर उसके घर पर मारपीट करने पहुंचा है. राधेश्याम का आरोप था कि इस मामले में वह लगातार थाने में जा रहा था. लेकिन उसकी सुनवाई नहीं होने का आरोप परिजन लगा रहे हैं. वहीं हरिओम सुमन ने भी इसी संबंध में शिकायत दी थी. लगातार थाने के चक्कर काट कर हरिओम सुमन परेशान हो गया था. इसी के चलते उसने पेट्रोल डालकर थाने में ही आग लगा ली. राघेश्याम ने 15 सितंबर शाम करीब 7:45 बजे थाने पर पहुंचा. थाने के बाहर गाड़ी खड़ी की. बाइक से पेट्रोल निकालकर अपने ऊपर उड़ेल लिया और थाने के अंदर परिसर में जाकर खुद को आग लगा ली, इस दौरान मौजूद पुलिसकर्मियों ने आग को बुझाया और उसे अस्पताल में भर्ती करवाया था.

Last Updated :Sep 21, 2022, 4:28 PM IST

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