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Impact News: सीएम ने किया ट्वीट, लिखा- जल्द नियुक्त होंगे स्थाई और अस्थाई स्टाफ, भवन की समस्या भी करेंगे दूर

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Published : Jul 28, 2022, 2:10 PM IST

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ईटीवी भारत में 27 जुलाई बुधवार को "Higher Education In Rajasthan: नेताओं की डिमांड पर सरकार ने वाहवाही लूटने के लिए खोले कॉलेज, न फैकल्टी न स्टाफ... क्लासेज लगना तो दूर की कौड़ी" शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था. इसमें उच्च शिक्षा की बदहाल हकीकत दिखाई गई थी. खबर के बाद ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में आए हैं. उन्होंने ट्वीट कर व्यवस्था जल्द दुरुस्त करने का भरोसा दिलाया है.

कोटा.प्रदेश में नेताओं की मांग पर राज्य सरकार लगातार कॉलेज खोले जा रही है, लेकिन उनमें फैकल्टी और नॉन टीचिंग स्टाफ की काफी कमी बनी हुई है (Higher Education In Rajasthan). किसी भी शिक्षा व्यवस्था का ये अनमोल अंग होते हैं. इनकी कमी छात्रों के भविष्य को अंधेरे में धकेल सकती है. जनसरोकार की जिम्मेदारी निभाते हुए GenX की इस दुखद स्थिति को बयां करती रिपोर्ट ईटीवी भारत ने दिखाई और उसका असर भी होता दिखने लगा है. प्रदेश के मुखिया ने हमारी खबर प्रकाशित होने के 24 घण्टों के भीतर ट्वीट किया है. उन्होंने शैक्षिक माहौल को दुरुस्त कपने की गर्ज से जल्द एक्शन लेने का दावा किया है.

सीएम का ट्वीट: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक्शन लेते हुए कार्रवाई शुरू की है (CM Tweets On Etv Bharat News). सीएम गहलोत ने इस मामले में जल्द ही सभी नए कॉलेजों को बिल्डिंग और फैकल्टी के लिए स्थाई व अस्थाई इंतजाम करने की बात कही है. साथ ही उन्होंने बताया कि अगस्त महीने में ही 130 कॉलेजों की इमारतों का शिलान्यास किया जाएगा. उन्होंने स्वीकार किया है उनके कार्यकाल में बीते 3 सालों में 210 नए कॉलेज खोले गए हैं. इन कॉलेजों में 45302 सीटें हैं. जिनमें प्रवेश के लिए छात्रों की जगह छात्राओं ने ज्यादा आवेदन किया है.

सीएम अशोक गहलोत का ट्वीट

ईटीवी भारत की खबर का असर का लिंक-Higher Education In Rajasthan: नेताओं की डिमांड पर सरकार ने वाहवाही लूटने के लिए खोले कॉलेज, न फैकल्टी न स्टाफ... क्लासेज लगना तो दूर की कौड़ी

क्या था खबर में: 27 जुलाई को प्रकाशित खबर में प्रदेश की बदहाल शिक्षा व्यवस्था की कहानी थी. ईटीवी भारत ने हाड़ौती संभाग का जायजा लिया. विद्यार्थियों से बात की, जिम्मेदार अधिकारियों से हाल जानना चाहा था और शिक्षकों का दर्द साझा किया था. रिएल्टी चेक में पता चला था कि हालात निराशाजनक हैं. कॉलेजों के पास बिल्डिंग तक नहीं है. कई महाविद्यालय तो सरकारी स्कूल व अस्पताल के पुराने भवन और धर्मशाला में संचालित हो रहे हैं.

सीएम बोले जल्द दूर होगी दिक्कत

छात्र नहीं आना चाहते कॉलेज: हालात पूरे प्रदेश के लगभग एक से हैं. जहां पर फैकल्टी न होने की स्थिति में क्लासें लगती ही नहीं हैं. विद्यार्थी भी हाजिरी को लेकर उत्साहित नहीं दिखते. इन कॉलेजों में एडमिशन नाम मात्र के ही होते हैं. नॉन टीचिंग स्टाफ नहीं है, कई कॉलेज तो एक परमानेंट स्टाफ के भरोसे ही संचालित हो रहे हैं. इन पर कॉलेज का ताला खोलने से लेकर प्रिंसिपल तक की जिम्मेदारी है. इन्हीं सभी मुद्दों को और समस्याओं को लेकर ईटीवी भारत में 27 जुलाई बुधवार को "Higher Education In Rajasthan: नेताओं की डिमांड पर सरकार ने वाहवाही लूटने के लिए खोले कॉलेज, न फैकल्टी न स्टाफ... क्लासेज लगना तो दूर की कौड़ी" शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था.

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