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Rajasthan Government Flagship Program: राज्य सरकार की उम्मीदों को लग रहा झटका, अधिकारियों को मार्गदर्शन के साथ ताकीद

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Published : Nov 30, 2021, 11:08 AM IST

प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashashan Shehro Ke Sang Abhiyan) में अभी 9 निकाय ऐसे हैं, जिन्होंने पट्टा जारी करने का खाता तक नहीं खोला है. जबकि 8 निकाय अब तक 10 पट्टे भी नहीं बांट पाए हैं. ऐसे निकायों को विभाग की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. नगर निगमों ने भी सरकार की उम्मीदों पर बट्टा लगाया है.

Rajasthan Government Flagship Program
अधिकारियों को मार्गदर्शन के साथ ताकीद

जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashashan Shehron Ke Sang Abhiyan) में अब तक महज एक लाख पट्टे बांटे जा सके हैं और बड़ी संख्या में आवेदनों को निरस्त भी किया गया है. हालांकि स्वायत्त शासन विभाग (Self Governance unit) ने आवेदन निरस्त न हो, इसके लिए एक आदेश जारी किया.

साथ ही पुरानी आबादी क्षेत्र, कृषि मंडी विकास समिति और अपंजीकृत दस्तावेज के आधार पर बेची गई जमीन के पट्टे देने को लेकर आ रही अधिकारियों की समस्या को भी दूर करने का मार्ग प्रशस्त किया है.

पढ़ें-Prashasan Gaon Ke Sang Abhiyan : लंबित प्रकरणों के लिए आयोजित किए जाएंगे फॉलोअप कैंंप : मुख्य सचिव

प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashashan Shehron Ke Sang Abhiyan) में अभी 9 निकाय ऐसे हैं, जिन्होंने पट्टा जारी करने का खाता तक नहीं खोला है. जबकि 8 निकाय अब तक 10 पट्टे भी नहीं बांट पाए हैं. ऐसे निकायों को विभाग की ओर से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. नगर निगमों ने भी सरकार की उम्मीदों पर बट्टा लगाया है. 1000 से ज्यादा पट्टे जारी करने वालों में महज जयपुर हेरिटेज नगर निगम (Jaipur Heritage Nagar Nigam) का नाम शुमार है. हालांकि, जयपुर में जेडीए (Jaipur Development Authority) ने करीब 15 हजार पट्टे बांटकर साख बचा रखी है.

प्रदेश के निकायों की ये स्थिति गहलोत सरकार (Gehlot Government) को अब नागवार गुजर रही है. यही वजह है कि बीते दिनों सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने भी नाराजगी जताई थी और भरतपुर बयाना, बारां और बांसवाड़ा निकाय के प्रमुख अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए थे. सरकार ने अधिकारियों को ताकीद करने के साथ-साथ पट्टे देने में आ रहे समस्याओं को भी दूर किया है ताकि भ्रम की स्थिति की आड़ में पट्टे देने के काम को अटकाया न जाए.

नगरीय विकास और स्वायत्त शासन विभाग (Self Governance Unit) ने पुरानी बसाहट के नियमन, स्टेट ग्रांट एक्ट (State Grant Act) के पट्टे और 90ए 90बी के पट्टों को लेकर आ रही अधिकारियों की समस्याओं को दूर करते हुए स्पष्टीकरण भी जारी किया है. जिसके तहत पुरानी आबादी क्षेत्र में प्रस्तावित सड़कों का ध्यान रखते हुए पट्टे जारी करने होंगे. कृषि मंडी विकास समिति के आवंटन पत्र पर भी पट्टे दिए जा सकेंगे. साथ ही अपंजीकृत दस्तावेज के आधार पर जमीन का बेचान कर वहां कॉलोनी सृजित कर दी गई है, तो वहां पट्टे दिए जा सकेंगे.

बता दें कि नगरीय निकायों में नगर निगम सबसे बड़ा निकाय है. बावजूद इसके नगर निगमों की परफॉर्मेंस सबसे खराब है. ऐसे में अब गहलोत सरकार बड़े निकायों के प्रशासनिक अधिकारियों पर भी एक्शन लेने की तैयारी कर रही है.

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