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ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान कर्मचारियों पर बेवजह दबाव बनाने के लिए सरकार ने तबादलों से प्रतिबंध हटाया है : राजेंद्र राठौड़

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Published : Sep 17, 2020, 3:27 PM IST

प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान कर्मचारियों पर बेवजह दबाव बनाने के लिए सरकार ने तबादला उद्योग शुरू किया है. उन्होंने मांग की है कि ग्राम पंचायत चुनाव की निष्पक्षता को रखने के लिए 15 सितंबर से 31 अक्टूबर तक राज्य के कर्मचारी और अधिकारियों के तबादले आदेश पर तत्काल रोक लगाई जाए.

Rajendra Rathore accused Gehlot government,  Transfer of officers in Rajasthan
राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर लगाया आरोप

जयपुर. प्रदेश में ग्राम पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद तबादलों से हटाए गए प्रतिबंध को लेकर सियासत शुरू हो गई है. प्रतिपक्ष के उपनेता और पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने आरोप लगाया है कि सरकार ने ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान राज्य कर्मचारियों पर अपने पक्ष में बेवजह दबाव बनाने के लिए मौजूदा समय में तबादला उद्योग शुरू किया है.

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राजेंद्र राठौड़ ने एक बयान जारी कर कहा कि राज्य सरकार ने 15 सितंबर से 31 अक्टूबर तक प्रदेश के 7.50 लाख कर्मचारी और अधिकारियों के तबादलों पर से रोक हटा कर तथाकथित स्थानांतरण उद्योग शुरू किया है. उन्होंने कहा कि सरकार तबादलों से प्रतिबंध इसलिए हटाया है, ताकि सत्तारूढ़ दल के विधायकों से प्रदेश में पटवारी से लेकर अध्यापक और आरएएस अधिकारी तक तबादलों की अनुशंसा कराने के लिए आए और सरकार की मंशा को भी मूर्त रूप मिल जाए.

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राठौड़ ने कहा कि सरकार ग्राम पंचायत के चुनाव में सत्तारूढ़ जनप्रतिनिधियों की ओर से राज्य कर्मचारियों को स्थानांतरण का भय दिखा रही है. इससे सरकार पिछले दरवाजे से अपने पक्ष में प्रचार के लिए मजबूर करने का कुत्सित प्रयास कर रही है, जिससे लोकतंत्र कमजोर होगा.

प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राज्य में 3848 ग्राम पंचायत के सरपंच और पंचों के चुनाव की अधिसूचना राज्य निर्वाचन आयोग ने 7 सितंबर 2020 को जारी कर दी थी. इसके कारण चुनाव से जुड़े सभी विभाग राजस्व विभाग के पटवारी से लेकर विभिन्न श्रेणी के शिक्षक, गिरदावर, तहसीलदार, उपखंड अधिकारी, रसद और आबकारी विभाग सहित दर्जनों विभागों में पंचायत चुनाव की आचार संहिता के कारण स्थानांतरण नियम अनुसार प्रतिबंधित हो गए हैं.

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राज्य निर्वाचन आयुक्त की ओर से 44 आबकारी अधिकारियों के स्थानांतरण करने से सरकार की फजीहत हुई है. वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आचार संहिता के कारण 33 में से 26 जिलों में नियमानुसार स्थानांतरण नहीं हो सकते. ऐसे में स्थानांतरण पर रोक हटाने का निर्णय सरकार की ओर से ग्राम पंचायत के चुनाव में राज्य कर्मचारियों को स्थानांतरण की धमकी से अपने पक्ष में प्रचार करने के प्रयास मात्र हैं.

राजेंद्र राठौड़ ने मांग की कि पंचायत चुनाव की आचार संहिता के कारण दर्जनों विभागों में स्थानांतरण प्रतिबंधित है. ऐसे में ग्राम पंचायत चुनाव की निष्पक्षता को रखने के लिए 15 सितंबर से 31 अक्टूबर तक राज्य के कर्मचारी और अधिकारियों के तबादले आदेश पर तत्काल रोक लगाई जाए.

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