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Exclusive : मंत्री गुढ़ा का धारीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप, कहा- प्रताप सिंह नेता नहीं शोले का गब्बर..

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Published : Sep 27, 2022, 5:18 PM IST

राजस्थान में सियासी संकट के बीच गहलोत सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की जुबान लगातार अपनी ही सरकार के मंत्रियों के खिलाफ जहर उगल रही है. गुढ़ा ने अब यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल समेत कुछ मंत्रियों पर 4000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. वहीं, गुढ़ा ने कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को शोले फिल्म का गब्बर सिंह करार दे दिया है.

Rajendra Gudha
मंत्री गुढ़ा का धारीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप

जयपुर. राजस्थान में राजेंद्र गुढ़ा ने मंत्री धारीवाल और प्रताप सिंह खाचरियावास पर (Minister Rajendra Gudha Targets Khachariawas) गंभीर आरोप लगाया है. मंगलवार को सैनिक कल्याण और पंचायत राज राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम के पूर्व में लगाए आरोपों का हवाला देते हुए कहा कि आचार्य प्रमोद ने धारीवाल और अन्य पर 400 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, लेकिन वह गलत थे. यह आंकड़ा 4000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का है और उन्होंने जनता को लूट लिया.

मुख्यमंत्री बदला तो बंद हो जाएगी दुकानें, इसलिए कर रहे विरोध : मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने धारीवाल सहित कुछ मंत्रियों पर भ्रष्टाचार का आरोप तो लगाया, साथ ही यह भी कहा कि यह विरोध इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि यदि मुख्यमंत्री बदला तो इन सब की दुकानें बंद हो जाएंगी. हालांकि, जब गुढ़ा से पूछा गया कि भ्रष्टाचार का जो आरोप आपने लगाया, क्या उसकी जानकारी सरकार के अन्य मंत्री और सरकार को थी, तब वो बोले, क्या बात करते हो आप. आप भी शहर में घूमते हो. राजेंद्र गुढ़ा ने अपने इस बयान से पूरी प्रदेश सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया. लेकिन जो आरोप उन्होंने लगाए, उसका कोई सबूत या आधार उन्होंने मीडिया में नहीं रखा. बस आचार्य प्रमोद के आरोपों का हवाला देकर उसको आगे बढ़ाते नजर आए.

मंत्री गुढ़ा का धारीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप

पहले क्यों थे चुप और आरोप अभी क्यों लगाए के सवाल पर यह बोले गुढ़ा : आरोप तो राजेंद्र गुढ़ा ने लगा दिए, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि आप (Rajendra Gudha Serious Allegations) खुद सरकार के अंग हो और जब भ्रष्टाचार हो रहा था तब पहले चुप क्यों रहे. आरोप क्यों नहीं लगाया, जिस पर गुढ़ा ने कहा कि मुझसे जब पूछा तो मैंने यह बात कही है और अब जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद ने ही आरोप लगाया है तो उसे दुरुस्त करने के लिए मैं सामने आया हूं.

तो क्या एसीबी या अन्य एजेंसी में करेंगे शिकायत के सवाल पर घुमाया जवाब : अपनी सरकार के मंत्रियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले राजेंद्र गुढ़ा से जब पूछा गया कि क्या अब आप भ्रष्टाचार की शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो या अन्य किसी एजेंसी में करेंगे, तो उन्होंने अपना जवाब घुमा दिया. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि वो केवल आचार्य प्रमोद के लगाए आरोपों को सुधार कर दुरुस्त करवा रहे हैं कि भ्रष्टाचार 400 करोड़ रुपये का नहीं, 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा का हुआ है.

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जब पायलट खेमे के 5 मंत्री बने तो मुख्यमंत्री में क्या है दिक्कत : मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने यह भी कहा कि जो विधायक (sachin pilot vs ashok gehlot) विरोध कर रहे हैं, उनसे पूछा जाए कि पायलट के साथ जो 19 विधायक थे जब उनमें से 5 विधायकों को सरकार में मंत्री बना दिया गया तो फिर मुख्यमंत्री बनाए जाने में किसी को क्या आपत्ति होना चाहिए.

पायलट को सीएम बनाने पर ही वापस रिपीट हो सकती है सरकार, लेकिन फिसल गई जुबान : एक सवाल के जवाब में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि जब पार्टी आलाकमान ने तय कर दिया था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे तो उसके बाद राजस्थान में मुख्यमंत्री का फेस एकमात्र सचिन पायलट ही बचता था. गुढ़ा ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार तभी रिपीट हो सकती है, जब मुख्यमंत्री का चेहरा सचिन पायलट हो.

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास नेता नहीं, शोले फिल्म के गब्बर हैं : मंगलवार को राजेंद्र गुढ़ा के निशाने पर केवल यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ही नहीं रहे, बल्कि खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी रहे. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि खाचरियावास नेता नहीं अभिनेता है. उन्होंने कहा कि प्रताप सिंह जिस प्रकार से बयान देते हैं कि सोनिया गांधी के लिए जयपुर की सड़कें लाल कर देंगे, खून की नदियां बहा देंगे. ऐसे में उनकी फिल्म तो शोले फिल्म से भी ज्यादा चलती और गब्बर का रोल भी उन्हें मिलता. गुढ़ा ने कहा कि खाचरियावास मंत्री जैसे संवैधानिक पद पर हैं और लोकतंत्र में उनके इस प्रकार के बयान ठीक नहीं कहे जा सकते.

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यहां आपको बता दें कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पदों पर नामांकन पर से पर्दा उठने के बाद नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर अच्छा खासा सियासी बवाल हो गया. आलम यह रहा कि कांग्रेस के करीब 76 विधायकों ने अपने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिए और अब राजस्थान में पूरी कांग्रेस पार्टी अलग-अलग खेमों में बंटी नजर आ रही है. मंत्री राजेंद्र गुढ़ा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुट के ही नेता माने जाते हैं, लेकिन पिछले 2 दिन से उनके बयानों सचिन पायलट के समर्थन में आ रहे हैं, जिसको लेकर सियासी गलियारों में कई प्रकार की चर्चा है चल रही है.

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