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28 सूत्री मांगों के समर्थन में 15 दिन से अनशन पर बिजली कर्मचारी, सरकार पर लगाया ये आरोप...

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Published : Oct 19, 2021, 4:19 PM IST

Updated : Oct 19, 2021, 4:51 PM IST

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जयपुर में बिजली कर्मचारी निजीकरण के विरोध सहित कुल 28 मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं. कर्मचारियों का आरोप है कि धरने के 15 दिन गुजर जाने के बाद भी बिजली कंपनियों के प्रबंधन और प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों की सुध नहीं ली है.

जयपुर.बिजली संकट और अब कर्मचारियों की नाराजगी प्रदेश की बिजली कंपनियों पर भारी पड़ रही है. हाल ही में बिजली कंपनियों के निजीकरण को लेकर सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों से आहत राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ का 5 अक्टूबर को विद्युत भवन पर शुरू हुआ अनिश्चितकालीन धरना मंगलवार को 15वें दिन भी जारी रहा. ऊर्जा विभाग और सरकार की बेरुखी से आहत इन कर्मचारियों ने अब सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है.

दरअसल, बिजली कर्मचारी निजीकरण के विरोध सहित कुल 28 मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को झुंझुनू जिले के महासंघ से जुड़े कर्मचारी नेता धरने पर बैठे. अनशनकारी कर्मचारियों का आरोप है कि 15 दिन गुजर जाने के बाद भी ना तो बिजली कंपनियों के प्रबंधन ने और ना प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों की सुध ली है. इनका आरोप है कि कर्मचारी महासंघ की मांगे बिजली कंपनियों के हित में हैं, लेकिन उन्हें मानने से सरकार पीछे हट रही है. अनशनकारियों ने कहा यदि सरकार का ऐसा ही रवैया रहा, तो दीपावली के दौरान भी अनशन जारी रखना पड़ेगा.

अनशनकारी कर्मचारियों ने सरकार पर लगाए आरोप

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अनिश्चितकालीन धरने से पहले भी श्रमिक संघ ने दो बार आंदोलन कर सरकार को चेतावनी दी थी, लेकिन जब उनकी मांगों की सुनवाई नहीं की गई, तब अनिश्चितकालीन धरना और पड़ाव शुरू किया गया. अनिश्चितकालीन धरने को पांचों बिजली कंपनियों के श्रमिक महासंघ से जुड़े कर्मचारी अपना समर्थन दे रहे हैं. अब प्रतिदिन हर जिले से जुड़े कर्मचारी नेता इस धरने में बैठ रहे हैं.

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श्रमिक महासंघ से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार तुरंत प्रभाव से निजीकरण पर रोक लगाकर बिजली कंपनियों में नई भर्ती करे. वहीं कर्मचारियों की इंटर कंपनी स्थानांतरण की सुविधा को भी शुरू करे. कर्मचारी संगठन इस बात से भी नाराज हैं कि जिन कर्मचारियों का कोविड-19 संक्रमण से निधन हो गया, उनके परिवार को अब तक बिजली कंपनियों की तरफ से 50 लाख की सहायता राशि नहीं दी गई. इन तमाम मांगों को लेकर कर्मचारी अब अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं.

Last Updated :Oct 19, 2021, 4:51 PM IST

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