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जाति और ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए पटवारी की रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म

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Published : Jul 29, 2022, 10:27 AM IST

पटवारी की रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म
पटवारी की रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म ()

जाति प्रमाण पत्र और ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अब आमजनों को पटवारी के चक्कर नही काटने (Patwari report obligatory is ended) पड़ेंगे. जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने जाति प्रमाण पत्र और ईडब्ल्यूएस के लिए पटवारी की रिपोर्ट की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है.

जयपुर. जाति प्रमाण पत्र और ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र हेतु पटवारी की रिपोर्ट के लिए चक्कर काटने वाले लोगों को जिला कलेक्टर ने राहत (Patwari report is not obligatory) दी है. जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने जाति प्रमाण पत्र और ईडब्ल्यूएस के लिए पटवारी की रिपोर्ट की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है.

दरअसल जाति प्रमाण पत्र एवं ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने के लिए शहर के लोगों को तहसीलों के चक्कर काटने पड़ते थे, ताकि वह पटवारी की रिपोर्ट ले (Patwari report is not obligatory) सके. पहले दोनों ही प्रमाण पत्रों के लिए पटवारी की रिपोर्ट लेना अनिवार्य था. इससे लोगों का काफी समय बर्बाद होता था. ई-मित्र संचालक पटवारी की रिपोर्ट के लिए आम जनता से अधिक पैसे भी वसूला करते थे. कलेक्टर के आदेश के बाद नगर निगम हेरिटेज और नगर निगम ग्रेटर के लोगों को इस समस्या से निजात मिली है. ऐसे में अब वह बिना पटवारी की रिपोर्ट के ही एससी, एसटी, ओबीसी, सामान्य और ईडब्ल्यूएस आदि के प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं. प्रकाश राजपुरोहित ने जयपुर, आमेर और सांगानेर तहसील के उपखंड अधिकारियों और तहसीलदारों के लिए यह आदेश जारी किया (EWS certificate new in Jaipur) है.

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प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि शहरी क्षेत्र में रहने वाले अधिकांश लोगों के पास कृषि के लिए भूमि नहीं है. भूमि के दस्तावेजों और जमीन की रजिस्ट्री के आधार पर ही पटवारी अपनी रिपोर्ट देता था. उसके बाद ही लोगों के जाति और ईडब्ल्यूएस के प्रमाण पत्र बनते थे, वहीं जिनके पास जमीन या जाति का कोई प्रमाण पत्र नहीं होता उनसे एक शपथ पत्र लिया जाता था.

जयपुर कलेक्ट्रेट स्थित पटवार मंडल में जाति प्रमाण पत्र हेतु पटवारियों की रिपोर्ट के लिए लोगों की भीड़ जमा रहती थी. ऐसे में सबसे अधिक परेशानी परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को होती थी. प्रतियोगिता और परीक्षा के समय हालत और भी ज्यादा खराब हो जाती. पटवारी की रिपोर्ट समय पर नहीं मिलने से अभ्यर्थियों के जाति प्रमाण पत्र और ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र समय से नहीं बन पाते थे.

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