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मदन दिलावर का विवादित बोल, कहा- कोटा में शांति धारीवाल का आतंक है, विकास के लिए विनाश पुरुष हैं धारीवाल

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Published : Mar 12, 2021, 4:01 PM IST

सदन में शुक्रवार को भाजपा विधायक मदन दिलावर ने मंत्री शांति धारीवाल को लेकर विवादित बोल बोलते हुए कहा कि कोटा में धारीवाल का आतंक है. उन्होंने कहा कि कोटा के विकास के लिए शांति धारीवाल विनाश पुरुष हैं.

Madan Dilavar statement,  BJP MLA Madan Dilawar
मदन दिलावर

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को नगर आयोजना और प्रादेशिक विकास विभाग की अनुदान मांगों पर बहस में भाजपा विधायक मदन दिलावर ने भी हिस्सा लिया. मदन दिलावर ने इस दौरान शांति धारीवाल को लेकर विवादित बोल बोलते हुए कहा कि कोटा शहर में चोरों का आतंक है, कुत्तों का आतंक है, बंदरों का आतंक और उसके साथ-साथ धारीवाल का भी आतंक है.

कोटा में धारीवाल का आतंक

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दिलावर ने कहा कि वहां विकास का काम नहीं हो रहा है. इस पर सभापति की कुर्सी पर बैठे राजेंद्र पारीक ने कहा कि आपके नेता राजेंद्र राठौड़ कह रहे हैं कि वहां मदन दिलावर का भी आतंक है. दिलावर ने कहा कि विकास नाम का कुछ भी कोटा में नहीं है. कभी कहते हैं कि 100 करोड़ यहां लगा रहा हूं, कभी कहते हैं 500 करोड यहां लगा रहा हूं. क्या स्मार्ट सिटी में यह प्रावधान है कि शहर के कुछ भागों में पानी मुहैया नहीं कराया जाए, कुछ भागों में बिजली मुहैया नहीं कराई जाए, शहर के कुछ भाग को सड़क भी नहीं बना कर दी जाए और नालियां भी नहीं बनाया जाए.

शांति धारीवाल विनाश पुरुष हैं

मदन दिलावर ने कहा कि क्या यही है विकास. अगर इसी को विकास कहते हैं तो यह विनाश पुरुष हैं शांति कुमार धारीवाल, जिन्होंने कोटा का सत्यानाश कर रख दिया है. उन्होंने रमेश मीणा के एससी-एसटी विधायकों के साथ भेदभाव के आरोपों को लेकर कहा कि रमेश मीणा ने जो कहा था मैं उसकी पुष्टि करता हूं. उन्होंने कहा था कि सरकार एससी-एसटी के खिलाफ है. मैं यह इसलिए कह रहा हूं क्योंकि 8 वार्ड नगर निगम सीमा में रामगंजमंडी के आते हैं. वैसे 6 वार्ड अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के और वहां का एमएलए भी अनुसूचित जनजाति का है, इसलिए वहां का विकास नहीं करना चाहते हैं.

अनुसूचित जाति के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है

इसलिए रमेश मीणा आपने अच्छी बात कही है ताकि अनुसूचित जाति के लोग सुन लें कि अनुसूचित जाति के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है. इस पर सभापति ने इस मामले को अंकित नहीं होने की बात कही और साथ ही खड़े होकर यह भी कहा कि आज एससी-एसटी स्वर्ण के विषय पर चर्चा नहीं हो रही है. अगर आप कहना चाहते हैं तो मैं अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को कह देता हूं कि इस विषय पर चर्चा कर लें, लेकिन आज की चर्चा स्वायत शासन विभाग पर हो.

दिलावर को आप आगे बढ़ने का मौका नहीं दे रहे हैं

इस पर राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हमारे भी सबसे कमजोर विधायक यही हैं, इसीलिए यह बात रख रहे हैं. इस पर राजेंद्र पारीक ने कहा कि कमजोर हैं क्योंकि आप इनको आगे बढ़ने का मौका नहीं दे रहे हैं. कंपटीशन जोगेश्वर गर्ग और मदन दिलावर में हो तो आसन क्या कर सकता है. वहीं, मदन दिलावर ने कहा कि मैं कई बार कह चुका हूं कि कोई भी मांस विक्रेता होगा उसको जानवर काटने से पहले उसके स्वास्थ्य का परीक्षण होगा और उसे प्रमाण पत्र लेना होगा कि वह स्वस्थ है और खाद्य सुरक्षा में लाइसेंस लेना होगा उसको ढक कर रखना पड़ेगा, लेकिन इसके बावजूद भी ऐसा नहीं हो रहा.

विकास के लिए विनाश पुरुष हैं धारीवाल

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'मांस विक्रेता बड़े लोगों को पैसा पहुंचाते हैं'

मदन दिलावर ने कहा कि इसका कारण है कि ये मांस विक्रेता बड़े लोगों को पैसा पहुंचाते हैं. सरकार में बैठे हुए लोगों को पैसा पहुंचाते हैं. वहां के अधिकारियों को पैसा पहुंचाते हैं. उन्होंने कहा कि इसलिए खुलेआम मांस की दुकानें चल रही है, इनको बंद क्यों नहीं करवाते हैं. वे कहते हैं कि इनको बंद करेंगे तो कानून व्यवस्था बिगड़ जाएगी. कानून व्यवस्था बिगड़ जाएगी इसीलिए चोरों पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है,

'आवास योजना की पैसा यूआईटी खा गई'

वहीं, दिलावर ने प्रधानमंत्री आवास योजना में हुए भ्रष्टाचार को लेकर कहा कि भारत सरकार का पैसा आता है, उसको यूआईटी खा गई. सैकड़ों लोगों के पैसे यूआईटी खा गई है. जो मामला एसीबी में है क्या लोग जेल में गए हैं और कई लोगों के पैसों और खातों पर रोक लगा दी गई, कई लोगों को पैसे नहीं दिए गए. कई लोगों को किस्त तब जारी होती है जब सेवा पूजा हो जाए.

'रिश्वत लेकर किस्त जारी की जाती है'

उन्होंने कहा कि यूआईटी में तीन-चार साल डेपुटेशन रहता है, लेकिन एक आदमी जो भ्रष्ट है वह 10-15 साल तक भी रहता है. उन्होंने एक अधिकारी का नाम लेते हुए कहा कि वो सालों से वहां पर है, वह प्रधानमंत्री आवास का पैसा खा गया है. सारी योजनाओं को वह देखता है. बाकी के जो लोग खाली बैठे हैं उनको क्यों नहीं काम दिया जाता है. उन्होंने कहा कि पहले प्रधानमंत्री आवास के पैसे की किस्त रोकी जाती है और फिर रिश्वत लेकर वह किस्त जारी कर दी जाती है.

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