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जयपुर के पूर्व राजघराने की संपत्ति पर कब्जा ! सिटी पैलेस ट्रस्ट की तरफ से दर्ज हुआ मामला

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Published : Jul 1, 2021, 11:58 AM IST

Updated : Jul 1, 2021, 12:19 PM IST

rajgharana property controversy
जयपुर पूर्व राजघराने की संपत्ति पर कब्जा

राजधानी के माणक चौक थाने में जयपुर के पूर्व राजघराने की संपत्ति पर अवैध कब्जा करने का एक प्रकरण सामने आया है. पूर्व राजघराने की संपत्ति पर हुए अवैध कब्जे को लेकर महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय म्यूजियम ट्रस्ट सिटी पैलेस के प्रमोद यादव की ओर से एफआईआर दर्ज करवाई गई है.

जयपुर.सिटी पैलेस ट्रस्ट की ओर से अब्दुल सलाम नामक व्यक्ति के खिलाफ पूर्व राजघराने की संपत्ति पर अवैध कब्जा करने और संपत्ति के फर्जी कागजात तैयार करने का प्रकरण दर्ज करवाया गया है. ट्रस्ट की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत में इस बात का जिक्र किया गया है कि पूर्व राजघराने की जलेबी चौक स्थित सिरहढोढ़ी दरवाजे पर रियासत काल में नगाड़ा बजाने का काम किया जाता था. म्यूजियम ट्रस्ट ने भी पुरानी परिपाटी के अनुसार नगाड़ा बजाने के लिए एक कर्मचारी अब्दुल सलमान को नौकरी पर रखा था, जो रोज नगाड़े बजाने का काम करता था और अप्रैल 2018 में रिटायर्ड हो गया.

ट्रस्ट से तमाम लाभ प्राप्त करने के बाद फर्जीवाड़ा कर किया कब्जा...

अब्दुल सलमान ने रिटायर होने के बाद ट्रस्ट से ग्रेजुएटी और अपनी सेवा के लाभ चेक के माध्यम से प्राप्त किए. ट्रस्ट की ओर से पूर्व राजघराने की उक्त संपत्ति सेवा में रहने तक अब्दुल सलमान को काम में लेने के लिए दी गई थी. रिटायर होने के बाद अब्दुल सलमान ने अपने भाई इस्लाम खान और अपनी मां मुन्नी बेगम के साथ मिलकर एक फर्जीवाड़ा किया और पूर्व राजघराने कि उक्त संपत्ति के फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए.

उसके बाद म्यूजियम ट्रस्ट की संपत्ति में अपने आप को काबिल दिखा कर विद्युत विभाग और जलदाय विभाग से अपने नाम से बिजली व पानी का कनेक्शन ले लिया. जब इस बारे में ट्रस्ट को जानकारी लगी और अब्दुल सलमान को ट्रस्ट ने उक्त संपत्ति से अपना कब्जा खाली करने को कहा तो अब्दुल सलमान ने संपत्ति के कागज और बिजली-पानी का कनेक्शन स्वयं के नाम से होने की बात कह कर कब्जा खाली करने से इनकार कर दिया. साथ ही उक्त संपत्ति को अब्दुल सलमान ने वक्फ की संपत्ति बता कर अनाधिकृत कार्रवाई करके लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का काम करना शुरू कर दिया. जिसके बाद म्यूजियम ट्रस्ट की ओर से माणक चौक थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई.

संपत्ति को लेकर सरकार भी कर चुकी है कोर्ट में चैलेंज...

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार जलेबी चौक और उसके आसपास लगी हुई संपूर्ण संपत्ति जिसमें कि सिरहढोढ़ी दरवाजा भी शामिल है, उसे केंद्र सरकार और महाराजा मानसिंह के बीच में निष्पादित कोविनेन्ट के अनुसार पूर्व राजघराने की संपत्ति माना गया है. 1972 में सिटी पैलेस और जलेबी चौक की संपत्ति प्रन्यास के जरिए महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय म्यूजियम ट्रस्ट में निहित कर दी गई थी. तब से उक्त संपत्ति की संपूर्ण देखभाल की जिम्मेदारी म्यूजियम ट्रस्ट के द्वारा ही की जा रही है.

उक्त संपत्ति को लेकर राजस्थान सरकार ने भी अपनी दावेदारी जताते हुए म्यूजियम ट्रस्ट पर मुकदमा ठोक रखा है. राज्य सरकार द्वारा नगर निगम और महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय म्यूजियम ट्रस्ट के बीच में मुकदमें बाजी चल रही है, जिसमें प्रन्यास के हक में कोर्ट ने स्थगन आदेश भी जारी कर रखे हैं.

Last Updated :Jul 1, 2021, 12:19 PM IST

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