राजस्थान

rajasthan

महेश जोशी महेंद्र चौधरी को गहलोत की क्लीन चिट - कहा, किसी का भाई या बेटा गलत काम करें तो नेता जिम्मेदार नहीं

By

Published : May 19, 2022, 2:24 PM IST

Gehlot clean chit to Mahesh Joshi Mahendra Chaudhary
महेश जोशी महेंद्र चौधरी को गहलोत की क्लीन चिट ()

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि किसी का भाई या बेटा गलत काम करें तो नेता को नहीं ठहरा सकते जिम्मेदार. ऐसा बयान देकर गहलोत ने मंत्री महेश जोशी (Rohit Joshi rape case) और उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी (Jaipal Poonia Murder Case) को अपनी तरफ से क्लीन चिट दे दी है.

जयपुर.मंत्री महेश जोशी के बेटे पर दुष्कर्म के आरोप (Rohit Joshi rape case) में गिरफ्तारी की लटकी हुई तलवार और उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी (Nawan MLA Mahendra Choudhary) के भाई को हत्या के मामले में गिरफ्तारी के बाद अशोक गहलोत ने आज दोनों ही नेताओं को क्लीन चिट दे दी है. गहलोत ने कहा कि समाज में हर तरीके की बातें होती हैं. किसी के भाई पर या किसी के बेटे पर आरोप लगने से परिवार के व्यक्ति को इसलिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता कि वह कोई मंत्री, विधायक या सांसद (Ashok Gehlot commented on Mahesh Joshi and Mahendra Chaudhary) है। गहलोत ने कहा कि जब तक यह न लगे कि राजनीतिक हस्तक्षेप हो रहा है, किसी पर आरोप नहीं लगाया जा सकता.

पढ़ें- Rohit Joshi rape case: रोहित जोशी नहीं हुआ जांच अधिकारी के सामने पेश, उत्तराखंड में छापेमारी

पढ़ें- नमक कारोबारी की हत्या के विरोध में नागौर का नावां बंद, विधायक समेत 4 के खिलाफ मामला दर्ज

पढ़ें- Jaipal Poonia Murder Case : पुलिस ने कांग्रेस विधायक महेंद्र चौधरी के भाई सहित 5 लोगों को किया गिरफ्तार

उन्होंने कहा कि कई बार मीडिया में भाई, बेटे को लेकर कुछ कह देते हैं, लेकिन यह अच्छी परंपरा नहीं है. अगर लगे कि कोई राजनीतिक पद पर मंत्री, एमएलए या सांसद है और वह अपने रिलेटिव को पद के प्रभाव से बचाने का प्रयास कर रहा है, तभी आरोप लगने चाहिए. अगर किसी सांसद, विधायक या मंत्री का कोई रिलेटिव गलत काम करता है तो कानून अपना काम करेगा. गहलोत ने कहा कि मैंने पहले ही गृह विभाग, पुलिस प्रशासन को दो टूक कहा हुआ है कि आप को नीचे से ऊपर तक निष्पक्ष होकर काम करना है, कोई भी राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं चलेगा. ये अधिकारी की ड्यूटी है कि जिसने क्राइम किया है, उसके बचाव की किसी की भी सिफारिश को नहीं माने. साथ ही जो पीड़ित पक्ष है, उसको न्याय सुनिश्चित करने के लिए बात सुनना उसका फर्ज बनता है. चाहे एमएलए हो मंत्री हो या कोई भी हो वह अपना काम करें, निष्पक्ष जांच करें.

पढ़ें- गहलोत के करीबी नेताओं पर मुसीबत...दोनों के नाम में 'M' का फैक्टर...ये नेता भी घिर चुके हैं आरोपों में

ABOUT THE AUTHOR

...view details