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Special: हाईटेक होगी दमकल व्यवस्था, जल्द शुरू होगा फायर फाइटिंग सिस्टम विद पंप हाउस प्रोजेक्ट का कार्य

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Published : Apr 2, 2021, 7:46 PM IST

Updated : Apr 2, 2021, 10:40 PM IST

शहर में घनी बस्तियों में दमकल की व्यवस्था हाईटेक होने जा रही है. यूं तो शहर में 12 फायर स्टेशन हैं और सभी में पर्याप्त दमकल वाहन भी उपलब्ध हैं लेकिन कई स्टेशनों पर ओवरहेड टैंक और अंडरग्राउंड टैंक नहीं बने हैं जिससे कभी-कभी समस्या हो जाती है. शहरी क्षेत्र घना और बाजार संकरा होने की वजह से जगह-जगह हाईड्रेंट की जरूरत महसूस की जाती रही है जिसे देखते हुए जल्द ही फायर फाइटिंग सिस्टम विद पंप हाउस प्रोजेक्ट लाया जा रहा है.

ओवरहेड टैंक और अंडरग्राउंड टैंक भी बनेंगे, fire brigade system will be Hitech,  Fire Fighting System with Pump House Project
फायर फाइटिंग सिस्टम विद पंप हाउस प्रोजेक्ट लगेगा

जयपुर. गर्मी के दिनों में आगजनी की घटनाएं बढ़ जाती हैं. हांलाकि इनसे निपटने के लिए राजधानी में पर्याप्त दमकल वाहन मौजूद हैं. यहां के 12 फायर स्टेशनों पर 55 छोटे-बड़े दमकल वाहन हैं जो किसी भी घटना पर काबू पाने के लिए सक्षम है. इसके अलावा तंग गलियों में लगी आग पर पर काबू पाने के लिए मोटरसाइकिल दमकल और बड़ी बिल्डिंग के लिए 42 मीटर एएचएलपी मौजूद है जिससे आग पर काबू पाया जा सकता है. सभी दमकल वाहन पूरी तरह फिट भी हैं.

फायर फाइटिंग सिस्टम विद पंप हाउस प्रोजेक्ट लगेगा

लेकिन राजधानी में मौजूद फायर स्टेशनों पर इन दमकलों में पानी भरने के लिए ओवरहेड टैंक और अंडरग्राउंड टैंक नहीं उपलब्ध है. हालांकि बोरिंग ट्यूबवेल हाईड्रेंट स्टोर पानी की कमी को पूरी कर देते हैं. शहरी क्षेत्र काफी घना और बाजार संकरा होने की वजह से जगह-जगह हाईड्रेंट की जरूरत महसूस की जाते रही है जिसे देखते हुए जल्द ही फायर फाइटिंग सिस्टम विद पंप हाउस प्रोजेक्ट लाया जा रहा है.

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शहर में दो निगम हो गए हैं. ऐसे में फायर डिपार्टमेंट भी दो हिस्सों में बंट गया है. शहर में मौजूद 12 फायर स्टेशन में से 8 ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में जबकि 4 हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में हैं. सीएफओ जगदीश फुलवारी के अनुसार शहर में आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए फायर टीम पूरी तरह सक्षम है, फिर चाहे बड़ी इमारतें हो या तंग गलियां.

फायर फाइटिंग सिस्टम विद पंप हाउस प्रोजेक्ट लगेगा
शहर में ये फायर वाहन हैं उपलब्ध
  • छोटी-बड़ी कुल दमकल - 55
  • मोटरसाइकिल दमकल - 19
  • एएचएलपी - 1 (42 मीटर)
  • मौका मुआयना टीयूवी/जिप्सी - 8

हालांकि इन पर्याप्त वाहनों के लिए शहर के फायर स्टेशनों पर ओवरहेड वाटर टैंक मौजूद नहीं है. सीएफओ जगदीश फुलवारी के अनुसार राजधानी के सभी 12 फायर स्टेशन पर बोरिंग ट्यूबवेल हाईड्रेंट लगे हैं. एक फायर स्टेशन पर ओवरहेड टैंक भी बना हुआ है. इसके अलावा दो लाख लीटर वाले ओवरहेड और अंडर ग्राउंड वाटर टैंक के लिए प्रस्ताव भी भेजा गया है. उन्होंने बताया कि फायर स्टेशन के अलावा पीएचइडी के वाटर टैंक की भी हेल्प ली जाती है.

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वहीं जहां कन्जेस्टेड एरिया हो वहां एक गाड़ी से दूसरी गाड़ी में वाटर ट्रांसफर कर इस्तेमाल किया जाता है, ताकि समय रहते आग पर काबू पाया जा सके. हालांकि अब 10 गाड़ियां फायर ब्रिगेड से जुड़ी हैं, जिसमें पानी को सक्शन करने की सुविधा उपलब्ध है. वहीं बाढ़ राहत के दौरान पानी निकासी का कार्य करने के लिए कुछ इंजन भी लिए थे. उन्हीं को वाटर सोर्स के रूप में भी काम में लेते हैं. इससे आसपास के क्षेत्र से पानी का टैंक, नदी-नाले से पानी को सक्शन कर काम में लिया जा सकता है.

अलग-अलग घटनाओं में अलग-अलग तकनीक

  • ऑयल फायर में फोम का इस्तेमाल
  • इलेक्ट्रिक फायर में CO2 एक्सटिंग्विशर का इस्तेमाल
  • लकड़ी या कपड़े वाली आग में पानी का इस्तेमाल

उधर, हेरिटेज क्षेत्र में आग लगने के अधिकतर मामले पुरोहित जी का कटला जैसे घने और संकरे बाजारों में आते हैं. उसके लिए स्मार्ट सिटी की ओर से फायर फाइटिंग सिस्टम विद पंप हाउस प्रोजेक्ट लाया जा रहा है. इसके तहत घाटगेट फायर स्टेशन से वॉल सिटी एरिया में 7 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन डाली जाएगी. जिसमें परकोटे के सभी प्रमुख बाजार कवर हो जाएंगे. वहीं पुरोहित जी का कटला में स्मोक डिटेक्टर सेंसर लगाए जाएंगे. जिसे स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा. ये सेंसर लोरा वैन नेटवर्क पर काम करेंगे. इस प्रोजेक्ट में प्रेशर ट्रांसमीटर और 24 घंटे की मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित की जाएगी. वहीं लगभग सभी बाजारों में निश्चित दूरी पर हाईड्रेंट की व्यवस्था भी की जाएगी ताकि उनका इस्तेमाल कर फायर फाइटिंग वाहनों में पानी भरा जा सके.

बहरहाल, हेरिटेज निगम क्षेत्र में इस नए फायर फाइटिंग सिस्टम से बड़ी राहत मिलेगी. कोशिश की जा रही है कि 1 साल में इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतार दिया जाए, लेकिन इसके साथ जरूरी है कि फायर स्टेशनों पर ट्यूबवेल हाईड्रेंट के अलावा अंडरग्राउंड और ओवरहेड वॉटर टैंक बनवाए जाएं, ताकि विपरीत परिस्थितियों में समय रहते इनका इस्तेमाल कर आग पर काबू पाया जा सके और पानी की कमी की वजह से कभी कोई बड़ी दुर्घटना न होने पाए.

Last Updated : Apr 2, 2021, 10:40 PM IST

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