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अवैध बजरी खनन पर एंपावर्ड कमेटी ने SC को सौंपी रिपोर्ट, माना- सरकार और मंत्रालय स्तर पर रही कमियों का नतीजा

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Published : Dec 25, 2020, 9:23 AM IST

Updated : Dec 25, 2020, 9:42 AM IST

एंपावर्ड कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को अवैध बजरी खनन को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. जिसमें राज्य सरकार और खनन विभाग की कमियों का जिक्र किया गया है. इसके साथ ही कमेटी ने लीगल माइनिंग शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को कुछ सिफारिशें भी दी हैं. पढ़ें विस्तृत खबर

llegal gravel mining report to Supreme court, gravel mining ban in rajasthan, राजस्थान में अवैध बजरी खनन
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जयपुर.प्रदेश में अवैध बजरी खनन को रोकने के लिए अब सख्ती दिखाने की शुरुआत हो सकती है. दरअसल बजरी को लेकर बनी एंपावर्ड कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में खास बात यह है कि अगर कोई वाहन अवैध बजरी खनन करेगा तो प्रति वाहन 10 लाख का जुर्माना और 5 लाख प्रति क्यूबिक मीटर जुर्माने तक का प्रावधान उस पर लागू हो सकता है.

अवैध बजरी खनन की एक तस्वीर

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इसके साथ ही प्रदेश में लीगल माइनिंग शुरू करने को लेकर भी कमेटी ने अपनी सिफारिश सुप्रीम कोर्ट को दी है. इसी रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कई निर्णय कर सकता है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट 2014-16 के बीच के एनवायरमेंट क्लीयरेंस 3 महीने में जारी करें.

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दरअसल, इस कमेटी ने 3 महीने तक मारवाड़ क्षेत्र में अवैध बजरी खनन के धंधे को नदी से लेकर आमजन तक पहुंचाने तक के कामकाज को समझा. इस दौरान खान विभाग के अफसर भी इसके साथ रहे. कमेटी के सदस्यों ने माना कि राज्य सरकार और मंत्रालय के स्तर पर कमिया रही हैं. इससे बजरी खनन को लेकर विवाद बढ़ता गया और अवैध बजरी खनन इसी का नतीजा है. गौरतलब है कि प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से नवंबर 2017 से प्रदेश में बजरी खनन पर रोक लगा रखी है.

Last Updated : Dec 25, 2020, 9:42 AM IST

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