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स्पेशल स्टोरी: मानसागर झील जीव त्रासदी पर पर्यटकों ने दी नसीहत, मछलियों की मौत पर प्रशासन हो गंभीर

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Published : Jan 28, 2020, 8:34 PM IST

राजधानी जयपुर की मानसागर झील में बड़ी संख्या में हुई मछलियों की मौतों को लेकर अब पर्यटक भी चिंतित है. जिसको लेकर लोगों ने प्रशासन को मछलियों की मौत पर गंभीर होने की नसीहत दी है. पर्यटकों का कहना है कि प्रशासन आंख बंद करके किसी बड़ी जीव त्रासदी का इंतजार कर रहा है.

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मानसागर झील में लगातार हो रही मछलियों की मौत

जयपुर.राजधानी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक मानसागर झील में बड़ी संख्या में मछलियों के मरने से अब यहां पहुंचने वाले पर्यटक भी चिंतित हैं. उन्होंने प्रशासन को मछलियों की मौत पर गंभीर होने की नसीहत दी है. जबकि प्रशासन आंख मूंदकर किसी बड़ी जीव त्रासदी का इंतजार कर रहा है.

मानसागर झील में हो रही मछलियों की मौत के बाद भी ना तो संबंधित विभागों ने यहां आकर जानने कोशिश की कि आखिरी मछलियां क्यों मर रही है और ना ही जिला प्रशासन और निगम प्रशासन ने इस समस्या को गंभीरता से लिया.

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प्रकृति और पर्यावरण के लिए काम कर रहे सामाजिक संगठनों ने जरूर यहां के हालात देख आंदोलन की चेतावनी दी. लेकिन अब मानसागर झील की सतह पर तैर रही मरी हुई मछलियां यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को भी रास नहीं आ रही.

मानसागर झील में लगातार हो रही मछलियों की मौत

पर्यटकों ने कहा कि इन मछलियों की मौत के जिम्मेदार हम हैं. उन्होंने सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ तो देश मॉडर्न बन रहा है. तरह-तरह के टॉयलेट्स बनाए जा रहे हैं. लेकिन जब टॉयलेट्स नए बनाए जा रहे हैं, तो उनके सीवरेज की अलग व्यवस्था की जानी चाहिए. प्रशासन को सिर्फ इंसानों के बारे में ना सोच कर जीव जंतुओं के बारे में भी सोचना चाहिए. वहीं, मछलियों को दाना डालने पहुंचे लोगों ने कहा कि यहां मरी हुई मछलियों को देखकर दुख हो रहा है. प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए.

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मछली को रहने के लिए साफ पानी की जरूरत होती है. लेकिन प्रशासन की कारगुजारी के चलते मानसागर झील में सीवरेज का गंदा पानी पहुंच रहा है. जिसकी वजह से पानी में ऑक्सीजन की कमी होती जा रही है और यही मछलियों की मौत का कारण बना हुआ है.

Intro:जयपुर - राजधानी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक मानसागर झील में बड़ी संख्या में मछलियों के मरने से अब यहां पहुंचने वाले पर्यटक भी चिंतित हैं। उन्होंने प्रशासन को मछलियों की मौत पर गंभीर होने की नसीहत दी है। जबकि प्रशासन आंख मूंदकर किसी बड़ी जीव त्रासदी का इंतजार कर रहा है।


Body:मानसागर झील में हो रही मछलियों की मौत के बाद भी ना तो संबंधित विभागों ने यहां आकर जानने कोशिश की कि आखिरी मछलियां क्यों मर रही है। और ना ही जिला प्रशासन और निगम प्रशासन ने इस समस्या को गंभीरता से लिया। प्रकृति और पर्यावरण के लिए काम कर रहे सामाजिक संगठनों ने जरूर यहां के हालात देख आंदोलन की चेतावनी दी। लेकिन अब मानसागर झील की सतह पर तैर रही मरी हुई मछलियां यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को भी रास नहीं आ रही। पर्यटकों ने कहा कि इन मछलियों की मौत के जिम्मेदार हम हैं। उन्होंने सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ तो देश मॉडर्न बन रहा है। तरह-तरह के टॉयलेट्स बनाए जा रहे हैं। लेकिन जब टॉयलेट्स नए बनाए जा रहे हैं, तो उनके सीवरेज की अलग व्यवस्था की जानी चाहिए। प्रशासन को सिर्फ इंसानों के बारे में ना सोच कर जीव जंतुओं के बारे में भी सोचना चाहिए। वहीं मछलियों को दाना डालने पहुंचे लोगों ने कहा कि यहां मरी हुई मछलियों को देखकर दुख हो रहा है।प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए।


Conclusion:आपको बता दें कि मछली को रहने के लिए साफ पानी की जरूरत होती है। लेकिन प्रशासन की कारगुजारी के चलते मानसागर झील में सीवरेज का गंदा पानी पहुंच रहा है। जिसकी वजह से पानी में ऑक्सीजन की कमी होती जा रही है। और यही मछलियों की मौत का कारण बना हुआ है।

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