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Coal crisis in Rajasthan- कोयला संकट से फिर गुल हो सकती है बत्ती, छत्तीसगढ़ से नहीं मिली राहत

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Published : May 25, 2022, 2:35 PM IST

प्रदेश में बिजली की कटौती का दौर जारी है और प्रदेश की कुछ विद्युत उत्पादन इकाइयों में पांच से सात दिन का ही कोयला (Coal crisis in Rajasthan) बचा है. राजस्थान को छत्तीसगढ़ की खदानों से कोयला नहीं मिल रहा है. इसके लिए सरकार के किए गए प्रयास भी विफल हो चुके हैं, हालात अगर बिगड़े तो राजस्थान में ब्लैकआउट (Blackout situation in Rajasthan) की स्थिति भी बन सकती है.

Coal crisis in Rajasthan
राजस्थान को छत्तीसगढ़ की खदानों से कोयला नहीं मिल रहा है.

जयपुर.प्रदेश में आग बरसाती गर्मी के बीच कोयले की कमी ने डिस्कॉम और विद्युत उत्पादन निगम अधिकारियों को परेशान कर रखा है. आलम यह है कि छत्तीसगढ़ में आवंटित नई खदान से कोयला नहीं मिलने पर प्रदेश की 4340 मेगावाट क्षमता के थर्मल प्रोजेक्ट से उत्पादन बंद हो जाएगा. कोयले की कमी के चलते पहले ही प्रदेश की थर्मल विद्युत उत्पादन इकाइयां पूर्ण क्षमता से नहीं चल रही हैं, वहीं राजस्थान की कैपटिव कोल माइंस में जून के पहले सप्ताह का ही कोयला बचा है. अब प्रदेश को छत्तीसगढ़ (Rajasthan not getting coal from Chhattisgarh mines) में आवंटित नई खदानों से कोयला नहीं मिला तो प्रदेश में कोयले पर आधारित कुछ इकाइयों से बिजली का उत्पादन बंद होना तय है.

मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री के प्रयास भी विफल - छत्तीसगढ़ से राजस्थान को अपने हक का कोयला नहीं मिल पा रहा था. इस विवाद को ख्त्म करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और अधिकारियों से भी चर्चा की, लेकिन उनके प्रयास भी रंग नहीं लाए. छत्तीसगढ़ में आवंटित खान में खनन के लिए सभी अनुमति मार्च में ही मिल गई थीं. मौजूदा समय में कोयले का खनन कार्य शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं होने से राजस्थान में कोयला संकट (Coal crisis in Rajasthan) गहराता जा रहा है.

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उत्पादन इकाई में 5 से 7 दिन का कोयला शेष - प्रदेश में कोयले पर आधारित 23 विद्युत उत्पादन इकाइयां हैं, जिनमें नियम अनुसार कोयले का स्टॉक (No stock of coal in production unit in Rajasthan) नहीं है. उत्पादन निगम से जुड़े अधिकारियों की मानें तो कुछ इकाइयों में 5 दिन का तो कुछ में 7 दिन तक के कोयले का स्टॉक बचा है. गाइडलाइन के अनुसार 20 से 26 दिन का कोयला स्टॉक में रहना जरूरी है.

राजस्थान को छत्तीसगढ़ की खदानों से कोयला नहीं मिल रहा है.

7 विद्युत उत्पादन इकाइयां बंद - प्रदेश में बिजली की कटौती का दौर जारी है. वर्तमान में उत्पादन इकाई की 7 अलग-अलग इकाई (7 power generation units closed in Rajasthan) में भी उत्पादन बंद है. जिन विद्युत उत्पादन इकाइयों में बिजली का उत्पादन ठप है, उनमें सूरतगढ़ की 3, छबड़ा की 3 और कालीसिंध की 1 इकाई शामिल हैं. सभी 7 उत्पादन इकाइयों की कुल क्षमता 2510 मेगावाट है. इनमें से दो इकाई मेंटेनेंस के नाम पर और 5 इकाई तकनीकी कारणों का हवाला देकर बंद की गई है. बुधवार को एक राहत भरी खबर यह रही कि पूर्व में बंद पड़ी कालीसिंध की 600 मेगावाट की 1 और सूरतगढ़ में 250 मेगावाट की इकाई नंबर 5 से उत्पादन शुरू हो गया.

बन सकती है ब्लैकआउट की स्थिति -जून के पहले सप्ताह तक छत्तीसगढ़ से प्रदेश को आवंटित खदानों से कोयला नहीं मिला तो राजस्थान में ब्लैकआउट (Blackout situation in Rajasthan) की स्थिति भी बन सकती है. केंद्र सरकार पहले ही कोयला आयात करने के लिए राज्यों को निर्देश दे चुकी है और राजस्थान विदेश से महंगा कोयला खरीदने में रुचि नहीं दिखा रहा. इस स्थिति में आगामी जून माह में बिजली के क्षेत्र में प्रदेश की स्थिति और खराब होने के आसार हैं.

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