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गहलोत का शाह को पत्र : पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी फिर घटाने और GST पुनर्भरण का बकाया भुगतान करने का आग्रह

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Published : Nov 7, 2021, 6:44 PM IST

मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा कि केन्द्र सरकार की ओर से पेट्रोल पर 5 रूपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रूपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी कम करने से राज्य में वैट की दर में पेट्रोल पर 1.8 रूपये प्रति लीटर व डीजल पर 26 रूपये प्रति लीटर की कमी स्वतः हो गई है. इससे राज्य के वैट राजस्व में लगभग 1800 करोड़ रूपये प्रति वर्ष की हानि होगी.

गहलोत का शाह को पत्र
गहलोत का शाह को पत्र

जयपुर.केंद्र सरकार ने भले ही पेट्रोल और डीजल पर हाल ही में एक्साइज ड्यूटी में कमी कर दी हो, लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर पेट्रोल-डीजल पर लगाई जा रही एक्साइज ड्यूटी में और कमी करने का आग्रह किया है.

साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने जीएसटी पुनर्भरण के बकाया चल रहे 5,963 करोड़ रूपये का भुगतान जल्द करने का भी आग्रह किया है. रविवार को गहलोत ने अपने पत्र में यह भी दिखा कि यदि केंद्र सरकार ऐसा करती है तो महंगाई से जूझ रही जनता को राहत मिल पाएगी. पत्र में लिखा कि केन्द्र की ओर से एक्साइज ड्यूटी कम करने के साथ ही राज्यों का वैट आनुपातिक रूप से अपने आप ही कम हो जाता है.

केन्द्र सरकार की ओर से पेट्रोल पर 5 रूपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रूपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी कम करने से राज्य में वैट की दर में पेट्रोल पर 1.8 रूपये प्रति लीटर व डीजल पर 26 रूपये प्रति लीटर की कमी स्वतः हो गई है. इससे राज्य के वैट राजस्व में लगभग 1800 करोड़ रूपये प्रति वर्ष की हानि होगी.

सीएम गहलोत ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से राजस्थान की जनता को राहत देने के लिए हमारी सरकार ने इस वर्ष की शुरूआत में 29 जनवरी, 2021 को वैट में 2 प्रतिशत की कमी की थी. इससे राज्य को राजस्व में एक हजार करोड़ रूपये प्रति वर्ष की हानि हुई. इस तरह अब राज्य के कोष पर कुल 2800 करोड़ प्रति वर्ष की राजस्व हानि का भार आ गया है.

पेट्रोलियम कंपनियों को पाबंद करे केंद्र सरकार

गहलोत ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि केन्द्र पेट्रोलियम कंपनियों को पाबंद करे कि वे रोज-रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि न करें. क्योंकि ऐसा होने पर पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ने से केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से आमजन को दी गई राहत का लाभ शून्य हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2014 से उत्तरोत्तर वृद्धि करते हुए पेट्रोल पर स्पेशल एक्साइज ड्यूटी 6 रूपये से बढ़ाकर 11 रूपये प्रति लीटर एवं अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी 2 रूपये से बढ़ाकर 18 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल पर स्पेशल एक्साइज ड्यूटी शून्य बढ़ाकर 8 रूपये प्रति लीटर एवं अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी 2 रूपये से बढ़ाकर 18 रूपये प्रति लीटर कर दी है.

पढ़ें- वैट घटाने के विपक्ष के दबाव पर सीएम गहलोत ने दोहराया पुराना राग, कहा- एक्साइज ड्यूटी घटने पर वैट में खुद ही आई गिरावट

इसी प्रकार वर्ष 2021 के केन्द्रीय बजट में नवीन उपकर एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट सेस 2.50 रूपये प्रति लीटर पेट्रोल पर एवं रूपये प्रति लीटर डीजल पर लगा दिया गया है. उपरोक्त वृद्धि का लाभ केवल केन्द्रीय राजस्व को मिलता है जबकि डिविजीवल पूल में आने वाली बेसिक एक्साइज ड्यूटी में उत्तरोत्तर कमी की गई है, इससे राज्यों को मिलने वाले करों के हिस्से में कमी आई है.

जीएसटी पुनर्भरण बकाया का जल्द करें भुगतान

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने कोविड-19 से हुई राजस्व में कमी के बावजूद विकास व सामाजिक सुरक्षा के कार्यों को गति दी है. ऐसी स्थिति में केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को जीएसटी पुनर्भरण के 5,963 करोड़ रूपये का भुगतान बकाया होना राज्य के वित्तीय प्रबन्धन के लिए चुनौतीपूर्ण है. अतः वित्तीय संघवाद को सुदृढ़ करने के लिए केन्द्र सरकार से आग्रह है कि उपरोक्त बकाया राशि का शीघ्र भुगतान किया जाए एवं राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति पुनर्भरण की अवधि वर्ष 2027 तक बढ़ाई जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार ने समय-समय पर केन्द्र सरकार से एक्साइज ड्यूटी कम करने के लिए आग्रह किया है ताकि आमजन को एक्साइज ड्यूटी और वैट में कमी का लाभ एकसाथ मिल सके. उन्होंने केन्द्र सरकार से अपील की कि केन्द्र एक्साइज ड्यूटी में और कमी करके महंगाई की मार झेल रही जनता को राहत प्रदान करे. गहलोत ने कहा कि कोरोना के प्रभाव एवं अन्य सभी वित्तीय चुनौतियों के बावजूद केन्द्र सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी और कम किए जाने पर राजस्थान सरकार जनहित में राज्य के राजस्व में होने वाली हानि उठाने को तैयार है.

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