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भाजपा केंद्रीय नेतृत्व का राजस्थान में बढ़ रहा फोकस, आखिर क्या है वजह...

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Published : Sep 2, 2022, 9:27 PM IST

यूं तो प्रदेश में साल 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन बीजेपी आलाकमान का पूरा फोकस राजस्थान पर ही है. यही सियासी गलियारों में चर्चा का भी विषय है कि आखिर इसकी वजह क्या है. कोई इसे भाजपा की कांग्रेस मुक्त भारत की राजनीति का एक हिस्सा बताता है तो कोई गहलोत को घेरने की राजनीति. लेकिन बात इससे कहीं ज्यादा है.

Rajasthan BJP Mission 2023
राजस्थान में बढ़ रहा फोकस

जयपुर. भाजपा केंद्रीय नेतृत्व का राजस्थान में फोकस बढ़ रहा है. पिछले कुछ महीनों और मौजूदा समय में केंद्र से जुड़े पार्टी के आला नेताओं की राजस्थान में आवाजाही बढ़ गई है. पहले प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह के भरोसे ही राजस्थान का पूरा फीडबैक था, लेकिन अब इस कड़ी में कई और नेता भी जुड़ गए हैं. यहां तक कि पार्टी आलाकमान खुद राजस्थान में लगातार दौरे कर यहां के सियासी नब्ज को टटोल रहा है.

नड्डा-शाह के लगातार दौरे, जो दे रहे हैं यह संदेश : पिछले दिनों पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा राजस्थान के अलग-अलग जिलों में हुए कार्यक्रमों में शामिल हुए, जो इस बात का सबूत है कि पार्टी आलाकमान का फोकस (BJP Central Leadership Focus in Rajasthan) राजस्थान पर है. इस साल अप्रैल से अब तक जेपी नड्डा 4 बार राजस्थान का दौरा कर 5 जिलों में विभिन्न कार्यक्रम कर चुके हैं.

इस साल अप्रैल में सवाई माधोपुर जिले में अनुसूचित जनजाति के विशिष्ट जनों के सम्मेलन में नड्डा शामिल हुए थे. वहीं मई माह में नड्डा हनुमानगढ़ और फिर गंगानगर में पार्टी के बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने आए थे. इसके बाद मई माह में ही 19 और 20 मई को जयपुर में भाजपा की राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक रखी गई थी, जिसमें जेपी नड्डा भी शामिल हुए थे और उसके बाद जुलाई माह में राजस्थान भाजपा के प्रशिक्षण शिविर के समापन को संबोधित करने नड्डा माउंट आबू भी आए थे.

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इसी तरह केंद्रीय गृह मंत्री और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष रहे अमित शाह (Amit Shah Rajasthan Visit) हाल ही में जयपुर में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने आए, लेकिन राजस्थान भाजपा मुख्यालय में करीब 2 घंटे रुक कर गए और तमाम फीडबैक भी उन्होंने लिया. अब अमित शाह 10 सितंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में आ रहे हैं, जहां वह ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समापन सत्र और बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे. इसके अलावा हाल ही में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह नरेंद्र तोमर राष्ट्रीय पदाधिकारी विनय सहस्त्रबुद्धे और अब प्रकाश जावड़ेकर भी विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए राजस्थान का दौरा कर रहे हैं.

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गहलोत भाजपा की राह में रोड़ा, घेरने के लिए बीजेपी ने मोर्चा खोला : दरअसल, देश में कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान में ही सरकार के रूप में काबिज है. उसमें भी राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार का कांग्रेस पार्टी को बड़ा सहारा है और खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार फ्रंट फुट पर आकर केंद्र की मोदी सरकार और बीजेपी को लगातार घेर रहे हैं. ऐसे में भाजपा के भारत मुक्त कांग्रेस के सपने में गहलोत ही सबसे बड़ा रोड़ा हैं, जिसे अब पार्टी आलाकमान ने उनके ही गृह राज्य राजस्थान में घेरने की योजना (Allegations on Gehlot Government) बनाई है. जिसके तहत भाजपा के तमाम आला नेताओं के दौरे राजस्थान में बढ़ गए हैं.

विधानसभा चुनाव से पहले संभावित बदलाव को लेकर फीडबैक जुटाना भी मकसद : अगले विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान भाजपा नेताओं के बीच अगले मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर शीत युद्ध छिड़ा हुआ है. इसकी जानकारी पार्टी आलाकमान को भी है. यही कारण है कि केवल प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह के भरोसे ही यह फीडबैक लेने के बजाए पार्टी के शीर्ष नेताओं को भी विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए राजस्थान भेजा जा रहा है. इसके जरिए उनसे प्रदेश भाजपा का फीडबैक भी जुटाया जा रहा है. खास तौर पर चुनाव से पहले किस प्रकार के संगठनात्मक व अन्य बदलाव करना है, उसके लिए यह फीडबैक काफी मायने रखता है.

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चुनाव में किसे रखना है आगे पर भी मंथन : राजस्थान में पार्टी आलाकमान ने कई नेताओं को यहां से शक्ति का केंद्र बना रखा है. मतलब राजस्थान से आने वाले अधिकतर नेताओं को केंद्र या मोदी सरकार में बड़ी जिम्मेदारी के पद मिले हुए हैं. जिसके चलते राजस्थान भाजपा की राजनीति अब किसी एक-दो नेताओं के इर्द-गिर्द नहीं, बल्कि नौ से दस अलग-अलग नेताओं के आसपास घूमती है. इनमें राजस्थान से आने वाले केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय पदाधिकारी और प्रदेश के कुछ प्रमुख नेता शामिल हैं.

केंद्रीय नेताओं के लगातार हो रहे दौरे और प्रवास को लेकर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच (Rajasthan BJP Mission 2023) इन्हीं तमाम बातों की चर्चाएं हैं. लेकिन केंद्रीय नेताओं की राजस्थान में चहलकदमी यह बात तो साबित करती है कि अब भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का पूरा फोकस राजस्थान पर ही है.

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