जयपुर. सिनेमा प्रेमियों के लिए आज भी सिंगल स्क्रीन सिनेमा आकर्षण का केंद्र है. शुरुआती दौर में सबसे पहले सिंगल स्क्रीन सिनेमा ही हुआ करते थे लेकिन धीरे-धीरे जमाना बदलता गया और मल्टीप्लेक्स सिनेमा हॉल बन गए. मल्टीप्लेक्स के आने से कई सिंगल स्क्रीन सिनेमा भी बंद हो गए. हालांकि आज भी सिनेमा प्रेमियों के लिए कुछ सिंगल स्क्रीन सिनेमा संरक्षित रखे हुए हैं.
सिनेमा प्रेमियों की पसंद को देखते हुए मल्टीप्लेक्स के जमाने में भी कुछ सिनेमा मालिकों ने सिंगल स्क्रीन थिएटर को जीवित रखा है. जयपुर का जेम सिनेमा हॉल राजस्थान का सबसे पहला बड़ी स्क्रीन का सिनेमा हॉल है, जहां सिंगल पर्दे पर फिल्म देखने के लिए सिनेमा प्रेमियों में काफी उत्साह रहता था. राजस्थान में सबसे बड़ी स्क्रीन का सिंगल स्क्रीन थिएटर जेम सिनेमा आज 60 साल बाद भी संरक्षित है.
साल 2005 में मल्टीप्लेक्स की तरफ दर्शकों का ज्यादा रुझान होने की वजह से सिंगल स्क्रीन सिनेमा बंद होने लगे. अधिकांश सिंगल स्क्रीन थिएटर मल्टीप्लेक्स में परिवर्तित कर दिए गए तो कई को कॉरपोरेट हाउस या मॉल में समायोजित हो गए. उसी दौर में जयपुर का सबसे पुराना और सबसे बड़ी सिंगल स्क्रीन का जेम सिनेमा भी बंद कर दिया गया था. लेकिन दर्शकों की पसंद वापस सिंगल पर्दे की तरफ होने लगी तो फिर 16 साल बाद जयपुर का सबसे बड़ी सिंगल स्क्रीन का जेम सिनेमा 5 नवंबर से वापस शुरू हो गया है. राजधानी जयपुर में पुराना बड़ी स्क्रीन का सिंगल थिएटर शुरू होने से दर्शकों में काफी उत्साह है. नई जनरेशन ने तो मल्टीप्लेक्स को पसंद किया लेकिन पुरानी पीढ़ी के दर्शक आज भी सिंगल स्क्रीन थिएटर के दीवाने हैं. पुराने सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल में फिल्म देखने का अलग ही मजा आता है. नई पीढ़ी के युवा भी सिंगल स्क्रीन थिएटर को पसंद करने लगे हैं.
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1964 में बना था जेम सिनेमा
राजधानी जयपुर में जेम सिनेमा के मालिक सुधीर कासलीवाल ने बताया कि पहले सिंगल स्क्रीन का ही जमाना था. सन 1964 में जेम सिनेमा हॉल बनाया गया था. जेम सिनेमा राजस्थान का सबसे बड़ा सिनेमा हॉल था. करीब 1145 सीटों का सिंगल स्क्रीन हॉल बनाया गया था. राजस्थान का पहला और भारत का दूसरा नंबर का 70mm प्रोजेक्शन वाला सिनेमा हॉल बना था. जेम सिनेमा हॉल में उस जमाने की आधुनिक टेक्नोलॉजी के प्रोजेक्टर लगाए गए थे. पुरानी टेक्नोलॉजी आज भी कायम है. साउंड सिस्टम के मामले में भी राजस्थान का पहला सिनेमा हॉल था. सिनेमा हॉल की लाइट एंड साउंड दर्शकों के लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र बनी रही.