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Electricity Crisis in Rajasthan : प्रदेश में कई विद्युत उत्पादन इकाईयां ठप, पावर कट का बढ़ सकता है समय

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Published : May 27, 2022, 10:17 PM IST

देशभर में बिजली संकट के बीच राजस्थान में कई विद्युत उत्पादन इकाई बंद पड़ी हैं. कोयले (Electricity Crisis in Rajasthan) की कमी के चलते जून माह के पहले सप्ताह में राजस्थान में 4340 मेगावाट उत्पादन ठप होने की संभावना है. इसके कारण जून में पावर कट का समय बढ़ सकता है.

Electricity Crisis in Rajasthan
प्रदेश में कई विद्युत उत्पादन इकाईया ठप

जयपुर. देशभर में बिजली संकट के इस दौर में राजस्थान में तकनीकी कारणों से कई विद्युत उत्पादन (Electricity Crisis in Rajasthan) इकाइयां बंद हैं. इनमें 5 इकाइयों में तो पिछले कुछ महीनों से बिजली का उत्पादन हुआ ही नहीं. वर्तमान में करीब 2500 मेगावाट की 7 इकाइयों में बिजली उत्पादन ठप पड़ा है. वहीं, कोयले की कमी के चलते जून माह के पहले सप्ताह में राजस्थान में 4340 मेगावाट उत्पादन ठप होने की संभावना है.

प्रदेश की 7 विद्युत उत्पादन इकाइयां बंद:प्रदेश में वर्तमान में उत्पादन इकाई की 7 अलग-अलग इकाईयों में भी उत्पादन बंद है. जिन विद्युत उत्पादन इकाइयों में बिजली का उत्पादन ठप है उनमें सूरतगढ़ की 3, छबड़ा की 3 और कालीसिंध की 1 इकाई शामिल हैं. सभी 7 उत्पादन इकाइयों की कुल क्षमता 2510 मेगावाट है. इनमें से दो इकाई मेंटेनेंस के नाम पर और 5 इकाई तकनीकी कारणों का हवाला देकर बंद की गई है. बुधवार को कालीसिंध की 600 मेगावाट की 1 और सूरतगढ़ में 250 मेगावाट की इकाई नंबर 5 से उत्पादन शुरू हो गया. बावजूद इसके प्रदेश में बिजली की कमी अभी भी बनी हुई है.

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जून में पावर कट का बढ़ सकता है दायरा:राजस्थान की कैपटिव कोल माइंस में जून के पहले सप्ताह का ही कोयला बचा है. ऐसे में प्रदेश को अगर छत्तीसगढ़ में पूर्व में आवंटित नई खदानों से कोयला नहीं मिला तो प्रदेश में कोयले पर आधारित कुछ इकाइयों से बिजली का उत्पादन बंद होना तय है. ऐसा हुआ तो प्रदेश में जून के पहले सप्ताह में ही साढ़े 4 हजार मेगावाट से अधिक बिजली की कमी आ जाएगी और फिर पावर कट का समय बढ़ाया जा सकता है.

बाजार से खरीदी जा रही महंगी बिजली:प्रदेश में विद्युत उत्पादन निगम की 23 इकाइयां हैं जिनमें से 7 इकाइयों में उत्पादन पहले से ही बंद है. जबकि अन्य इकाइयों में कोयले की संकट के चलते पूर्ण क्षमता से उत्पादन नहीं किया जा रहा. इस बीच बाजार से महंगे दामों पर बिजली की खरीद जारी है. राजस्थान ऊर्जा विकास निगम में अप्रैल माह से लेकर अगस्त माह तक बिजली खरीद को लेकर पूर्व में ही टेंडर कर लिए थे. इस बार टेंडर बड़े स्तर पर न करके छोटे-छोटे स्तर में किए गए.

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बिजली की खरीद 5 रुपए 90 पैसे से लेकर साढे 9 रुपए प्रति यूनिट तक रखी गई है. जिन खरीद के लिए पूर्व में टेंडर हुए उससे ज्यादा बिजली की खरीद वर्तमान में की जा रही है. उसकी दर 12 रुपए प्रति यूनिट तक आ रही है. मतलब जितनी महंगी बिजली की खरीद होगी उसका सीधा भार आम बिजली उपभोक्ताओं पर आना तय है. हालांकि डिस्कॉम ने इस बार विद्युत विनियामक आयोग में जो याचिका दायर की थी उसमें घरेलू उपभोक्ताओं पर बिजली की दरें ना बढ़ाए जाने का प्रस्ताव था. लेकिन बिजली संकट के मौजूदा हालातों के बाद डिस्कॉम का घाटा बढ़ सकता है. अगली पिटिशन में इसका असर आम बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ सकता है.

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