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Good Use of Social Media : बीकानेर के प्रोफेसर ने मध्य प्रदेश में घायल दुर्लभ प्रजाति के गिद्ध की बचाई जान...

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Published : May 24, 2022, 4:18 PM IST

Updated : May 24, 2022, 4:46 PM IST

सोशल मीडिया आजकल लोगों के लिए एक दूसरे से कनेक्ट होने का बेहतरीन माध्यम है और यदि इसका सदुपयोग किया जाए तो कई बार सकारात्मक (Good Use of Social Media) परिणाम देखने को मिलते हैं. एक ऐसी ही घटना सामने आई है, जहां बीकानेर में बैठे प्रोफेसर ने Social Media के जरिए मध्य प्रदेश में घायल गिद्ध की जान बचाई है. यहां जानिए पूरा मामला...

Bikaner Profession Save Vulture Live in MP
Bikaner Profession Save Vulture Live in MP

बीकानेर. सोशल मीडिया के जरिए बीकानेर से हजारों किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश के कटनी जिले के विजयराघवगढ़ तहसील में एक घायल गिद्ध को बचाने का मामला सामने आया है. विजयराघवगढ़ तहसील में एक व्यक्ति (Vijayraghavgarh Tehsil Madhya Pradesh Vulture Rescue) अविनाश आठलये को अपने गांव में सड़क किनारे एक गिद्ध घायल अवस्था में मिला था. अविनाश ने उस वक्त गिद्ध को पानी पिलाकर छोड़ दिया, लेकिन बाद में सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर उसने वीडियो पोस्ट किया.

जिसके बाद बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार ने सोशल मीडिया के जरिए न सिर्फ गिद्ध की प्रजाति के बारे में बताया, बल्कि उसको रेस्क्यू करने के लिए भी कहा. जिस पर अविनाश ने आसपास गिद्ध के बारे में फिर से पता किया और दो दिन बाद वह गिद्ध अविनाश को गांव में मिला. इसके बाद करीब 20 दिन तक प्रो. अनिल कुमार ने इस गिद्ध के बारे में अविनाश से रोजाना संवाद रखा और गिद्ध के खाने-पीने और व्यवहार के बारे में जानकारी दी. 20 दिन अविनाश ने इस गिद्ध की देखरेख की. जिसके बाद अब यह गिद्ध वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों की मौजूदगी में वापस वन में छोड़ दिया गया.

गिद्ध क साथ वन विभाग के स्थानीय अधिकारी...

दुर्लभ प्रजाति का है गिद्ध : महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान के विभागाध्यक्ष अनिल कुमार कहते हैं कि वे 25 सालों से गिद्ध संरक्षण को लेकर काम कर रहा हैं और अपने रिसर्च में उन्होंने पाया है कि 50 फीसदी से ज्यादा गिद्ध के बच्चे रेस्क्यू के अभाव में अकाल मौत का शिकार हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के इस ताजा मामले में यह गिद्ध का बच्चा 3 महीने का है, जो कि लंबी गर्दन वाले (Long Billed Vulture) और सफेद पीठ वाले (White Back Vulture) श्रेणी का संकटग्रस्त प्रजाति का है.

पढ़ें :जैसलमेर: मृत अवस्था में मिले दुर्लभ प्रजाति के 3 गिद्ध

उन्होंने बताया कि अभी इनका ब्रीडिंग सीजन चल रहा है. अप्रैल-मई माह में इनके जुवेनाइल बच्चे (Bikaner Profession Save Vulture Live in MP) पहली उड़ान के दौरान जमीन पर गिर जाते हैं. इसी समय इनके बच्चों को रेस्क्यू की आवश्यकता होती है और रेस्क्यू नहीं होने पर इनकी मौत हो जाती है. इस मामले में मैंने सोशल मीडिया पर जब देखा तो अपने अनुभव से इस गिद्ध को बचाने का प्रयास किया और उसके खानपान को लेकर सारी जानकारी अविनाश से साझा की. आज वह गिद्ध सुरक्षित है.

Last Updated : May 24, 2022, 4:46 PM IST

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