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मानदेय को लेकर नर्सिंग कर्मियों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

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Published : May 20, 2021, 10:51 PM IST

गुरुवार को राजकीय नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट ने प्रतिदिन 500 रुपए स्टाइपेंड देने के लिए पीएमओ को ज्ञापन सौंपा है. इस दौरान नर्सिंग जिला अध्यक्ष पुष्पराज शर्मा ने कहा कि जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर के स्टूडेंट को राज्य सरकार की ओर से करीब 9 हजार का स्टाइपेंड दिया जाता है. लेकिन नर्सिंग कॉलेज स्ववित पोषित होने के कारण स्टाइपेंड नहीं दिया जाता है.

Rajasthan Nurses Association, अलवर कोरोना केस
मानदेय को लेकर नर्सिंग कर्मियों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

अलवर. राजकीय नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट को 500 रुपए प्रतिदिन स्टाइपेंड देने के लिए को पीएमओ को ज्ञापन सौंपा गया. इस दौरान नर्सिंग स्टूडेंट और राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष पुष्पराज शर्मा मौजूद रहे. नर्सिंग स्टूडेंट ने अपनी मांग में बताया कि जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर के स्टूडेंट को राज्य सरकार की ओर से करीब 9 हजार का स्टाइपेंड दिया जाता है. लेकिन नर्सिंग कॉलेज स्ववित पोषित होने के कारण स्टाइपेंड नहीं दिया जाता है. जबकि कॉलेज स्टूडेंट्स अस्पताल के वार्डों में नियमित सेवाएं दे रहे हैं. जिसमें उनका रोज आने-जाने का खर्चा और दिन में होने वाले छोटे बड़े खर्चे भी शामिल हैं.

नर्सिंग जिला अध्यक्ष पुष्पराज शर्मा ने बताया कि जीएनएमटीसी के छात्रों को राज्य सरकार की ओर से हर माह स्टाइपेंड दिया जाता है. लेकिन राजकीय कॉलेज ऑफ नर्सिंग स्वपोषित कॉलेज है. इसलिए इनके छात्रों को किसी प्रकार का कोई स्टाइपेंड नहीं दिया जाता है. वर्तमान में कॉलेज के छात्र पूर्ण रूप से अपनी सेवाएं वार्डों में नियमित रूप से दे रहे हैं इसलिए उन्होंने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी से 500 रुपए प्रतिदिन के आधार पर एक मानदेय के रूप में देने के लिए ज्ञापन दिया.

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इस पर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील चौहान ने कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल संदीप अवस्थी से वार्ता कर शीघ्र ही सकारात्मक उपाय निकालने का आश्वासन दिया. पुष्पराज ने बताया पिछले साल में आयी कोरोना की पहली लहर से ही नर्सिंग स्टूडेंट अपनी जान को जोखिम में डालकर कोरोना संक्रमित वार्डों में दिन-रात अपनी सेवाएं दे रहे हैं. ड्यूटी के दौरान कई स्टूडेंट कोरोना संक्रमित हुए भी हुए बावजूद इसके स्टूडेंट संक्रमण से ठीक हो कर दोबारा अपनी सेवाओं पर आए. स्टूडेंट अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटे वर्तमान में भी जिला अस्पतालों के वार्ड में अपने नियमित सेवाएं दे रहे हैं.

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