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प्याज की खेती के लिए किसान कर रहे बीज तैयार, पिछले साल महंगे दामों पर खरीदना पड़ा था बीज

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Published : Jun 1, 2021, 1:41 PM IST

लॉकडाउन के चलते किसानों को अपनी फसल बेचने में काफी नुकसान झेलना पड़ा है ऐसे में किसान अपने नुकसान की भरपाई के लिए प्याज की फसल के लिए तैयारी कर रहा है. देशभर में बढ़ती अलवर की प्याज की डिमांड को देखते हुए किसानों ने अभी से प्याज की नई फसल लेने की तैयारी शुरू कर दी है.

Farmers are preparing seeds for onion cultivation
प्याज की खेती के लिए किसान कर रहे बीज तैयार

अलवर. अलवर की लाल प्याज पूरे देश में विशेष पहचान रखती है. पूरे देश में अलवर की प्याज की डिमांड लगातार बढ़ रही है. इसलिए हर बार प्याज की ज्यादा पैदावार होती है. बीते साल किसान को प्याज के बीज महंगे दामों में मिले थे. ऐसे में इस बार किसान ने प्याज का बीज तैयार करने का काम शुरू कर दिया है. किसानों के घर प्याज के बीज से भर चुके हैं. इस बार कोरोना के चलते सभी फसलें खराब होने से किसान को कोई फायदा नहीं हुआ. ऐसे में प्याज की फसल से किसान को खासी उम्मीदें हैं.

प्याज की खेती के लिए किसान कर रहे बीज तैयार

परिवार चलाना हुआ मुश्किल

कोरोना की दूसरी लहर में लॉकडाउन लगने के बाद किसान को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. बाजार नहीं खुलने से किसानो को सब्जी ओने-पौने दाम में बेचनी पड़ रही है. जिसके कारण किसानों को परिवार चलाना भी मुश्किल हो रहा है. कोरोना महामारी में आर्थिक रूप से टूट चुके किसानों को अब प्याज की फसल से उम्मीद दिख रही है और प्याज की फसल के लेने के लिए किसानों ने तैयारी भी शुरू कर दी है. इन दिनों अलवर के किसान प्याज के बीज (कण) की खुदाई में लगे हुए हैं और बीज को खेतों से ले जाकर घरों में स्टोर करे रहे हैं. किसानों ने घरों में कूलर पंखे भी लगा रखे हैं जिससे कि उनका प्याज की बीज खराब न हो पाए.

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पिछले साल ऊंचे दामों पर खरीदना पड़ा था बीज

बीते साल किसान को 6000 रुपए क्विंटल के हिसाब से प्याज का बीज मिला था. ऐसे में किसान को प्याज की फसल बुवाई करने में खासी दिक्कत हुई थी. किसान पर खाद बीज पानी का लगातार भार बढ़ रहा है. बीज़ की डिमांड भी बीते साल ज्यादा रही. ऐसे में इस बार किसानों ने अभी से बीज तैयार करने का काम शुरू कर दिया है. अलवर जिले में प्याज की बंपर पैदावार होती है. देश में नासिक के बाद अलवर प्याज की दूसरी सबसे बड़ी मंडी है. ऐसे में किसान को प्याज की फसल से खासी उम्मीदें है. किसानों की माने तो साल भर जीवन यापन में खासी दिक्कत हो रही है. सभी फसल खराब हो चुकी हैं ऐसे में जिले के किसानों प्याज की फसल का इंतजार है.

लॉकडाउन ने बिगाड़ा गणित

किसानों का कहना है कि लॉकडाउन से किसानों की फसल सस्ते भाव में बिक रही है. जिससे घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो रहा है. अब उन्हें प्याज की फसल पर उम्मीद है जिसकी तैयारी में किसान लगे हुए हैं. प्याज के बीज (कण) को खेतों से निकालकर अब उनको घर में रख रहे हैं. कूलर पंखे व खुली हवा में बीज को रखते हैं ताकि खराब ना हो. अगस्त माह में प्याज की बोहनी के समय पर बीज को फिर से खेतों में लगाएंगे और नवंबर तक प्याज पककर तैयार हो जाएगी जिसे मंडी में बेचा जाएगा. अब देखना होगा कि प्याज कितने भाव में बिकती है. हमारी उम्मीद बस अब प्याज की फसल पर ही है.

अलवर की प्याज देश के अलावा नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश सहित आसपास के देशों में भी सप्लाई होती है. बीते कुछ सालों से बारिश व बाढ़ के चलते महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक की प्याज खराब हो रही थी. ऐसे में अलवर की प्याज की डिमांड लगातार बढ़ रही है. किसानों को प्याज के बेहतर दाम मिले हैं. पूरे देश में 100 रुपए किलो तक प्याज के दाम पहुंचे. ऐसे में अब ज्यादा से ज्यादा किसान प्याज की पैदावार करने लगे हैं.

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