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कांग्रेस नेता नसरू खां ने अपनी ही सरकार के अधिकारियों पर लगाए आरोप, कहा- अवैध तरीके से किया जमीन आवंटन

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Published : Jul 23, 2022, 11:15 PM IST

Nasru Khan accuses officials of illegal land allotment
कांग्रेस नेता नसरू खां

कांग्रेस के पूर्व मंत्री नसरू खां ने अपनी ही सरकार के अधिकारियों पर अवैध तरीके से जमीन आवंटन के गंभीर आरोप (Nasru Khan accuses officials of illegal land allotment) लगाए हैं. रामगढ़ क्षेत्र में यूआईटी की 42 बीघा जमीन को खुर्दबुर्द करने का मामला सामने आया है.

अलवर.कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री नसरू खां ने अपनी ही सरकार के अधिकारियों पर जमीन और पहाड़ को अवैध तरह से लोगों के नाम आवंटन करने का आरोप लगाया (Nasru Khan accuses officials of illegal land allotment) है. रामगढ़ क्षेत्र में यूआईटी की 42 बीघा जमीन को खुर्दबुर्द करने का मामला सामने आया है. उन्होंने रामगढ़ एसडीएम पर ग्राम पंचायत ढाढोली के गांव कमालपुर स्थित धूणीनाथ की रूंध को गलत तरीके से चहेतों को आवंटित करने का आरोप लगाया. इस दौरान उन्होंने अपनी पार्टी के कई बड़े नेताओं के भी शामिल होने की बात कही है.

उद्योगपति पर 20 बीघा भूमि पर भूखंड बेचने का आरोप: पूर्व मंत्री नसरू खां ने शनिवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेश सरकार में मंत्री और एक बड़े नेता के भाई पर धूणीनाथ की रूंध में 20 बीघा भूमि पर भूखंड बना उद्योगपतियों को बेचने का भी आरोप लगाया है. रामगढ़ एसडीएम ने ग्राम पंचायत ढाढोली के ग्राम कमालपुर स्थित धूणीनाथ की रूंध की 42 बीघा जमीन चहेतों को खातेदारी में आवंटित कर दी, जबकि यह जमीन राजस्व रिकॉर्ड में यूआईटी के नाम दर्ज है. हालांकि इस भूमि के आवंटन का अधिकार एसडीएम को नहीं है. एसडीएम के आदेशों को तत्कालीन एडीएम ने खारिज कर दिया. मामला संभागीय आयुक्त के पास पहुंचने पर एडीएम के आदेश को पलट दिया.

कांग्रेस नेता नसरू खां का बयान

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उन्होंने बताया कि इस मामले में कार्रवाई इतनी तेज हुई कि 24 अगस्त 21 को संभागीय आयुक्त ने निर्णय दिया और अगले ही दिन 25 अगस्त को इसकी नकल भी मिल गई और 26 अगस्त को तहसीलदार रामगढ़ ने स्वयं संभागीय आयुक्त से आदेश लाकर पालना भी कर दी.

यूआईटी अपना पक्ष रखने के लिए वकील तक नहीं खड़ा कर पाई: उन्होंने अलवर यूआईटी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जमीन खुर्दबुर्द होती रही और लेकिन यूआईटी अपना पक्ष रखने के लिए वकील तक खड़ा नहीं कर सकी. इससे पहले भी रामगढ़ क्षेत्र में यूआईटी की भूमि का गलत आवंटन कर दिया और वो अपना पक्ष नहीं रख सकी. धूणीनाथ रूंध की भूमि रियासतकाल में अलवर के पूर्व शासक ने गोवंश को चरने आदि के लिए दी थी. बाद में यह जमीन सरकार ने अपने कब्जे में लेकर चारागाह, गोचर व सिवायचक आदि में दर्ज कर ली. बाद में अधिकारियों ने अपनी सुविधा के अनुसार करोड़ों रुपए कीमत की इस भूमि की किस्म बदल चेहेतों के नाम आवंटित कर दी.

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अधिकारियों ने गैर मुमकिन सरकारी पहाड़ को अपने चहेतों के नाम कर दिया: पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि सरकारी भूमि के साथ खेल करते हुए अधिकारियों ने मिलीभगत कर गैर मुमकिन सरकारी पहाड़ को भी अपने चहेतों के नाम खातेदारी कर दी. ग्राम ढहलाबास में गैर मुमकिन पहाड़ को अलग-अलग छह लोगों के नाम कर दिया. जबकि गैर मुमकिन पहाड़ का न तो आवंटन हो सकता है और न ही स्थानांतरण.

इसके अलावा उन्होंने कई दस्तावेज पेश करते हुए अपनी ही सरकार के अधिकारियों व सरकार के मंत्री व विधायकों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि अलवर में जमीन का खेल कर बंदरबांट हो रही है. उन्होंने कहा कि आरटीआई के माध्यम से उन्होंने सभी दस्तावेज प्राप्त किए हैं और अधिकारियों की करतूत के उनके पास पूरे दस्तावेज हैं.

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