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अलवर के रामगढ़ में बवाल ! पुलिस ने भांजी लाठियां, जानें क्या है पूरा मामला...

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Published : Jul 9, 2021, 1:21 PM IST

Updated : Jul 9, 2021, 7:45 PM IST

अलवर के रामगढ़ में उस समय बवाल हो गया जब प्रशासन की टीम अतिक्रमण हटाने के लिए मौके पर पहुंची. देखते ही देखते स्थिति विस्फोटक हो गई और पुलिस-पब्लिक आमने-सामने आ गई. वहीं, जमीन विवाद पर कोर्ट का स्टे लगने से कार्रवाई आगामी आदेश तक रोक दी गई है. पढ़ें पूरी खबर...

ruckus in ramgarh of alwar
अलवर के रामगढ़ में बवाल

अलवर. रामगढ़ में 50 साल पुरानी कॉलोनी में प्रशासन ने कब्रिस्तान के लिए जमीन आवंटित की थी. कब्रिस्तान की जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए शुक्रवार को प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. इस दौरान कॉलोनी में रहने वाले महिला व लोगों ने प्रशासन की टीम का विरोध किया और पथराव कर दिया.

इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस टीम को हालात काबू में करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा. इस घटना में करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए, जिनको आसपास के सरकारी व निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मौके पर तनाव के हालात बने हुए हैं और भारी पुलिस बल व पीएसी तैनात हैं.

ग्रामीणों के अनुसार जहां जय कॉलोनी बसी हुई है, उसके पास डोली गांव में आजादी से पूर्व मुसलमान रहते थे और यह भूमि राजस्व रिकॉर्ड में कब्रिस्तान इंद्राज थी. लेकिन सन 1947 में जब देश आजाद हुआ, उसके बाद इस गांव से मुसलमान पलायन कर गए. केवल एक परिवार रह गया. आजादी के बाद कुछ हिंदू परिवार बाहर से आकर बस गए.

पुलिस ने क्यों किया लाठीचार्ज...

राजस्व रिकॉर्ड में इस भूमिका नाम परिवर्तन किसी ने नहीं कराया. तब से यह भूमि खाली और बंजर पड़ी थी, जिसे आज से करीब 60 वर्ष पूर्व अलवर जिले के निवासी तत्कालीन यातायात मंत्री जय कृष्ण शर्मा ने ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए इस भूमि पर डेढ़-डेढ़ सौ वर्ग गज के प्लॉट काट लोगों को रहने व गेहरा डालने की प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में अनुमति दी. तब से इस भूमि पर जय कॉलोनी बसी हुई है, जिसमें करीब 35 से 40 परिवारों के मकान बने हुए हैं और उनके समीप की शीतला माता का मंदिर बना हुआ है.

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लगभग 6 माह पूर्व शीतला माता की मूर्ति चोरी हो गई थी, जिस पर ग्रामीणों ने रिपोर्ट दर्ज कराई और पुलिस ने जाति विशेष के बच्चों को चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया. मूर्ति को कुएं से बरामद भी किया था. शुक्रवार को एक बार फिर से प्रशासन की टीम जमीन को कब्रिस्तान की बताते हुए अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची. इस दौरान स्थानीय महिला व लोगों ने पुलिस टीम का विरोध किया. हालात को काबू करने के लिए मौके पर मौजूद पुलिस बल को लाठीचार्ज करना पड़ा. इस घटना में करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए. घायलों को पास के सरकारी व निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मौके पर तनाव के हालात बने हुए हैं और भारी पुलिस बल तैनात है. प्रशासन व पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं.

स्थानीय लोगों का आरोप है कि वर्तमान विधायक के सहयोग से प्रशासन पर दबाव बनाया गया और तहसीलदार ने उक्त भूमि को खाली करने के नोटिस जारी कर दिए. इस मामले में करीब एक माह पूर्व तहसीलदार और ग्रामीणों में तीखी नोकझोंक भी हुई थी. इस पर तहसीलदार द्वारा कुछ लोगों के खिलाफ राजकार्य में बाधा के मुकदमे भी दर्ज कराए गए.

प्रशासन द्वारा जय कॉलोनी में रहने वाले लोगों के पक्के मकानों को तोड़ना था. इसी को लेकर शुक्रवार को प्रशासन व पुलिस की टीम मौके पर अतिक्रमण हटाने पहुंची. इस दौरान स्थानीय लोगों ने प्रशासन और पुलिस टीम का विरोध किया. एक माह पहले जमीन को कब्रिस्तान बता कर खाली करावने के नोटिस देने के बाद से विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है.

जज ने तहसीलदार को फटकार लगाते हुए कहा कि जब 9 तारीख तक का स्टे है तो इतनी जल्दी कार्रवाई करने की क्या जरूरत थी. जिसने प्रशासन की कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए आगामी आदेश तक स्टे दे दिया.

उपखंड अधिकारी कैलाश शर्मा ने बताया कि 4 बीघा 17 बिस्वा की गैर मुमकिन कब्रिस्तान की जमीन का विवाद है. प्रकरण अदालत में चल रहा है. उन्होंने कहा कि संबंधित न्यायालय ने आगामी आदेश तक स्टे दे दिया है. अब उसके बाद ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, पुलिस गांव की सैकड़ों लोगों पर राजकार्य में बाधा डालने और पथराव करने का मुकदमा दर्ज करा रही है. घटना के समय अतिरिक्त जिला कलेक्टर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, उपखंड अधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक सहित भारी पुलिस बल तैनात था.

Last Updated :Jul 9, 2021, 7:45 PM IST

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