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EXCLUSIVE: अंतरराष्ट्रीय पशु मेले पर रूस यूक्रेन युद्ध का असर, बुकिंग कैंसिल करा रहे विदेशी 'पावणे'...पर्यटन व्यवसायी निराश

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Published : Oct 14, 2022, 8:45 PM IST

अजमेर स्थित पुष्कर धार्मिक रूप से काफी महत्व रखता है. यहां सालभर श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी रहती है. लेकिन इसके साथ ही पुष्कर में पर्यटन व्यवसाय काफी कुछ विदेशी मेहमानों पर निर्भर है. दो साल कोरोना काल के बाद इस साल अच्छे कारोबार की उम्मीद लगाए बैठे व्यापारियों को विदेशी सैलानियों की ओर से होटल बुकिंग कैंसिल कराने से फिर मायूसी हुई है. इसका कारण अंतरराष्ट्रीय पशु मेले पर रोक के साथ ही काफी हद तक यूक्रेन-रूस के युद्ध (Russia Ukraine war effect on Pushkar fair) के असर भी माना जा रहा है.

अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेला
अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेला

अजमेर.जगतपिता ब्रह्मा की नगरी तीर्थ गुरु पुष्कर में सभी व्यवसाय तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों पर निर्भर हैं. यूं तो पुष्कर में 12 महीने तीर्थयात्री आते रहते हैं, लेकिन पुष्कर पर्यटन से जुड़े व्यवसाय में बढ़ोतरी विदेशी मेहमानों के आने से होती है. अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले में (international Pushkar cattle fair in Ajmer) इस बार पशुओं की आवक पर पाबंदी लगाई गई है. इससे पुष्कर के पर्यटन उद्योग को झटका लगा है. वहीं रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध का असर भी पुष्कर के पर्यटन उद्योग पर पड़ने लगा है. पुष्कर मेले में आने वाले विदेशी पर्यटक अपनी होटलों की बुकिंग कैंसिल (cancellation of foreign tourists booking) करवाने में लगे हैं. इससे होटल व्यवसायियों में ही नहीं बल्कि पर्यटन उद्योग से जुड़े सभी कारोबारियों में निराशा छाने लगी है.

अंतरराष्ट्रीय पटल पर पुष्कर की पहचान धार्मिक और पर्यटन नगरी के रूप में है. हिंदुओं का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल होने के साथ ही ये अपने नैसर्गिक सौंदर्य के कारण विदेशी पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता आया है. पुष्कर का अंतरराष्ट्रीय मेला विदेशी पर्यटकों को काफी लुभाता है. पुष्कर के मिट्टी के टीलों पर हजारों ऊंट और पशुपालकों का पहनावा और उनका रहन-सहन विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है.

अंतरराष्ट्रीय पशु मेले पर रूस यूक्रेन युद्ध का असर

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लंपी के कारण पुष्कर पशु मेला कैंसिल
इस बार गोवंश में लंपी बीमारी फैलने के कारण पुष्कर पशु मेले में पशुओं की आवक पर पाबंदी लगा दी गई है. इससे विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आने की आशंका है. जिसका असर पर्यटन उद्योग पर भी खासा पड़ेगा. वहीं, रूस और यूक्रेन के युद्ध का असर (Russia Ukraine war effect on Pushkar fair) भी अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले पर देखा जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले में आने के लिए विदेशी पर्यटक 6 माह पहले से ही पुष्कर की होटलों में बुकिंग करवाना शुरू कर देते हैं. लेकिन इस बार कई विदेशी पर्यटक होटल की बुकिंग कैंसिल करवा चुके हैं. विदेशी पर्यटकों के होटल की बुकिंग कैंसिल होने से होटल व्यवसायियों में निराशा छाई हुई है.

रूस यूक्रेन के युद्ध से यह पड़ रहा असरः पुष्कर होटल एसोसिएशन के संरक्षक राजेंद्र महावर ने बताया कि पुष्कर में लोगों की आजीविका का मुख्य साधन पर्यटन है. यहां हर व्यवसाय पर्यटन से जुड़ा हुआ है. यूं तो साल भर देशी पर्यटक पुष्कर भ्रमण के लिए आते हैं, लेकिन 15 दिन के मेले के दौरान आने वाले विदेशी पर्यटकों से आय ज्यादा होती है. इससे पर्यटन कारोबार से जुड़े लोग साल भर तक निश्चित रहते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 2 वर्ष कोविड-19 की वजह से पर्यटन उद्योग को काफी नुकसान झेलना पड़ा है.

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इस बार लोगों को उम्मीद थी कि अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले में विदेशी सैलानियों की भरमार रहेगी और पुष्कर पर्यटन उद्योग के फिर से अच्छे दिन आएंगे. लेकिन पिछले दिनों से लगातार विदेशी पर्यटको की ओर से होटल बुकिंग कैंसिल की जा रही है. उन्होंने बताया कि विदेशी पर्यटकों के होटल से बुकिंग कैंसिल करने के पीछे तात्पर्य रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध की वजह से यूरोपियन देशों के अलावा अमेरिका, जापान सहित कई देशों में आर्थिक मंदी के असर को माना जा रहा है.

उम्मीदों पर फिरा पानीःहोटल संचालक पप्पू बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों से पुष्कर में इजराइली की संख्या बढ़ी है. इसका कारण यहां बेद खबाद का होना है. इजरायलियों का त्योहार सुकौत मनाने के लिए इजरायली पर्यटक पुष्कर में जुटे हुए हैं. लेकिन निराशा की बात यह है कि अमेरिका, यूरोपियन देशों से आने वाले पर्यटकों ने अचानक होटल से बुकिंग कैंसिल करवाना शुरू कर दिया है. यह पुष्कर पर्यटन उद्योग के लिए अच्छी खबर नहीं है.

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होटल और पर्यटन व्यवसाय को झटका
यह होटल व्यवसाय और पर्यटन से जुड़े कारोबार के लिए बड़ा झटका है. सभी तरह के पर्यटन से जुड़े उद्योग विदेशी पर्यटको पर ज्यादा निर्भर हैं. उन्होंने बताया कि साल भर उतनी कमाई नहीं हो पाती जितनी कमाई अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले के 15 दिनों में विदेशी पर्यटकों की वजह से होती है. यूक्रेन और रूस के युद्ध का ही असर है कि विदेशी पर्यटक अपने होटलों की बुकिंग कैंसिल करवा रहे हैं. उन्होंने बताया कि लंपी बीमारी की वजह से पुष्कर पशु मेला को लेकर लगी पाबंदी के कारण पर्यटन से जुड़े सभी उद्योगों को जबर्दस्त आर्थिक झटका लगेगा. इससे कई कारोबारियों की कमर आर्थिक रूप से टूट जाएगी. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दो वर्ष में हुए नुकसान से अभी उबरे भी नहीं है कि तीसरे साल भी नुकसान झेलना पड़ेगा. जबकि इस बार विदेशी पर्यटकों के ज्यादा आने की उम्मीद लगाई जा रही थी.

450 से 500 करोड़ का होता है 15 दिन के मेले में कारोबारः पुष्कर में 500 से अधिक होटल, गेस्ट हाउस और रिसोर्ट हैं. वहीं 100 से ज्यादा रेस्टोरेंट है. पुष्कर में वेस्टर्न कपड़े बनाने की 100 से ज्यादा छोटी बड़ी फैक्ट्रियां हैं. चांदी और अन्य धातुओं की ज्वेलरी का भी पुष्कर बाजार है. एंटीक आइटम, टूर ऑपरेटरर्स, कैमल सफारी सहित कई छोटे बड़े उद्योग पर्यटकों की आवक पर निर्भर हैं. एक अनुमान के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले में 450 से 500 करोड़ रुपए का व्यापार महज 15 दिन में हो जाता है. यह 15 दिन कारोबारियों को इतनी कमाई दे जाते हैं कि वह सालभर तक निश्चित रहते हैं. अगले मेले की तैयारी करते हैं. बता दें कि पर्यटन उद्योग से जुड़े कारोबार में हजारों लोगों को रोजगार मिलता है. इतना ही नहीं मेले के दौरान पुष्कर के आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में मेले में ग्रामीणों को भी रोजगार का अवसर मिलता है.

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