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Reality Check: लॉकडाउन का पहला दिन, अजमेर में सुबह 11 बजे के बाद दिखा असर

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Published : May 10, 2021, 3:55 PM IST

अजमेर जिले में पूर्ण लॉकडाउन शुरू हो गया है, लेकिन इसके बाद भी सुबह 11 बजे तक लॉकडाउन का मिलाजुला असर रहा. 11 बजे तक किराने की दुकान खुली रही और लोग खरीददारी करते हुए देखे गए. शहर की प्रमुख सड़कों ही नहीं बल्कि भीतरी क्षेत्रों में भी पुलिस ने मोर्चा संभाला हुआ है.

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अजमेर में सुबह 11 बजे के बाद दिखा असर

अजमेर.जिले में पूर्ण लॉकडाउन शुरू हो गया है, लेकिन इसके बाद भी सुबह 11 बजे तक लॉकडाउन का मिलाजुला असर रहा. रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़े की तर्ज पर ही किराने की दुकान खुली रही और लोग खरीददारी करते हुए देखे गए. लेकिन, 11 बजे बाद सड़कें धीरे-धीरे खाली होती हुई नजर आई.

अजमेर में सुबह 11 बजे के बाद दिखा असर

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खास बात यह है कि जन अनुशासन पखवाड़ा और रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़ा के बाद अब राज्य सरकार के निर्देश पर लगाए गए लॉकडाउन के पहले दिन तक जिले में मिल रहे कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आई है. यही वजह है कि प्रशासन और कॉलेज लॉकडाउन को लेकर अब सख्त है.

11 बजे तक लॉकडाउन का मिलाजुला असर

अजमेर में लॉकडाउन के पहले दिन सुबह 11 बजे तक मिलाजुला असर ही देखने को मिला. लोग आवश्यक खाद्य सामग्री खरीदने के लिए किराने की दुकानों पर नजर आए. फल के ठेलों पर भी लोग खरीददारी करते दिखे, लेकिन सुबह 11 बजे बाद सड़कें सुनी होती हुई नजर आई. शहर की प्रमुख सड़कों ही नहीं बल्कि भीतरी क्षेत्रों में भी पुलिस ने मोर्चा संभाला हुआ है.

घरों से बाहर निकलने वाले लोगों को पुलिस की ओर से रोका जा रहा है और उनसे बाहर निकलने का कारण पूछा जा रहा है. उपयुक्त कारण नहीं बताने पर लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा जा रहा है. लॉकडाउन का असर रोडवेज बसों पर भी देखने को मिला. लॉकडाउन के तहत रोडवेज बसों को बंद किया गया है. 11 बजे बाद केवल दवा की दुकानो को ही खोले जाने की अनुमति है.

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ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन का असर

वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में भी लॉकडाउन का असर देखा गया. इस बार लॉकडाउन के तहत मनरेगा के कार्य बंद किए गए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन को सफल बनाने और कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए डोर-टू-डोर सर्वे और प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर कंसल्टेशन कोविड केयर सेंटर शुरू किए गए हैं. इनकी बराबर मॉनिटरिंग एसडीएम, तहसीलदार, विकास अधिकारी और पीओ कर रहे हैं.

नहीं थमी है कोरोना की रफ्तार

बता दें, शहरी क्षेत्र में इंसीडेंट कमांडर मोर्चा संभाले हुए हैं. कोरोना की चेन तोड़ने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने जन अनुशासन पखवाड़ा शुरू किया था. इसको आगे बढ़ाते हुए रेड अलर्ट अनुशासन पखवाड़ा लगाया गया, जिसके कारण लोगों की आवाजाही कम रही और संक्रमण को रोकने में कुछ सफलता हाथ लगी.

हालांकि, इसके बाद भी शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोग लापरवाही बरत रहे हैं. यही वजह है कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमी नहीं है. राहत की बात है कि पिछले एक सप्ताह से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आई है. इधर, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से विभिन्न सेंटर पर वैक्सीनेशन का कार्य भी जारी है.

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