अजमेर. कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टरों को कोरोना वॉरियर्स की खिताब से नवाजा गया है, लेकिन महामारी के दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को बताए बिना लगभग 564 डॉक्टर ड्यूटी से नदारद है. यह सभी डॉक्टर प्रदेश के सातों संभाग से हैं, जिनमें अजमेर के भी दो डॉक्टर लापता है. इस संबंध में जन स्वास्थ्य सेवा निदेशक ने सभी पीएमओ और सीएमएचओ से रिपोर्ट मांगी है और यदि इनके संबंध में देर से या आधी अधूरी सूचना दी गई तो विभाग की ओर से पीएमओ और सीएमएचओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
स्वास्थ्य विभाग को नहीं है ड्यूटी से नदारद रहने वाले डॉक्टरों की जानकारी
कोरोना काल के दौरान राज्य के सातों संभाग से 269 विशेषज्ञ डॉक्टर और 295 मेडिकल ऑफिसर ड्यूटी से नदारद रहे. इन डॉक्टरों में अजमेर, भरतपुर, कोटा, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर संभाग में लंबे समय से 564 विशेषज्ञ और एमबीबीएस डॉक्टर शामिल है. फिलहाल यह सारे डॉक्टर कहां है, इसके बारे में स्वास्थ्य विभाग को किसी तरह की कोई जानकारी नहीं है. इनके बारे में जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग के निदेशक केके शर्मा ने सातों संभागों पीएमओ और सीएमएचओ को पत्र लिखकर इनके बारे में जानकारी मांगी है.
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जानकारी देने की अंतिम तिथि भी की गई जारी
स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि तय समय सीमा के अंदर पीएमओ और सीएमएचओ को निदेशालय मुख्यालय पर उपस्थित होकर खुद इन डॉक्टर के संबंध में जानकारी देनी होगी. इसके लिए उन्हें दो पत्रों में जानकारी मांगी गई है. अजमेर संभाग के पीएमओ और सीएमएचओ को 21 जून भरतपुर, 22 जून कोटा, 23 जून उदयपुर, 24 जून बीकानेर, 25 जून जोधपुर, 23 जून जयपुर, 29 जून की तिथि अंतिम सीमा के रूप में सौंपी गई है. इस समय सीमा के अंदर सभी सीएमएचओ और पीएमओ को लापता डॉक्टर्स के संबंध में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करना अनिवार्य है.