दमोह। मड़ियादो के समीप धूरखेड़ा पंचायत में सोलर पैनल ग्रामीणों के लिए वरदान बन गया है. ग्राम पंचायत में लगे सोलर पैनल से सबमर्सिबल तो नहीं चल रहा, लेकिन मोबाइल जरूर चार्ज हो रहे हैं. कहते हैं आवश्यकता अविष्कार की जननी है. इन पंक्तियों को चरितार्थ करती खबर आदिवासी अंचल के धूरखेड़ा गांव से है. यहां बिजली गुल हो जाने के बाद गांव के युवा स्कूल प्रांगण में लगे सोलर पैनल से लोग मोबाइल चार्ज करते हैं. गांव के एक युवक ने सोलर पैनल में ऐसा सिस्टम बनाया है जिससे सीधे मोबाइल चार्ज कर सकते हैं. इसमें डीसी को एसी करंट में बदलने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. गांव का यह युवा अधिक पढ़ा लिखा भी नहीं है और न ही इसने कहीं से तकनीकी ज्ञान लिया है. इस जुगाड़ तकनीक से मोबाइल चार्जर पॉइंट्स बनाकर अपने मोबाइल की बैटरी चार्ज कर रहे हैं.