शहडोल। जून का महीना चल रहा है, तेज गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है. बरसात कभी भी शुरू हो सकती है. दिनभर प्रचंड गर्मी और तेज धूप रहती है. ऐसे में ऋतु संधि के इस मौसम में लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका प्रतिकूल असर देखने को मिल रहा है. आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव बताते हैं कि अभी जून का समय चल रहा है और जुलाई का महीना आने वाला है. गर्मी अपने पीक पर है और बारिश का समय भी शुरू होने वाला है. इस सीजन को रितु संधि ट्रांजिशनल वेदर भी बोलते हैं. आयुर्वेद डॉक्टर ने कहा कि जब हम एक मौसम से दूसरे मौसम में जाने वाले होते हैं. ऐसे समय में जो मौसम होता है. वह अपनी पुरानी प्रकृति को छोड़कर एक नए प्रकृति में जाने वाला रहता है, जिसके चलते शरीर में कई तरह की बीमारियां लगती हैं. ऐसे समय में हमें यह करना चाहिए कि ग्रीष्म ऋतुचर्या से थोडा हमें हटके वर्षा ऋतुचर्या पर भी ध्यान देना चाहिए.
सूरज की किरणों से बचेंःउदाहरण के लिए गर्मी के समय में हम अपने आपको सूरज की किरणों से बचाकर रखते हैं, क्योंकि ये सूरज की किरणें इतनी ज्यादा हार्मफुल हैं. वहीं, कई लोगों को लू लगने का खतरा और डिहाइड्रेशन का खतरा, दस्त और उल्टी जैसी सभी की समस्याएं बढ़ जाती हैं. तो कोशिश ये करना चाहिए कि हमें अपनी बॉडी का टेम्परेचर ऑप्टिमम रखना चाहिए, घर से बाहर निकलें तो छाते का उपयोग करें. अगर गाड़ी में दोपहिया वाहन से जा रहे हैं तो गमझे का उपयोग करें. हेलमेट का उपयोग करें, जिससे डायरेक्ट गर्म हवा, डायरेक्ट सूर्य की रोशनी चेहरे पर न पड़े, शरीर पर न पड़े, कोशिश करें कि अपने शरीर को जितना ज्यादा हो सके सूरज की किरणों से बचाकर रखें. दूसरी चीज ये है कि एकदम से गर्म वातावरण से एकदम से ठंडे वातावरण में न आएं और ठंडे से एकदम से गर्म में न आएं. गर्म बॉडी में या गर्म मौसम में सीधे आकर के ठंडा पानी न पिएं. इसी तरह से कोशिश करें कि अपने आप को गर्मी से बचा कर रखें.