सागर।अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम तय हो गया है.आगामी 22 जनवरी को रामलला की गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा होगी. ऐसे में भगवान राम के भक्त इस अलौलिक क्षण के साक्षी बनने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं. लोग तरह-तरह के संकल्प लेकर अयोध्या पहुंच रहे हैं. और भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनके दर्शन करेंगे. विदिशा जिले के कागपुर गांव के एक युवाओं की टोली पैदल ही अयोध्या के लिए निकल पड़ी है. युवाओं की ये टोली करीब साढ़े सात सौ किलोमीटर का सफर पैदल तय करेगी और अयोध्या पहुंचेगी. ये युवक रोजाना सुबह से शाम तक पैदल चलते हैं और रात कहीं मंदिर और धर्मशाला में गुजारने के बाद फिर चल पड़ते हैं.
अयोध्या के लिए राम भक्तों का पैदल सफर, 22 जनवरी को राम मंदिर समारोह में होंगे शामिल
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Dec 26, 2023, 9:06 PM IST
अलाव तापते हुए बना विचार: ये युवा विदिशा जिले के कागपुर गांव के निवासी हैं. इन युवाओं का कहना है कि कुछ दिन पहले हम सभी दोस्त अलाव ताप रहे थे. तभी राममंदिर की चर्चा चल पड़ी. ऐसे में कुछ दोस्तों ने कहा कि भव्य राम मंदिर देखने और भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए चलना चाहिए. बातचीत होते-होते योजना बनी कि क्यों ना अयोध्या पैदल चला जाए. सबको ये फैसला पसंद आया और 6 दोस्तों ने तय कर लिया कि वो अब अपने गांव से पैदल चलते - चलते अयोध्या जाएंगे और रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होगें.
21 दिसम्बर से शुरू की पदयात्रा: विदिशा जिले की नटेरन तहसील के कागपुर गांव के 6 युवाओं ने पैदल अयोध्या तक चलने का फैसला लिया. जिनमें कागपुर गांव में रहने वाले कन्हैया जोशी, बलिराम केवट,अजय केवट,शैलेंद्र केवट,रामस्वरूप केवट और विनोद केवट शामिल हैं. इन लोगों ने सबसे पहले अयोध्या तक का रूट चार्ट तैयार किया और सर्दी के मौसम के हिसाब से जरूरी सामान इकट्ठा किया. पहले गांव से पैदल चलकर नटेरन पहुंचे और नटेरन के शनि मंदिर में पूजा अर्चना के बाद 21 दिसम्बर को पदयात्रा की शुरूआत की. कागपुर से गंजबासौदा, मंडी बामोरा, धंसरा, लहटवास होते हुए बीना के रामपुर गांव होते हुए अयोध्या की तरफ चल पड़े.
कैसे हो रहा है पैदल सफर: पदयात्री कन्हैया जोशी ने बताया कि अयोध्या तक पहुंचने के लिए हमें करीब 750 किमी का सफर तय करना है. फिलहाल हमने 100 किमी से ज्यादा पदयात्रा कर ली है और हम लोग रोजाना 30 से 35 किमी पैदल चलने का लक्ष्य बनाकर चल रहे हैं. ताकि सही समय पर अयोध्या पहुंच जाएं. हम लोग सुबह 6 बजे से पैदल चलना शुरू देते हैं और शाम पांच बजे तक पदयात्रा करते हैं. वहीं रात के समय हम लोग किसी धर्मशाला या मंदिर में शरण लेते हैं. हमारा उद्देश्य और संकल्प जानकर लोग खुद खाने का इंतजाम कर देते हैं या फिर हम लोग जहां रुकते हैं,वहीं खाना बनाते हैं. सुबह होते ही रामधुन गाते हुए फिर अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ जाते हैं.