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मंत्री गोपाल भार्गव का 21 हजार बेटियों के कन्यादान का संकल्प होगा पूरा, 22 साल की तपस्या के बाद मिलेगा फल

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Published : Mar 11, 2023, 7:01 AM IST

gopal bhargava kanyadaan of 2100 daughter

मध्यप्रदेश के सबसे वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव 11 मार्च शनिवार को जीवन की एक बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाले हैं. मंत्री अपने गृह नगर गढ़ाकोटा में 2100 बेटियों का कन्यादान करने जा रहे हैं. इस तरह से उनका 21 हजार बेटियों के कन्यादान का संकल्प पूरा होगा. गढ़ाकोटा के रहस मेला प्रांगण में 11 मार्च को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित होगा.

सागर।सामाजिक समरसता के साथ जनसेवा को राजनीति का माध्यम बनाने वाले पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव 11 मार्च को अपने गृह नगर गढ़ाकोटा में एक साथ 2100 बेटियों का कन्यादान करने जा रहे हैं. इस कार्यक्रम के साथ मंत्री भार्गव का 21 हजार बेटियों के कन्यादान करने का संकल्प पूरा हो जाएगा. मंत्री भार्गव द्वारा आयोजित होने वाला यह 20वां आयोजन होगा. ये सिलसिला 2001 में अनुसूचित जाति की बेटियों के कन्यादान समारोह से शुरू हुआ था, तब मुख्यमंत्री कन्यादान योजना जैसी कोई स्कीम शुरू नहीं हुई थी.

गोपाल भार्गव 2100 बेटियों का करेंगे कन्यादान:11 मार्च 2023 का दिन मंत्री गोपाल भार्गव के राजनीतिक जीवन की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में जुड़ने जा रहा है. राजनीति को समाज सेवा का माध्यम बनाते हुए गोपाल भार्गव ने अपने रहली विधानसभा क्षेत्र में कन्यादान विवाह समारोह की शुरुआत की थी. 2001 में शुरू हुए सामूहिक विवाह समारोह का सिलसिला लगातार जारी है. 2001 से लेकर अब तक 19 विवाह समारोह गोपाल भार्गव द्वारा कराए जा चुके हैं, जिनमें 19 हजार से ज्यादा बेटियों का कन्यादान किया गया है. मंत्री गोपाल भार्गव ने अपनी बेटी और बेटे की शादी भी सामूहिक विवाह सम्मेलन से की थी. शनिवार को हो रहे एक साथ 2100 बेटियों के कन्यादान की तैयारी मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव देख रहे हैं. आयोजन को यादगार बनाने के लिए शादी समारोह में कई विशेष आकर्षण भी होंगे. इस कार्यक्रम में करीब 1 लाख लोग शामिल होंगे.

छोटी शुरूआत बनी महा संकल्प:पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव बताते हैं कि, "मेरे विधानसभा क्षेत्र रहली के छिरारी ग्राम में 2001 में मैंने अनुसूचित जाति वर्ग की बेटियों की शादी कराई थी. इसके बाद कड़ता में आदिवासी वर्ग की बेटियों की शादी समारोह का आयोजन किया था. इसके बाद से ये सिलसिला लगातार चलता रहा. शुरूआती दौर में सामूहिक विवाह समारोह में 200-400 शादियां हुआ करती थी. धीरे-धीरे यह संख्या 1000 से 1500 तक पहुंची. अब तक 19 हजार 700 बेटियों का कन्यादान कर चुके हैं." जब मुख्यमंत्री कन्यादान योजना शुरू हुई तो मंत्री गोपाल भार्गव द्वारा कराए जाने वाले सामूहिक विवाह समारोह में इसका लाभ मिलने लगा. मंत्री भार्गव भी इसके अलावा बेटियों को अपनी तरफ से उपहार देते हैं.

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सनातन संस्कृति में दान का विशेष महत्व:मंत्री भार्गव कहते हैं कि, "सनातन संस्कृति और धर्म में दान का विशेष महत्व होता है. दान के कई प्रकार होते हैं, जिनमें भूदान, अर्थ दान, गौदान और कन्यादान होते हैं. कन्यादान के बारे में कहा जाता है कि, इससे सहस्त्र यादों का लाभ मिलता है. मेरा मानना है कि यह पुण्य का काम है. गरीब परिवार की कन्याओं की शादी नहीं हो पाती है. कई लड़कियां अधिक उम्र के लोगों से ब्याह दी जाती है और कई बिन ब्याही घर बैठी कुंठा का जीवन जीती हैं. जिन गरीब घरों में 3-4 बेटियां रहती हैं उनकी शादी कराने में परिवार कर्जदार होता है. इसी वजह से मेरा मानना है कि ऐसे काम समाज के सक्षम लोगों को आगे आकर करना चाहिए और पुण्य लाभ कमाना चाहिए."

सामाजिक समरसता का प्रतीक विवाह समारोह:मंत्री गोपाल भार्गव बताते हैं कि, "यह एक पुण्य और समाज सेवा का काम होने के अलावा सामाजिक समरसता का प्रतीक भी है. इस कार्यक्रम में सभी जाति, वर्ग और धर्म के लोगों के विवाह होते हैं. हर समाज और जाति के लोग अपनी बेटियों का विवाह इस कार्यक्रम में करते हैं. मैं इन बेटियों के धर्म पिता होने के नाते जीवन भर रिश्ता निभाने की कोशिश भी करता हूं. मेरे पास बेटियां अपनी परेशानी और छोटे-मोटे काम को लेकर आती हैं. जितना बन सकता है मैं जीवन भर धर्म पिता होने के नाते उनकी मदद करने का प्रयास करता हूं और करता रहूंगा."

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