सागर। नवम्बर माह में हुई बेमौसम बरसात में बुंदेलखंड इलाके में सब्जी की खेती करने वाले किसानों को काफी नुकसान हुआ था और उनकी खेतों में लगी फसल पूरी तरह चौपट हो गयी थी. इसका असर अब सब्जी मंडी में भी नजर आने लगा है और सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. आलम ये है कि थाली की शोभा बढ़ाने वाली सब्जियां जैसे भिंडी, शिमला मिर्च, गिलकी, करेला और सेम जैसी सब्जियों के दाम सैकड़ा पार कर चुके हैं. सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि बारिश में फसल बर्बाद होने के कारण सब्जियां बाहर से बुला रहे हैं, इसलिए महंगी बिक रही है. वहीं उद्यानिकी विभाग का कहना है कि बेमौसम बरसात के कारण फसलें खराब हो गयी थी. मांग के लिहाज से आपूर्ति नहीं होने के कारण दाम बढ़ रहे हैं और फिलहाल एकाध महीने ऐसे ही दाम रहने के आसार हैं.
नवम्बर माह में बेमौसम बरसात ने चौपट कर दी फसलें: दरअसल, नवंबर माह के आखिरी हफ्ते में बेमौसम बरसात के कारण सब्जी उत्पादक किसानों की सब्जी की फसल को काफी नुकसान हुआ था. बारिश रबी सीजन की दलहन और तिलहन के अलावा गेहूं की फसलों के लिए अच्छी मानी जा रही थी, लेकिन इस बारिश ने सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों की फसलें पूरी तरह चौपट कर दी थी. रोजाना उपयोग में आने वाले प्याज और टमाटर की फसलें बर्बाद हो गयी थी. वहीं ठंड के सीजन के हिसाब से किसानों द्वारा उगाई जाने वाली भिंडी, गिलकी, शिमला मिर्च, करेला और सेम जैसी फसलें जमकर प्रभावित हुई थी. कई किसानों की सब्जी की फसलें तो पूरी तरह बर्बाद हो गयी थी और कई किसानों की सब्जी की फसलों को बारिश के कारण नुकसान पहुंचा और उसका असर आज कम उत्पादन के तौर पर नजर आ रहा है.
अब जाकर सब्जी के दामों पर दिखा असर:बारिश में बर्बाद हुई सब्जी की फसलों को हुए नुकसान का असर अब बाजार में देखने मिल रहा है और सब्जियां काफी महंगी हो गयी है. खासकर उन सब्जियों के दाम बढ़े हैं, जो थाली का जायका बनाने के लिए जरूरी है. अगर बात करें भिंडी, गिलकी और करेला की, तो ये सब्जियां 120 रुपए किलो तक पहुंच गयी है. ऐसे ही हाल शिमला मिर्च, सेम और दूसरी सब्जियों के हैं. इसके अलावा सबसे बड़ी परेशानी प्याज महंगी होने से हुई है, क्योंकि प्याज तो रोजाना के खाने में लगभग हर घर में जरूरी होती है. ऐसे हालात में आम आदमी या तो इन सब्जियों को बहुत कम खरीद रहा है या फिर खरीद नहीं रहा है, क्योंकि मंहगाई के साथ जेब का बजट ठीक रहने में आम आदमी को दिक्कत हो रही है.