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MP Seat Scan Badwah: बड़वाह विधानसभा सीट पर कांग्रेस-बीजेपी में सीधे टक्कर, 7 बार कांग्रेस, 6 बार बीजेपी और एक बार निर्दलीय को मिली जीत

एमपी (Madhya Pradesh) के खरगोन जिले की सीट नंबर 182 यानी बड़वाह विधानसभा फिलहाल कांग्रेस के कब्जे में है और यहां से सचिन बिरला विधायक हैं. ओवरऑल अब तक हुए इस सीट के चुनाव देखें तो कांग्रेस आगे रही है, लेकिन बीजेपी ने भी टक्कर दी है. सिर्फ एक जीत पीछे बीजेपी है. इस बार अनोखी समस्या यह है कि कांग्रेस के जो विधायक हैं, वो भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं. ऐसे में इस सीट से बीजेपी या कांग्रेस का प्रत्याशी कौन बनेगा यह भी रोचक मामला होगा.

Number of voters in Barwah
बड़वाह विधानसभा सीट

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 8, 2023, 2:54 PM IST

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी बड़वाह विधानसभा सीट पर जीत की हैट्रिक बना चुकी है. लेकिन पिछली बार जब बीजेपी यहां से हारी तो उसे उम्मीद नहीं थी, क्योंकि तैयारी बड़ी थी. बीजेपी ने खरगोन जिले की तीन सीट के प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, लेकिन इस सीट से नहीं किया है. समस्या यह है कि विधानसभा रिकार्ड के अनुसार जो सचिन बिरला यहां से विधायक हैं, उनकी पार्टी अभी भी कांग्रेस ही है, लेकिन वे बीते उपचुनाव से पहले भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं. सचिन बिरला पिछले विधानसभा चुनाव में बड़वाह विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे. वे मूलत: जिले के बेड़िया से सटे डूडगांव के निवासी हैं और किसान परिवार से संबंध रखते हैं.

बड़वाह में मतदाताओं की संख्या

बीजेपी और कांग्रेस के बीच टक्कर का मुकाबला: 24 अक्टूबर 2021 को सचिन बिरला ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में भाजपा ज्वाइन कर ली थी और तब से ही वे भाजपा का काम कर रहे हैं. खैर बात करते हैं बड़वाह विधानसभा सीट पर 2018 के चुनाव की तो इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला टक्कर का रहा. तब कांग्रेस के सचिन बिड़ला को चुनाव में 57 फीसदी यानी 96,230 वोट मिले और उन्होंने 3 बार के विधायक और बीजेपी के प्रत्याशी हितेंद्र सिंह सोलंकी को 30,508 के बड़े अंतर से चुनाव हराया. यदि इसी सीट के सामाजिक और आर्थिक पक्ष की बात करें तो नर्मदा नदी के किनारे बसा यह शहर मिर्च उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है. इस सीट पर गुर्जर, राजपूत और पाटीदार वर्ग का दबदबा माना जाता है.

2018 का रिजल्ट

विधानसभा का चुनावी इतिहास:वर्ष 1957 में पहली बार बड़वाह सीट पर विधानसभा चुनाव हुए. इस चुनाव में कांग्रेस ने वीरेंद्र सिंह मोती सिंह को प्रत्याशी बनाया और उन्होंने यह चुनाव 6713 वोट से जीत लिया. इस चुनाव में दूसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी सिवा रहे थे. 1962 के चुनाव में तो निर्दलीय प्रत्याशी ने ही जीत दर्ज की. बालभद्र सिंह राणा भवानी सिंह नामक प्रत्याशी ने 5460 वोट से जीत दर्ज करके विधायक हासिल की थी. इस चुनाव में कांग्रेस की माया सिंह जताले दूसरे नंबर पर रही. लेकिन निर्दलीय का यह जलवा तीसरे चुनाव से गायब हो गया. 1967 में सीधा मुकाबला कांग्रेस के ए. मन्नालाल और भारतीय जनसंघ के आर. दिलीप सिंह के बीच हुआ. इसमें कांग्रेस के मन्नालाल ने जनसंघ के उम्मीदवार दिलीप सिंह काे 2479 वोटों से शिकस्त दी. 1972 के विधानसभा चुनाव में फिर से कांग्रेस ने जीत दर्ज की. इस बार कांग्रेस प्रत्याशी अमोलकचंद छाजेड़ ने भारतीय जनसंघ के विमलचंद जैन को 14675 वोटों से करारी शिकस्त दी. उस समय कांग्रेस की यह बड़ी जीत थी.

पिछले तीन चुनावों का रिजल्ट

चंद्रकांत गुप्ता ने कांग्रेस प्रत्याशी को 23710 वोटों से हराया: 1977 में जनता पार्टी बनी और टिकट दिया रमेश शर्मा को, रमेश शर्मा ने इस चुनाव में 25368 वोट लेकर कांग्रेस के प्रत्याशी राणा बलभद्र सिंह को 11525 वोट से हराया. 1980 में बीजेपी अस्तित्व में आई और इस बार टिकट दिया कैलाश पंडित को. पंडित ने कांग्रेस आई के अमोलकचंद्र छाजेड़ को 2475 वोट से चुनाव हराया. 1985 में कांग्रेस प्रत्याशी राणा बालभद्र सिंह ने बीजेपी के चंद्रकांत गुप्ता को 10943 वोटों से चुनाव हराया. 1990 में बीजेपी के चंद्रकांत गुप्ता ने कांग्रेस के प्रत्याशी राणा बालभद्र सिंह को 23710 वोटों की बड़े अंतर से हराया. लेकिन 1993 में कांग्रेस प्रत्याशी ताराचंद शिवाजी पटेल ने बीजेपी के चंद्रकांत गुप्ता को 2835 वोटों से चुनाव हराकर सीट वापिस ले ली. 1998 में कांग्रेस ने इस जीत को बरकरार रखा और प्रत्याशी जगदीश मोरनिया ने बीजेपी के चंद्रकांत गुप्ता को 2468 वोटों से चुनाव हराया.

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2003 के बाद बीजेपी ने बनाई हैट्रिक:वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने हितेंद्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी को प्रत्याशी बनाया और सामने थे कांग्रेस के भवानीराम. इसमें सोलंकी ने भवानीराम को 12827 वोटों के मार्जिन से हराया. 2008 में बीजेपी की जीत का सिलसिला कायम रहा. इस चुनाव में भी बीजेपी प्रत्याशी हितेंद्र सिंह सोलंकी ने कांग्रेस के ताराचंद शिवाजी पटेल को 16474 वोटों अंतर से हराया. बीजेपी ने वर्ष 2013 में जीत की हैट्रिक बनाई. बड़वाह विधान सभा से इस बार भी भारतीय जनता पार्टी ने हितेंद्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी को उम्मीदवार बनाया और वे जीतकर विधायक बने. बीजेपी के सोलंकी ने 5630 वोटों से जीत दर्ज की. दूसरे नंबर पर सचिन बिड़ला रहे, जिन्हें 61970 वोट मिले. 2018 के बड़वाहा विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने सचिन बिड़ला को ही उम्मीदवार बना दिया और वे उनकी उम्मीदों पर खरे उतरे. सचिन ने यह चुनाव भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हितेंद्रसिंह सोलंकी को 30508 वोटों से हरा दिया.

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