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Divyakala Mela: जानिए कहां लगा है दिव्यांगों के अनूठे शिल्प का मेला, इनकी कलाकारी जीत लेगी दिल

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Published : Jun 18, 2023, 10:10 PM IST

इंदौर में दिव्यांगों को आत्ममनिर्भर बनाने के लिए केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिव्यकला मेले का आयोजन किया गया है जिसमें 200 सेअधिक दिव्यांग कारीगर अपना स्टॉल लगाकर अपने सामान बेचेंगे. इनमें ज्यादातर हस्तशिल्प के सामान हां.

Divyakala Mela
इंदौर दिव्यकला मेले का उद्घाटन

इंदौर दिव्यकला मेले का उद्घाटन

इंदौर।देश के विभिन्न राज्यों में आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिहाज से दिव्यांग अब ऐसे आकर्षक उत्पाद तैयार कर रहे हैं जिनकी मांग अब देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में है यही वजह है कि दिव्यांगों को उनके उत्पादों और शिल्प का बाजार मुहैया कराने के लिए अब दिव्य कला मेले आयोजित किए जा रहे हैं. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित यह मेला अब इंदौर में लगाया गया है. जहां 20 राज्यों के शो कलाकार अपने उत्पाद और शिल्प का विक्रय करने इंदौर पहुंचे हैं जो 23 जून तक दिव्य कला मेले में अपने उत्पाद और शिल्प का प्रदर्शन करेंगे.

200 से अधिक दिव्यांगों का स्टॉल: दिल्ली, मुंबई, भोपाल और गुवाहाटी के बाद केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र खटीक ने इंदौर में पांचवें दिव्य कला मेले का शुभारंभ किया. इस मेले में जम्मू और कश्मीर, उत्तर पूर्वी राज्यों सहित देश के विभिन्न हिस्सों से कला कौशल के धुरंधर अपने शानदार और आकर्षक उत्पादों, जैसे हस्तशिल्प, हथकरघा, कढ़ाई के काम और पैकेज्ड फूड आदि का प्रदर्शन करेंगे जो बिक्री के लिए भी उपलब्ध रहेंगे. दिव्यांगों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में आयोजित दिव्य कला मेले में लगभग 20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 200 दिव्यांग कारीगर/कलाकार और उद्यमी अपने उत्पादों और कौशल का प्रदर्शन करेंगे.

ये समान रहेंगे मेले में: इसमें घर की सजावट और जीवन शैली, कपड़े, स्टेशनरी और पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद, डिब्बाबंद भोजन और जैविक उत्पाद, खिलौने और उपहार, व्यक्तिगत सहायक उपकरण, आभूषण और क्लच बैग आदि श्रेणी के उत्पाद रहेंगे. यह 'वोकल फॉर लोकल' की अवधारणा को जन-जन तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम साबित हो रहा है, जिसमें दिव्यांग शिल्पकारों द्वारा बनाए गए उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री को देशभर में उचित मंच उपलब्ध कराकर प्रोत्साहित किया जाता है.

आत्मनिर्भर बनाने के लिए मेले: इस सात दिवसीय दिव्य कला मेला प्रति दिन देश के जाने-माने कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम और देश के विभिन्न राज्यों के प्रसिद्ध फूड स्टॉल्स इस मेला का विशिष्ट आकर्षण हैं. इस दौरान केंद्रीय सामाजिक अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने बताया देश के दिव्यांग तरह-तरह के कलात्मक शिल्प एवं उत्पाद तैयार कर रहे हैं लेकिन दिव्यांगों की बनी वस्तुओं को विक्रय करने के लिए अब तक कोई प्लेटफार्म नहीं था यही वजह है कि दिव्यांगों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस तरह के मेले आयोजित हो रहे हैं. जिनमें उनकी प्रतिभा का प्रदर्शन भी हो रहा है.

डॉ. वीरेंद्र कुमार ने बताया दिव्यांगों द्वारा तैयार किए गए उत्पाद भारत के अलावा अब विदेशों में भी एक्सपोर्ट किए जा सकेंगे. इसके लिए भी दिव्यांगों को अपने अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के साथ विक्रय का मंच विभागीय स्तर पर दिया जा रहा है. उन्होंने बताया दिव्यांगों के लिए ग्वालियर में दिव्यांगता खेल केंद्र 170 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया जा रहा है जिसमें अंतर्राष्ट्रीय खेलों की ट्रेनिंग एवं खिलाड़ियों के लिए हॉस्टल की सुविधा के साथ अत्याधुनिक ट्रैक मनाया जा रहा है. जिससे कि दिव्यांग खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेलों के अवसर प्राप्त हो सकेंगे.

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दिव्यांगों को मिली कई सौगात:केंद्र सरकार ने दिव्यांगजन की श्रेणियों को 7 से बढ़ाकर 21 कर दिया है. इस मामले में डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि सरकारी नौकरियों में दिव्यांगजन के लिए आरक्षण को 3% से बढ़ाकर 4% कर दिया और सरकारी शिक्षण ससंथाओं में दिव्यांगजन के लिए आरक्षण को 3% से 5% कर दिया. सरकार दिव्यांग लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कम ब्याज दर पर कई प्रकार की योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है. इस अवसर पर मध्यप्रदेश के चंबल निवासी और नॉर्थ चैनल पार करने वाले एशिया के पहले पैरा स्वीमर पैरा स्वीम सतेंद्र सिंह लोहिया सहित कई दिव्यांगजन को सम्मानित किया गया. दिव्य कला मेले में दृष्टि दिव्यांग बच्चों को कंप्यूटर, संगीत एंव कहानियों की ब्रेल लिपी की पुस्तकें दी गई. दिव्य कला मेले में दिव्यांगजन को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ दिव्यांगजन को टोकन के रुप में सहायक उपकरण एवं ऋण स्वीकृति पत्र वितरित किए गए.

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