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Bageshwar Dham Sarkar: धीरेंद्र शास्त्री के पक्ष में आए महामंडलेश्वर, बोले-उनका विरोध करने वाले पागल

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Published : Jan 24, 2023, 10:16 PM IST

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पं. धीरेंद्र शास्त्री के पक्ष में आए श्रीपंचायती अखाड़ा के महामंडलेश्वर ()

बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेंद्र शास्त्री को अब महाराष्ट्र के श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के महामंडलेश्वर चिदम्बरानंद सरस्वती महाराज का समर्थन मिला है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा जो लोग धीरेंद्र शास्त्री का विरोध करते हैं वह सभी पागल हैं. शास्त्री ने कभी भी व्यास पीठ से चमत्कार या सिद्धि की बात नहीं की.

पं. धीरेंद्र शास्त्री के पक्ष में आए श्रीपंचायती अखाड़ा के महामंडलेश्वर

गुना। बागेश्वर धाम के धर्माचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री को चिदम्बरानंद सरस्वती महाराज का समर्थन मिला है. महाराष्ट्र के श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के महामंडलेश्वर चिदम्बरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि जो लोग धीरेंद्र शास्त्री जी का विरोध करते हैं, वे सभी लोग पागल की श्रेणी में आते हैं.

धीरेंद्र शास्त्री ने चमत्कार या सिद्धि की बात नहीं कीः महामंडलेश्वर ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री जी ने कभी भी व्यास पीठ से चमत्कार या सिद्धि की बात नहीं कही. व्यास पीठ से दूर रहकर अलग से दरबार लगाया है. उन्होंने कभी भी चमत्कार की बात नहीं की. न ही कभी धर्मग्रन्थों का विरोध करते हुए अपनी जय जयकार कराई है. यदि कोई संत दरबार के माध्यम से लोगों के दुखों को दूर करता है तो उसका विरोध करना समझ से परे है. विरोध करना ही है तो उन पादरी और मौलवियों का करो जो झूठा प्रचार कर रहे हैं.

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गलत शिक्षा नीति लागू की गईः चिदम्बरानंद सरस्वती बोले कि भारत का पहला शिक्षा मंत्री एक मुस्लिम था, जो देश का दुर्भाग्य था. हमारा दुर्भाग्य है जो एक मुस्लिम द्वारा गलत शिक्षा नीति लागू की गई. शिक्षा पद्धति में देश का इतिहास मुगलों से शुरू होता है, जो बेहद निराशाजनक है. हिंदू समाज में चाणक्य, विक्रमादित्य जैसे बड़े-बड़े महापुरुष हुए उनका उल्लेख इतिहास में कहीं नहीं किया जाता. जानबूझकर भारत के महापुरुषों को इतिहास में छिपाया गया.

युवाओं को दिशाहीन कर रही है शिक्षा पद्धतिः चिदम्बरानंद सरस्वती आगे कहा कि हमारी शिक्षा पद्धति में कहीं भी सती प्रथा का उल्लेख नहीं है. फिर भी सती प्रथा का विरोध किया गया. सती प्रथा का विरोध किया जा सकता है, लेकिन हलाला का नहीं! भारत की शिक्षा पद्धति युवाओं को दिशाहीन करने का कार्य कर रही है. पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी महाराष्ट्र के महामंडलेश्वर है चिदम्बरानंद सरस्वती ने कहा वे सनातन धर्म के अनुयायी हैं इसलिए वो हमेशा सनातन का समर्थन करेंगे. मैं सारे सनातनियों से कहना चाहता हूं कि वह अपने धर्म पथ पर चलते रहें.

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