धार। सरदार सरोवर बांध में जल भराव के जिले में नर्मदा किनारे बना कोटेश्वर धाम का आश्रम भी जलमग्न हो गया है, लेकिन पिछले 28 सालों से चल रही अखंड राम धुन आज भी जारी है. अखंड जाप करने वाले लोगों की मांग है, कि उन्हें कोटेश्वर धाम की तरह ही नर्मदा किनारे स्थाई स्थान दिया जाए, जहां वह अपना अखंड़ जाप जारी रख सकें.
डूब में आने के बाद प्रशासन ने आश्रम को खाली करा कर संतों के लिए निसरपुर के पास कोठड़ा गांव मे अस्थाई व्यवस्था कराई है. जिसका संतों और आमजन ने विरोध किया. अखंड जाप करने वाले लोगों की मांग है, कि उन्हें कोटेश्वर धाम की तरह ही नर्मदा किनारे स्थाई स्थान दिया जाए, जहां वह अपना अखंड़ जाप जारी रख सकें.
Intro:हरे राम, राम-राम, हरे हरे, हरे कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा, हरे-हरे, अखंड राम धुन जारी है पिछले कई सालों से, इस पर नहीं हुआ डूब का असर
Body:हरे राम, राम-राम, हरे हरे, हरे कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा, हरे-हरे, अखंड राम धुन जारी है पिछले कई सालों से, इस पर नहीं हुआ असर डूब का, धार जिले के निसरपुर के समीप कोटेश्वर धाम में पिछले 28 सालों से अधिक समय से हरे राम, राम राम ,हरे हरे, हरे कृष्णा, हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा ,हरे हरे, यह अखंड राम धुन जारी है ,कोटेश्वर धाम में इस अखंड राम धन को 14-4-1991 में पंडित श्री महादेव चैतन्य ब्रह्मचारी श्री दगड़ू जी महाराज ने शुरू करि थीं , कोटेश्वर धाम में गुजरने वाली खंड रामधन को बुजुर्ग तीन-तीन घंटे की शिफ्ट में जारी रखे हुए हैं सरदार सरोवर बांध के गेट बंद होने के चलते लगातार नर्मदा का बैक वाटर लेवल बढ़ रहा है इसी बैक वाटर लेवल की जद में आने से धार जिले के निसरपुर में स्थित कोटेश्वर धाम अब जल मग्न हो चुका है परंतु उसी कोटेश्वर धाम में पिछले 28 सालों से अधिक समय से जारी अखंड राम धुन पर नर्मदा के बैक वाटर लेवल का कोई असर नहीं हुआ है भले ही कोटेश्वर धाम जलमग्न हो गया है परंतु वहां होने वाली अखंड राम धुन अभी भी जारी है वही अखंड राम धुन का जाप करने वाले लोगों की मांग है कि उन्हें कोटेश्वर धाम की तरह ही नर्मदा किनारे शासन इस अखंड राम धुन को जारी रखने की सुरक्षित जगह उपलब्ध कराएं ,क्योंकि नर्मदा का बैक वाटर लेवल बढ़ने से कोटेश्वर धाम में अखंड राम धुन को जारी रखने वाले संत और महात्माओं को प्रशासन ने कोटेश्वर धाम से दूर निसरपुर के समीप कोठड़ा गाँव मे अस्थाई व्यवस्था कराई है, जिसका अखंड राम धुन करने वाले संत महात्माओं ने विरोध किया, उनका मानना है कि वह इस अखंड राम धुन को निरन्तर इस तरह जारी रखेंगे चाहे नर्मदा के बैक वाटर लेवल के कारण कैसी भी विपदा आए ,जिस तरह नर्मदा का वाटर लेवल भले ही निसरपुर के साथ डूब क्षेत्र के सभी गांव के लोगों को अपनी जद में ले ले पर उसका कोटेश्वर धाम से गूंजने वाली अखंड राम धुन पर कोई असर नहीं हुआ, वह आज भी कोटेश्वर धाम के समीप नर्मदा के आसपास क्षेत्र गूंज रही है बस अखंड राम धुन को जारी रखने वाले संत महात्माओं की की मांग है कि उन्हें नर्मदा के किनारे अखंड राम धुन जारी रखने की कोई सुरक्षित स्थान शासन मुहैया करा दे।
Conclusion:बाइट-01-सुनील सोनी- अखंड राम धुन जापकर्ता
बाइट-02-सगली बाई-अखंड राम धुन जापकर्ता
Body:हरे राम, राम-राम, हरे हरे, हरे कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा, हरे-हरे, अखंड राम धुन जारी है पिछले कई सालों से, इस पर नहीं हुआ असर डूब का, धार जिले के निसरपुर के समीप कोटेश्वर धाम में पिछले 28 सालों से अधिक समय से हरे राम, राम राम ,हरे हरे, हरे कृष्णा, हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा ,हरे हरे, यह अखंड राम धुन जारी है ,कोटेश्वर धाम में इस अखंड राम धन को 14-4-1991 में पंडित श्री महादेव चैतन्य ब्रह्मचारी श्री दगड़ू जी महाराज ने शुरू करि थीं , कोटेश्वर धाम में गुजरने वाली खंड रामधन को बुजुर्ग तीन-तीन घंटे की शिफ्ट में जारी रखे हुए हैं सरदार सरोवर बांध के गेट बंद होने के चलते लगातार नर्मदा का बैक वाटर लेवल बढ़ रहा है इसी बैक वाटर लेवल की जद में आने से धार जिले के निसरपुर में स्थित कोटेश्वर धाम अब जल मग्न हो चुका है परंतु उसी कोटेश्वर धाम में पिछले 28 सालों से अधिक समय से जारी अखंड राम धुन पर नर्मदा के बैक वाटर लेवल का कोई असर नहीं हुआ है भले ही कोटेश्वर धाम जलमग्न हो गया है परंतु वहां होने वाली अखंड राम धुन अभी भी जारी है वही अखंड राम धुन का जाप करने वाले लोगों की मांग है कि उन्हें कोटेश्वर धाम की तरह ही नर्मदा किनारे शासन इस अखंड राम धुन को जारी रखने की सुरक्षित जगह उपलब्ध कराएं ,क्योंकि नर्मदा का बैक वाटर लेवल बढ़ने से कोटेश्वर धाम में अखंड राम धुन को जारी रखने वाले संत और महात्माओं को प्रशासन ने कोटेश्वर धाम से दूर निसरपुर के समीप कोठड़ा गाँव मे अस्थाई व्यवस्था कराई है, जिसका अखंड राम धुन करने वाले संत महात्माओं ने विरोध किया, उनका मानना है कि वह इस अखंड राम धुन को निरन्तर इस तरह जारी रखेंगे चाहे नर्मदा के बैक वाटर लेवल के कारण कैसी भी विपदा आए ,जिस तरह नर्मदा का वाटर लेवल भले ही निसरपुर के साथ डूब क्षेत्र के सभी गांव के लोगों को अपनी जद में ले ले पर उसका कोटेश्वर धाम से गूंजने वाली अखंड राम धुन पर कोई असर नहीं हुआ, वह आज भी कोटेश्वर धाम के समीप नर्मदा के आसपास क्षेत्र गूंज रही है बस अखंड राम धुन को जारी रखने वाले संत महात्माओं की की मांग है कि उन्हें नर्मदा के किनारे अखंड राम धुन जारी रखने की कोई सुरक्षित स्थान शासन मुहैया करा दे।
Conclusion:बाइट-01-सुनील सोनी- अखंड राम धुन जापकर्ता
बाइट-02-सगली बाई-अखंड राम धुन जापकर्ता