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भगवान शिव का ऐसा मंदिर जहां वर्जित है महिलाओं का प्रवेश

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Published : Aug 26, 2019, 4:20 AM IST

छतरपुर का बड़े-बड़े पत्थरों से बना एक हजार साल पुराना मंदिर, जहां पर महिलाओं का जाना पूर्णतः वर्जित है. लोगों का कहना है कि आज तक कोई महिला मंदिर के अंदर नहीं गई है .

शिव योगिनी मंदिर : छतरपुर

छतरपुर। जिला मुख्यालल से लगभग 22 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव वरट में भगवान शिव का एक हजार वर्ष पुराना मंदिर है, इस मंदिर को शिव योगिनी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर में महिलाओं प्रवेश वर्जित है. आज तक किसी महिला ने ना तो यहां प्रवेश किया है और ना ही भगवान शिव की पूजा की है. मान्यताओं से अलग देखा जाए तो मंदिर पुरातत्व विभाग के संरक्षण में आता है बावजूद इसके वर्षों पुराना ये मंदिर खंडहर में तब्दील होता जा रहा है.

भगवान शिव एक मंदिर जहां वर्जित है महिलाओं का प्रवेश
गांव के लोग बताते हैं कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि मंदिर के अंदर महिलाएं क्यों नहीं जाती, लेकिन जितनी उन्हें इस मंदिर के बारे में जानकारी उसके मुताबिक आज तक इस मंदिर के अंदर किसी भी महिला को जाते हुए नहीं देखा है.


गांव में रहने वाले बुजुर्ग सुखनंदन बताते हैं कि गांव की कोई भी महिला इस मंदिर के अंदर नहीं जाती है एक दो बार कुछ महिलाओं ने जाने की कोशिश की तो उनके साथ कुछ अनहोनी घटनाएं हो गई तब से लेकर आज तक कोई भी महिला इस मंदिर के अंदर नहीं गई.


बड़े-बड़े पत्थरों से बनें हुए इस मंदिर के अंदर एक बड़ी सी शिवलिंग और भगवान गणेश की प्रतिमा है. मंदिर के अंदर कुछ कलाकृतियां भी उकेरी गई हैं जो ये बताती है कि अपने समय में ये मंदिर भव्य रहा होगा.


ये मंदिर पुरातत्व विभाग के संरक्षण में आता है पर विभाग ने आज तक इस मंदिर पर कोई ध्यान नहीं दिया. बारिश के दिनों में मंदिर के छत से पानी टपकता रहता है. सुरक्षा के नाम पर एक चौकीदार बिठा रखा है जो मंदिर को खंडहर में तब्दील होते हुए कई सालों से देख रहा है.

मंदिर का चौकीदार देवीदीन राजपूत बताता है कि वह कई वर्षों से इस मंदिर की रखवाली कर रहा है. हमेशा यहां काम लगाने की बात कही जाती है, पर आज तक यहां कुछ नहीं हुआ. इस मंदिर की किसी भी प्रकार से कोई देखभाल नहीं हो रही है, जिसका उन्हें बेहद दुख भी होता है.

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