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Burhanpur News: जंगल में बढ़ा 'पुष्पा' का दायरा, करोड़ों की लकड़ी की अवैध कटाई, आंकड़े चौका देंगे

अतिक्रमणकारियों ने पिछले लगभग एक साल में 30 करोड़ की लकड़ी काट दी है. आंकलन में यह पाया गया कि अतिक्रमणकारियों ने अवैध रुप से लगभग 85 हजार वृक्षों को काटा.

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अतिक्रमणकारियों ने काटी 30 करोड़ की लकड़ी

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Published : Jun 15, 2023, 10:55 PM IST

बुरहानपुर।पिछले एक साल में अतिक्रमणकारियों की ओर से जंगल को पहुंचाए गए नुकसान का आंकड़ा चौंकाने वाला है, अतिक्रमणकारियों ने पिछले लगभग एक साल में 30 करोड़ की लकड़ी काट दी है. लकड़ी की मात्रा 375 ट्रक है. मुख्य वनसंरक्षक खंडवा की ओर से 13 उपवनमंडलाधिकारियों का दल गठित कर पूरे नावरा वन क्षेत्रों में में हुई कटाई का आंकलन कराया गया.कलन में यह पाया गया कि अतिक्रमणकारियों ने लगभग 19 वन कक्षों में अवैध कटाई कर लगभग 85 हजार वृक्षों को काटा गया. इसमें तकरीबन 3 हजार घमी लकड़ी विभाग की ओर से अतिक्रमणकारियों से जब्त की गई. इसमें लगभग 2 हजार घ.मी. से अधिक लकड़ी को विभाग ने जंगलों से निकालकर शासकीय स्थाई और अस्थाई डीपो में लाया गया है. शेष वनोपज को संग्रहित कर परिवहन कराने का कार्य आगामी 10 दिनों मे पूर्ण किया जाएगा. उक्त जब्त लकड़ी में अतिक्रमणकारियों द्वारा जलाई गई. लकड़ी शामिल नहीं है.

अतिक्रमणकारियों ने 375 ट्रक लकड़ी को काटाः बता दें अतिक्रमणकारियों ने 375 ट्रक लकड़ी को काटा गया है, जिसका न्यूनतम बाजार मूल्य 30 करोड़ रुपये आंका गया है. वन परिक्षेत्र नावरा के तहत अक्टूबर 2022 से मार्च 2023 तक अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण के उद्देश्य से वनक्षेत्रों में अवैध कटाई की. वन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वनों को नुकसान पहुंचाया है. इस कटाई में माधुरी बेन के जागृती आदिवासी दलित संगठन के सदस्यों और ग्रामीणों द्वारा बाकड़ी, सीवल, सांईखेड़ा, हिवरा, डाभियाखेड़ा, छिरवा, नीमसेठी, भूतियाखेड़ा के वनभूमि में अतिक्रमण करने के उददेश्य से बड़े पैमाने में संगठित होकर अपराधिक तरीके से कटाई की गई.

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वन कर्मचारियों व वन सुरक्षा समिति के सदस्यों पर हमलेः अतिक्रमणकारियों ने इस दौरान वन कर्मचारियों और वन सुरक्षा समिति के सदस्यों पर कई प्राण घातक हमले किए गए. अतिक्रमणकारियों ने खेत बनाने के लिये पहले कटाई की. बाद में निकली हुई वनोपज को जलाया गया. साक्ष्य मिटाने के लिये ठूंठों को नष्ट कर जलाया. अप्रैल 2023 में पुलिस प्रशासन और वनविभाग के द्वारा की गई संयुक्त कार्रवाई में वनक्षेत्रों से उन्हें बेदखल किया. बेदखल कर उनसे भारी मात्रा में वनोपज जब्त की गई.

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