भोपाल। "मित्रों मैं अपनी ड्यूटी मानता हूं कि जिन लोगों ने जी जान से अपने सामर्थ्य के अनुरूप बच्चों को विद्या का दान दिया, उनकी जिंदगी भी कुछ बेहतर की जाए. अनिश्चितता की भवर में लटके नहीं रहे, इसलिए अभी पीरियड के अनुसार मानदेय देने की व्यवस्था है, उसे बदल रहा हूं. अब पीरियड से भुगतालन नहीं होगा, बल्कि अब महीने के हिसाब से वेतन मिलेगा और मानेदय भी जो हम दोगुना तय कर रहे हैं. वर्तमान जो मिलता है यानी अतिथि शिक्षक वर्ग एक को 9 हजार तो उसे बढ़ाकर हम 18 हजार रुपए कर रहे हैं. वर्ग दो को 7 हजार की बजाय 14 हजार रुपए और अतिथि शिक्षक वर्ग तीन को 5 हजार की बजाय 10 हजार रुपए दिया जाएगा." यह तमाम घोषणाएं शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाल परेड पर आयोजित अतिथि शिक्षक पंचायत में की.
सीएम ने कहा कि "अभी हर साल अनुबंध किया जाता है, लेकिन अब नई व्यवस्था में यदि एक बार अनुबंध हो गया तो दोबारा नहीं करना पड़ेगा. आखिर यह आपकी जिंदगी का सवाल है. हम अपने अतिथि शिक्षक भांजे-भांजियों के लिए अनिश्चिता के भवर से निकालने की परमानेंट योजना बनानी पड़ेगी, इसीलिए हम शिक्षकों की भर्ती में अभी तक अतिथि शिक्षकों को केवल 25 परसेंट का आरक्षण देते थे, लेकिन अब आरक्षण बढ़ाकर 50 फीसदी कर रहे हैं. क्योंकि जो पढ़ा रहे हैं वे अनुभवी हैं, वर्षाे का व्यावहारिक ज्ञान है उन्हें और वो भर्ती होंगे तो मैं समझता हूं कि वो बेहतर ढंग से बच्चों को पढ़ा सकेंगे. ये व्यवस्था अगली भर्ती जैसी होती है तो तत्काल हम लागू करने का काम करेंगे."
अब निश्चित तारीख को मिलेगा मानदेय:सीएम शिवराज ने आगे कहा कि "अतिथि शिक्षकों को उच्च शिक्षा विभाग के अनुसार प्रतिवर्ष 4 और अधिकतम 20 अंक बोनस के रूप में प्रदान किए जाएंगे, ताकि अधिकतम चयन हो सके और सलेक्शन हो सकें. वे पढ़ाने का काम कर रहे हैं तो पूरे मान सम्मान के साथ पढ़ाएं, एक मैं यह भी कर दूंगा कि जो नियमित पढ़ाने वाले को वेतन मिलता है तो वो महीने की एक निश्चित तारीख को मानदेय मिल जाए. भटकना न पड़े और परेशान न होना पड़े, परिवार को भी ढंग से देखने का काम कर सके, इसके अलावा एक मैं गुरूजियों की तरह योजना बनाऊंगा. पात्रता परीक्षा लेकर भी नियमित करने की प्रक्रिया कर सके, बस राइट टू एजुकेशन के अंतर्गत डीएड, बीएड वाली बाध्यता हम रिलेक्स नहीं कर सकेंगे, उसे छोड़कर नियमित हो जाओ और आगे बढ़ जाओ ऐसा हम प्रयास करेंगे. बच्चों के साथ परिवार का भी ध्यान रख पाए."