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चुनाव से पहले अतिथि शिक्षकों के लिए सीएम शिवराज ने खोला पिटारा, मानदेय किया दोगुना, बोले- निश्चित तारीख को मिलेगी सैलरी

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 2, 2023, 3:56 PM IST

MP Atithi Sikshak: एमपी में विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना पिटारा खोल दिया है. लालपरेड पर आयोजित स्कूल अतिथि शिक्षक पंचायत में जमकर घोषणाएं की, मानेदय दोगुना कर दिया और नियमित भर्ती में आरक्षण बढ़ाकर दोगुना कर दिया. गुरूजियों की तर्ज पर पात्रता परीक्षा लेकर भी नियमित करने की घोषणा सीएम शिवराज ने की है.

MP Guest Teacher panchayat in bhopal
अतिथि शिक्षक पंचायत

भोपाल। "मित्रों मैं अपनी ड्यूटी मानता हूं कि जिन लोगों ने जी जान से अपने सामर्थ्य के अनुरूप बच्चों को विद्या का दान दिया, उनकी जिंदगी भी कुछ बेहतर की जाए. अनिश्चितता की भवर में लटके नहीं रहे, इसलिए अभी पीरियड के अनुसार मानदेय देने की व्यवस्था है, उसे बदल रहा हूं. अब पीरियड से भुगतालन नहीं होगा, बल्कि अब महीने के हिसाब से वेतन मिलेगा और मानेदय भी जो हम दोगुना तय कर रहे हैं. वर्तमान जो मिलता है यानी अतिथि शिक्षक वर्ग एक को 9 हजार तो उसे बढ़ाकर हम 18 हजार रुपए कर रहे हैं. वर्ग दो को 7 हजार की बजाय 14 हजार रुपए और अतिथि शिक्षक वर्ग तीन को 5 हजार की बजाय 10 हजार रुपए दिया जाएगा." यह तमाम घोषणाएं शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाल परेड पर आयोजित अतिथि शिक्षक पंचायत में की.

सीएम ने कहा कि "अभी हर साल अनुबंध किया जाता है, लेकिन अब नई व्यवस्था में यदि एक बार अनुबंध हो गया तो दोबारा नहीं करना पड़ेगा. आखिर यह आपकी जिंदगी का सवाल है. हम अपने अतिथि शिक्षक भांजे-भांजियों के लिए अनिश्चिता के भवर से निकालने की परमानेंट योजना बनानी पड़ेगी, इसीलिए हम शिक्षकों की भर्ती में अभी तक अतिथि शिक्षकों को केवल 25 परसेंट का आरक्षण देते थे, लेकिन अब आरक्षण बढ़ाकर 50 फीसदी कर रहे हैं. क्योंकि जो पढ़ा रहे हैं वे अनुभवी हैं, वर्षाे का व्यावहारिक ज्ञान है उन्हें और वो भर्ती होंगे तो मैं समझता हूं कि वो बेहतर ढंग से बच्चों को पढ़ा सकेंगे. ये व्यवस्था अगली भर्ती जैसी होती है तो तत्काल हम लागू करने का काम करेंगे."

अब निश्चित तारीख को मिलेगा मानदेय:सीएम शिवराज ने आगे कहा कि "अतिथि शिक्षकों को उच्च शिक्षा विभाग के अनुसार प्रतिवर्ष 4 और अधिकतम 20 अंक बोनस के रूप में प्रदान किए जाएंगे, ताकि अधिकतम चयन हो सके और सलेक्शन हो सकें. वे पढ़ाने का काम कर रहे हैं तो पूरे मान सम्मान के साथ पढ़ाएं, एक मैं यह भी कर दूंगा कि जो नियमित पढ़ाने वाले को वेतन मिलता है तो वो महीने की एक निश्चित तारीख को मानदेय मिल जाए. भटकना न पड़े और परेशान न होना पड़े, परिवार को भी ढंग से देखने का काम कर सके, इसके अलावा एक मैं गुरूजियों की तरह योजना बनाऊंगा. पात्रता परीक्षा लेकर भी नियमित करने की प्रक्रिया कर सके, बस राइट टू एजुकेशन के अंतर्गत डीएड, बीएड वाली बाध्यता हम रिलेक्स नहीं कर सकेंगे, उसे छोड़कर नियमित हो जाओ और आगे बढ़ जाओ ऐसा हम प्रयास करेंगे. बच्चों के साथ परिवार का भी ध्यान रख पाए."

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अतिथि शिक्षकों को सीएम ने दिया धन्यवाद:कार्यक्रम में आए हजारों अतिथियों को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि "एक बात की तारीफ करनी होगी कि मैं जहां भी जाता था तो बढ़े ही अनुशासित तरीके से अतिथि शिक्षक अपनी बात रखने का काम करते थे. पिछली सरकार ने शिक्षा की व्यवस्था ठीक करने के लिए कभी ठोस कदम नहीं उठाए थे, एक अधकचरी व्यवस्था हो गई थी. गुरूजी, शिक्षाकर्मी बाद में अतिथि शिक्षक और इनकी जिंदगी देखें तो ऐसे अनिश्चितता के भवर में फस गई थी कि करें तो क्या करें. इतने साल पढ़ाने के बाद भी हालात खराब थे. मैं आपके योगदान को नहीं भूलुंगा कि जब स्कूलों में नियमित शिक्षक नहीं थे तो आपको पढ़ाने का दायित्व सौंपा गया और मुझे प्रसन्नता है यह कहते हुए कि अधिकांश अतिथि शिक्षकों ने अपने दायित्व का निर्वाह पूरी निष्ठा के साथ किया, अपने दायित्व को निभाया. आप वो हैं, जिन्होंने हमारी शिक्षा की गाड़ी को बढ़ाया, बच्चों को गांव-गांव तक पढ़ाते रहे, इसलिए मैं आपको ह्दय से धन्यवाद देता हूं."

अतिथि शिक्षकों से शिवराज की अपील:सीएम शिवराज ने अतिथि शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि "मेरी आपसे इतनी अपील है कि भाजपा की सरकार पूरी चिंता करेगी, आपकी जिंदगी में निश्चितता लाकर ही रहेंगे. शिक्षक का मतलब सामान्य सेवा नहीं है, यह बच्चों का भविष्य बनाने का काम है. आज जो बच्चे पढ़ेंगे, वही मप्र बनाएंगे. इसके लिए हम ट्रेनिंग प्रापत करनी होगी, उसकी भी पूरी कोशिश करना. किसी की हिम्मत नहीं कि पंचायत बुलाए, लेकिन मैं बुलाता हूं. मेरा आपसे एक कमिटमेंट है और मुझे आपसे एक कमिटमेंट चाहिए कि पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ना." शिवराज जाते-जाते बोले कि "अब मिलना तो नहीं छोड़ दोगे."

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