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विधानसभा की संसदीय शब्दावली पर सवाल! बीजेपी विधायक ने स्पीकर को लिखा पत्र, इन शब्दों पर जताई आपत्ति

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Published : Aug 10, 2021, 7:08 AM IST

Updated : Aug 10, 2021, 8:02 AM IST

मध्यप्रदेश विधानसभा की संसदीय शब्दावली पर आजकल खूब चर्चा हो रही है, वहीं सत्ता पक्ष को नक्सलवादी और बंटाधार को असंसदीय बताने पर आपत्ति है तो विपक्ष ने पूछ लिया कि फेंकू और तड़ीपार शब्द किसके डर के चलते शामिल नहीं किया गया.

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किताब दिखाते माननीय

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा की असंसदीय शब्दावली पर सत्त दल के विधायक व महीनों तक प्रोटेम स्पीकर (सामयिक अध्यक्ष) रहे रामेश्वर शर्मा ने नाराजगी जताई है. दरअसल विधायकों को बताने के लिए कि कौन से शब्द असंसदीय हैं और कौन से संसदीय. इसके लिए करीब 1165 शब्दों को छांटकर एक किताब प्रकाशित की गई है, जिस किताब में छपे शब्दों को लेकर सत्ताधारी पार्टी के विधायक रामेश्वर शर्मा ने ही सवाल उठाए हैं.

विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को लिखा गया पत्र

बंटाधार-नक्सलवादी शब्दों को किताब से हटाया जाए

असंसदीय शब्दों की सूची वाली किताब में बंटाधार और नक्सलवादी शब्दों को असंसदीय माना गया है, पर रामेश्वर शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर इन दोनों शब्दों को किताब से हटाने की मांग की है.

रामेश्वर शर्मा

बीजेपी ने दिग्विजय सिंह को बताया था बंटाधार
बंटाधार शब्द 2003 के विधानसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह के लिए बीजेपी ने उपयोग किया था, बीजेपी विधायक ने इस शब्द को लोक चर्चा का शब्द बताया है, रामेश्वर ने तर्क दिया कि दिग्विजय सिंह के 10 साल के शासनकाल में जनता के द्वारा दिया गया यह शब्द है, आगे जोड़ते हुए उन्होंने लिखा- यह दिग्विजय सिंह के 10 सालों के कार्यकाल का जीवन दर्शन है, इस शब्द को असंसदीय लिखने से कई विधायकों में रोष है, जनता जनार्दन की तरफ से मैं इस शब्द को हटाने की मांग करता हूं.

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नक्सलवादी शब्द असंसदीय कैसे: रामेश्वर शर्मा
दूसरा शब्द है नक्सलवादी, नक्सलवादी को भी असंसदीय बताया गया है, इस पर पुनर्विचार करने की बात कही गई है क्योंकि छत्तीसगढ़ की सीमा से जुड़े मध्यप्रदेश के क्षेत्र में आज भी नक्सली मूवमेंट की घटनाएं सामने आती रहती हैं, ऐसे में नक्सलवादी शब्द का उपयोग किया ही जाएगा, बीजेपी विधायक का तर्क है कि यदि नक्सलवादी शब्द को हटाया जाता है तो उसकी जगह क्या बोला जाएगा. यह शब्द तो लोकसभा या राज्यसभा जैसे उच्च सदन में भी प्रयोग किया जाता है.

फेंकू और तड़ीपार शब्द क्या असंसदीय नहीं: कांग्रेस

मध्यप्रदेश की सियासत में इस वक्त असंसदीय शब्दों की किताब चर्चा का विषय बनी है, किताब पढ़ने के बाद कांग्रेस ने टिप्पणी की है कि इसमें दो शब्दों को शामिल नहीं किया गया है तड़ीपार और फेंकू. साथ ही सवाल भी पूछ डाला कि आखिर किसके डर के चलते दो शब्दों को किताब में शामिल नहीं किया गया है. सदन के पहले दिन ही इस किताब में लिखी शब्दावली पर खूब बोला गया, सदन की गरिमा की माननीयों ने कोई परवाह नहीं की, बाहर निकलकर भी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे.

Last Updated :Aug 10, 2021, 8:02 AM IST

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